बिलासपुर की लचर ट्रैफिक व्यवस्था सुधरेगी कब

बिलासपुर। लाखों की आबादी वाले शहर में ट्रैफिक व्यवस्था बदहाल है। शहर में आए दिन ट्रैफिक की समस्या बनी रहती है। शिकायतों के बावजूद ट्रैफिक सिस्टम सुधरता नजर नहीं आ रहा है। छत्तीसगढ़ के दूसरे सबसे बड़े शहर का ट्रैफिक सिस्टम फिसड्डी साबित हो रहा है। शहर में आये दिन ट्रैफिक की समस्या बनी रहती है। लोग बदइंतजामी के शिकार भी होते हैं, लेकिन लोगों की लाख शिकवा शिकायत के बाद भी शहर का ट्रैफिक सिस्टम सुधरता नहीं है। ट्रैफिक विभाग से जुड़े जिम्मेदार अपनी ही समस्या सुनाते दिखते हैं। तेजी से बढ़ती आबादी वाले शहर में ट्रैफिक की समस्या एक आम बात हो चली है। वहीं बढ़ते शहर के दायरे और जनसंख्या के दबाव के बाद भी ट्रैफिक सिस्टम को और पुख्ता नहीं किया गया। यही वजह है कि लोग ट्रैफिक की समस्या से परेशान हो रहे हैं। शहर में ट्रैफिक व्यवस्था लचर और खराब होने के  कई कारण हैं, जैसे कि सड़कों की स्थिति, वाहनों की अधिक संख्या, और ट्रैफिक नियमों का पालन न होना। 

बिलासपुर में ट्रैफिक व्यवस्था बदहाल

ट्रैफिक विभाग से जुड़े अधिकारी बताते हैं कि लोगों में आज भी ट्रैफिक सेंस की भारी कमी है। लोग अपनी गाड़ी को पार्क नहीं करना चाहते और कहीं भी गाड़ी लगा देते हैं। प्राय युवा चाहे युवक हो या युवतियां रॉन्ग साइड में चलाना, कहीं से भी गाड़ी को मोड़ देना अपनी शान समझते हैं। ये लोग रील बनाने के चक्कर में मुख्य मार्ग में फर्राटे से गाड़ी चलाकर ट्रैफिक की परवाह नहीं करना यह भी ट्रैफिक सेंस के विरुद्ध है। ऑटो वाले भी सवारी के चक्कर में अचानक कहीं भी गाड़ी रोक देते हैं जो दुर्घटना के कारण बनते हैं। कई बार सीसीटीवी कैमरे के बिगड़ने की शिकायत भी आती है, लेकिन हमारी कोशिश रहती है कि उसे जल्द ठीक कर दें। 

सिम्स चौक से गांधी चौक तक सबसे अधिक समस्या

शहर में सिम्स चौक से गोलबाजार, कोतवाली चौक होते हुए गांधी चौक तक सर्वाधिक ट्रैफिक की समस्या सामने आती है। इस क्षेत्र में व्यावसायिक प्रतिष्ठान अधिक हैं और सड़कों के कम चौड़ा होने के कारण ट्रैफिक की सम यहां सबसे ज्यादा रहती है। कोतवाली चौक समेत कई चौक-चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल नाममात्र का लगा हुआ है। यह सिग्नल लाइट त्रुटिपूर्ण लगे हुए हैं। 

आम नागरिकों का कहना है कि ये सिग्नल तो कई बार दिखाई भी नहीं देता, और बेवजह चालान हमको पटाना पड़ रहा है। अधिकारियों का कहना है कि सड़क चौड़ीकरण ना होने की वजह से कई तरह की समस्या आती है। इस बात को विभाग को कई बार अवगत कराया जाता है, लेकिन होता कुछ भी नहीं है। 

शहर में ज्यादा ट्रैफिक फेल कहां – कहां 

अधिकारियों का कहना है कि शहर में मल्टीलेवल पार्किंग की सख्त दरकार है और हमारे पास आवश्यकता के अनुरूप बल भी कम हैं। शहर के सीपत चौक, बसंत विहार चौक, शिव टॉकीज चौक, कोतवाली चौक, सेंट फ्रांसिस चौक, नेहरू चौक, मंगला चौक, इंदू चौक, सत्यम चौक और अग्रसेन चौक पर ट्रैफिक सिग्नल पॉइंट लगाए गए हैं. जहां आए दिन सिग्नल फेल होने की शिकायत मिलती रहती है।

शहर में इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम फेल

महानगर की ओर बढ़ रहे शहर में बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड 147.37 करोड़ का इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम है। स्मार्ट सिटी का मकसद लोगों को विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराने का है, परंतु इस बड़ी परियोजना के लागू होने से भी लोगों को लचर ट्रैफिक व्यवस्था और जाम से राहत मिल नहीं रही। सदर बाजार से गोल बाजार और जवाली पुल, पुराने बस स्टैंड, देवकीनंदन चौक और अग्रसेन चौक आदि हर जगह आफिस टाइम या शाम, रात के वक्त बार बार जाम की नौबत आती है। जवाली नाला से बिलासा चौक और रपटा रोड तक आलम यह रहता कि ट्रैफिक रेंगने लगता है।

 लचर ट्रैफिक के कारण

 सड़कों की स्थिति: की सड़कें कई जगहें खराब हैं, जिससे ट्रैफिक जाम होता है!

वाहनों की अधिक संख्याःशहर में वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे सड़कों पर भीड़भाड़ बढ़ रही है!

ट्रैफिक नियमों का पालन न होनाः कई लोग ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करते हैं, जिससे ट्रैफिक जाम होता है!

सड़कें संकरीः नगर की कुछ सड़कें बहुत संकरी हैं, जिससे ट्रैफिक जाम होता है।

अव्यवस्थित पार्किंगः सड़कों के किनारे अवैध पार्किंग भी ट्रैफिक जाम का एक कारण है।

दुर्घटनाएं :सड़क दुर्घटनाएं भी ट्रैफिक जाम का कारण बन सकती हैं।

 युवा नहीं करते ट्रैफिक नियमों का पालन

इसके अलावा यूथ में तेजरफ्तार गाड़ी चलाने का क्रेज भी काफी खतरनाक हो चला है. लाख समझाइश के बाद भी युवा ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करते। यहीं वजह है कि बड़े पैमाने पर सड़क दुर्घटना के मामले सामने आते रहते हैं। कैमरे से ट्रैफिक कंट्रोल को लागू होने में सालभर लगेंगे। 

लचर ट्रैफिक के दुष्परिणाम

समय की बर्बादी :ट्रैफिक जाम के कारण लोगों को यात्रा में बहुत समय बर्बाद होता है।

ईंधन की बर्बादी : ट्रैफिक जाम के कारण वाहनों का ईंधन भी अधिक खर्च होता है। 

 प्रदूषणः ट्रैफिक जाम के कारण प्रदूषण भी बढ़ता जाता है।

तनावःट्रैफिक जाम के कारण लोगों को तनाव भी होता है। 

 ट्रेफिक व्यवस्था में समाधान

सड़कों की मरम्मतःसड़कों की मरम्मत करके ट्रैफिक जाम को कम किया जा सकता है।

सड़कों का विस्तारः सड़कों का विस्तार करके ट्रैफिक जाम को कम किया जा सकता है।

ट्रैफिक नियमों का पालनः ट्रैफिक नियमों का पालन सुनिश्चित करके ट्रैफिक जाम को कम किया जा सकता है। सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावाः सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देकर निजी वाहनों की संख्या को कम किया जा सकता है।

स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टमः स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम को लागू करके ट्रैफिक जाम को कम किया जा सकता है। अव्यवस्थित पार्किंग पर रोकः सड़कों के किनारे अवैध पार्किंग पर रोक लगाकर ट्रैफिक जाम को कम किया जा सकता है।

सुरेश सिंह बैस "शाश्वत"
सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”
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