नागरिकों को केंद्र में रखकर प्रशासनिक प्रणाली को और अधिक उत्तरदायी एवं पारदर्शी बनाने की दिशा में एक सराहनीय पहल के तहत प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) तथा सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) द्वारा 20 मई, 2025 को एक विशेष लाइव सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र का उद्देश्य सीपीजीआरएएमएस पोर्टल पर प्राप्त कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से संबंधित शिकायतों के त्वरित समाधान को सुनिश्चित करना था।

इस महत्वपूर्ण आयोजन में डीएआरपीजी के सचिव श्री वी. श्रीनिवास, केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त श्री रमेश कृष्णमूर्ति, श्रम और रोजगार मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री आलोक मिश्रा तथा सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री संजय कुमार राकेश जैसी प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया। देशभर से ग्राम स्तरीय उद्यमियों (वीएलई) की सक्रिय भागीदारी ने इस सत्र को विशेष रूप से प्रभावी बना दिया।
श्री संजय कुमार राकेश ने शिकायत निवारण के क्षेत्र में सीएससी की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए बताया कि किस प्रकार देश के अंतिम छोर तक सेवा पहुंचाने में वीएलई अहम भूमिका निभा रहे हैं। वहीं, श्री वी. श्रीनिवास ने वर्ष 2025 के दौरान ईपीएफओ से संबंधित शिकायतों की प्रवृत्तियों पर एक व्यापक प्रस्तुति दी और बताया कि सीएससी के माध्यम से कैसे शिकायत निवारण प्रक्रिया को गति मिली है। उन्होंने सीपीजीआरएएमएस प्लेटफॉर्म की उपयोगिता और जागरूकता को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त श्री रमेश कृष्णमूर्ति ने ईपीएफओ की आधुनिक सेवाओं जैसे पीएफ निकासी की सरल प्रक्रिया, उमंग ऐप से यूएएन निर्माण, तथा खाता स्थानांतरण में हुए नवीनतम सुधारों की विस्तृत जानकारी साझा की, जिससे लाभार्थियों को हो रही असुविधाएं कम हों और सेवाओं की दक्षता बढ़े।
सत्र के अंतिम भाग में महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तराखंड के वरिष्ठ अधिकारियों एवं वीएलई के बीच सीधा संवाद हुआ, जिसमें जमीनी स्तर की समस्याओं को सुना गया और स्थानीय समाधान सुझाए गए।
यह आयोजन माननीय प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए उस दृष्टिकोण का हिस्सा है, जिसके तहत शिकायत निवारण तंत्र को अधिक संवेदनशील, सरल और प्रभावशाली बनाया जा रहा है। सीपीजीआरएएमएस और सीएससी जैसे प्लेटफॉर्म सरकार की इस प्रतिबद्धता के सशक्त माध्यम बन रहे हैं, जो समावेशी, पारदर्शी और जवाबदेह शासन की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं।