भारत के सबसे बड़े क्रूज़ टर्मिनल एमआईसीटी से संचालन शुरू, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने किया उद्घाटन

मुंबई, समुद्री इतिहास और पर्यटन के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत का गवाह बना, जब केंद्रीय पोत परिवहन, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने मुंबई इंटरनेशनल क्रूज़ टर्मिनल (एमआईसीटी) से क्रूज़ संचालन का शुभारंभ किया। अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित यह टर्मिनल भारत को वैश्विक क्रूज़ पर्यटन मानचित्र पर प्रमुख स्थान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

श्री सोनोवाल ने विक्टोरिया डॉक्स में पुनर्निर्मित फायर मेमोरियल का उद्घाटन किया, जो मुंबई पोर्ट फायर सर्विसेज के वीर कर्मियों को समर्पित एक मार्मिक श्रद्धांजलि है। इसके साथ ही कोलाबा स्थित दो विरासत भवन – फोर्ट हाउस बैलार्ड एस्टेट और एवलिन हाउस – में अग्रभाग प्रकाश व्यवस्था की शुरुआत कर शहर की ऐतिहासिक सुंदरता को नया आयाम दिया।

एमआईसीटी: भारत का गर्व, भविष्य का प्रवेश द्वार

एमआईसीटी को ‘क्रूज़ भारत मिशन’ के तहत वैश्विक मानकों पर विकसित किया गया है। 4.15 लाख वर्ग फुट में फैले इस भव्य टर्मिनल में हर साल 10 लाख यात्रियों को संभालने की क्षमता है। इसकी पहली दो मंज़िलों पर 72 चेक-इन और इमिग्रेशन काउंटर हैं, जबकि ऊपरी दो मंज़िलें वाणिज्यिक उपयोग के लिए आरक्षित हैं। यह टर्मिनल 11 मीटर ड्राफ्ट और 300 मीटर तक की लंबाई वाले पाँच जहाजों को एक साथ संभालने में सक्षम है।

टर्मिनल का वास्तुशिल्प डिजाइन समुद्री पहचान को दर्शाता है, जिसमें लहरदार छत, गुलाबी सोने के लहजे और आधुनिक आंतरिक सज्जा के साथ यात्रियों को भव्यता और सुविधा का अनूठा अनुभव मिलता है। सेल्फी प्वाइंट्स, बैठने की आकर्षक व्यवस्था और हर कोना आधुनिकता व परंपरा का मेल है।

क्रूज़ भारत मिशन: समुद्री पर्यटन की नई ऊंचाइयों की ओर

इस अवसर पर श्री सोनोवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘बंदरगाह आधारित समृद्धि’ के आह्वान ने देश की समुद्री महत्वाकांक्षाओं को एक नई दिशा दी है। ‘क्रूज़ भारत मिशन’ के तीन स्तंभ – महासागर व हार्बर क्रूज़, नदी व अंतर्देशीय क्रूज़, तथा द्वीप व लाइटहाउस क्रूज़ – भारत को विश्व के प्रमुख क्रूज़ गंतव्यों में स्थान दिलाने के लिए संकल्पबद्ध हैं।

मिशन के तहत डिजिटल सहजता, सर्किट एकीकरण, पर्यावरणीय स्थिरता और वैश्विक साझेदारी को एकीकृत किया जा रहा है। यह पहल भारत को एक साहसिक, समावेशी और भविष्य उन्मुख क्रूज़ राष्ट्र के रूप में स्थापित करेगी।

समर्पित निवेश और विरासत के प्रति प्रतिबद्धता

एमआईसीटी परियोजना में कुल 556 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। वहीं, वधावन बंदरगाह पर 5700 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इनमें कंटेनर और बल्क कार्गो टर्मिनल, लिक्विड कार्गो जेटी और टैंक फार्म शामिल हैं, जो भारत के समुद्री क्षेत्र को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में खड़ा करने में अहम भूमिका निभाएंगे।

वधावन पोर्ट को वैश्विक शीर्ष 10 बंदरगाहों में शामिल करने के प्रधानमंत्री के विजन को साझा करते हुए श्री सोनोवाल ने इसे देश के विकास में एक बड़ा उत्प्रेरक बताया।

ग्रीन पोर्ट पहल: पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी

पर्यावरणीय संतुलन और परिचालन दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से ‘शोर टू शिप’ इलेक्ट्रिक सप्लाई की शुरुआत की गई है, जिससे टग बोट्स और कोस्ट गार्ड जहाजों को बिना इंजन चालू किए बिजली मिल सकेगी। इससे ध्वनि और वायु प्रदूषण में उल्लेखनीय कमी आएगी।

साथ ही, सागर उपवन उद्यान का पुनरुद्धार कर उसे प्राकृतिक और पर्यावरणीय संतुलन का केंद्र बनाया गया है। अरब सागर के किनारे स्थित यह उद्यान अब 500 से अधिक प्रकार के पौधों, समुद्र दर्शन के सुंदर स्थानों और छात्रों के लिए जीवित प्रयोगशाला के रूप में विकसित किया गया है।

सामाजिक सरोकार और भविष्य की नींव

कार्यक्रम में वधावन बंदरगाह के तहत अनेक सामाजिक और सामुदायिक परियोजनाओं की भी शुरुआत की गई। जेएनपीए को मालेट बंदर में कार्पोरेट भवन के लिए ज़मीन सौंपी गई, हरे कृष्ण मिशन को सामाजिक गतिविधियों के लिए भूमि हस्तांतरित की गई और बंदरगाह आधारित लॉजिस्टिक्स को मजबूत करने के लिए ई शेड सौंपा गया।

साझा लक्ष्य, उज्ज्वल भविष्य

राज्य मंत्री श्री शांतनु ठाकुर ने कहा कि ये पहल प्रधानमंत्री के “स्थायी और पर्यटन-संचालित समुद्री अर्थव्यवस्था” के दृष्टिकोण को मूर्त रूप देने की दिशा में परिवर्तनकारी कदम हैं। यह न केवल तटीय पर्यटन को बढ़ावा देता है, बल्कि भारत की वैश्विक समुद्री नेतृत्व को भी मजबूती प्रदान करता है।

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में 2014 के बाद से समुद्री क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। कार्गो संचालन, तटीय व्यापार और क्रूज़ यात्रियों की संख्या में असाधारण वृद्धि इसके स्पष्ट प्रमाण हैं।

उपस्थित गणमान्य व्यक्तित्व

इस ऐतिहासिक मौके पर केंद्रीय मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल के साथ श्री शांतनु ठाकुर, एमबीपीए अध्यक्ष सुशील कुमार सिंह, जेएनपीए अध्यक्ष उन्मेष शरद वाघ, एमबीपीए उपाध्यक्ष आदेश तितरमारे और जेएम बक्सी के प्रबंध निदेशक ध्रुव कोटक सहित मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

मुंबई इंटरनेशनल क्रूज़ टर्मिनल की शुरुआत और वधावन पोर्ट परियोजनाएं भारत के समुद्री भविष्य की नींव हैं। यह न केवल भारत के पर्यटन और व्यापार को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगी, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भी मजबूत योगदान देंगी।

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