उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए NEET UG समेत विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। गौतम बुद्ध नगर जिले के नोएडा से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान विक्रम कुमार शाह, धर्मपाल सिंह और अनिकेत कुमार के रूप में हुई है। ये गिरफ्तारियां नोएडा के सेक्टर-3 इलाके में थाना फेज-1 की सीमा में की गईं। इन आरोपियों के खिलाफ फेज-1 थाना क्षेत्र में FIR नंबर 182/2025 दर्ज कर ली गई है। उन पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 318, 319, 336, 337, 338, 340 और 61(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। स्थानीय पुलिस ने आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
STF ने आरोपियों के कब्जे से भारी मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है, जिसमें छह कॉलिंग मोबाइल फोन, चार पर्सनल फोन, दो एन्क्रिप्टेड आधार कार्ड, कैंडिडेट डेटा शीट, पैन कार्ड, क्रेडिट कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट, चेक बुक, एप्पल मैकबुक और एक टोयोटा फॉर्च्यूनर गाड़ी शामिल है।
STF को 3 मई को पुख्ता सूचना मिली थी कि सेक्टर-3 में स्थित इस गिरोह के दफ्तर से NEET UG उम्मीदवारों के परिजनों से संपर्क कर पेपर लीक कर पास कराने के नाम पर मोटी रकम वसूली जा रही है। इसके बाद STF नोएडा यूनिट ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजकुमार मिश्रा और उपाधीक्षक नवेंदु कुमार के नेतृत्व में छापेमारी कर कार्रवाई की।
STF के अनुसार, आरोपी मौके पर रंगे हाथ पकड़े गए और तुरंत हिरासत में ले लिए गए। पूछताछ में 30 वर्षीय विक्रम कुमार शाह ने बताया कि वह मूल रूप से बिहार के दरभंगा का रहने वाला है। 2011 में वह चेन्नई के विनायक मिशन यूनिवर्सिटी में बायोटेक्नोलॉजी की पढ़ाई करने गया था, जहां उसकी मुलाकात अनिकेत कुमार से हुई। दोनों ने साथ मिलकर विश्वविद्यालय में एडमिशन दिलवाने का खेल शुरू किया और हर एडमिशन पर 30% कमीशन लेते थे।
पढ़ाई पूरी करने के बाद विक्रम दिल्ली आ गया, जहां उसकी मुलाकात धर्मपाल सिंह से हुई। फिर दोनों ने मिलकर “एडमिशन व्यू” नाम की कंपनी बनाई और MBBS अभ्यर्थियों का डेटा इकट्ठा करना शुरू किया। STF के अनुसार, ये लोग छात्रों के परिजनों से संपर्क कर गारंटी के साथ एडमिशन दिलाने का लालच देते थे और प्रति कैंडिडेट 5 लाख रुपये वसूलते थे।
गिरोह उम्मीदवारों को सलाह देता था कि OMR शीट में केवल उन्हीं सवालों के जवाब भरें जिनके वे पूरी तरह से आश्वस्त हैं, बाकी को खाली छोड़ दें। इसके बाद ये लोग OMR शीट बदलवाकर उसमें सही जवाब भरवा देते थे। यदि कैंडिडेट का एडमिशन हो जाता था तो पैसे हड़प लेते थे, और अगर एडमिशन न हो तो पैसे लौटाने में देर करते या कानूनी दबाव बढ़ने पर फरार हो जाते।
कई शिकायतें मिलने के बाद इस गिरोह ने 2023 में खुद को नया नाम दिया और “श्रेयान्वी एडु ओपीसी प्राइवेट लिमिटेड” के नाम से नोएडा सेक्टर-3 में फिर से कंपनी रजिस्टर कर उसी फर्जीवाड़े को अंजाम देना शुरू कर दिया। NEET UG 2025 परीक्षा से पहले भी ये लोग सक्रिय थे।
फिलहाल STF इस मामले में गहराई से जांच कर रही है और अन्य लोगों की संलिप्तता की भी जांच जारी है।