सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने “नीति निर्माण के लिए वैकल्पिक डेटा स्रोतों और अग्रणी प्रौद्योगिकियों का उपयोग” विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) ने नीति आयोग और ज्ञान भागीदार के रूप में विश्व बैंक के सहयोग से आज भारत मंडपम, नई दिल्ली में नीति निर्माण के लिए वैकल्पिक डेटा स्रोतों और अग्रणी प्रौद्योगिकियों के उपयोग पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन किया। कार्यशाला का आयोजन 5-6 जून तक होगा।

उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में नीति आयोग के उपाध्यक्ष और प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष श्री सुमन के. बेरी , भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) डॉ. वी. अनंथा नागेश्वरन, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन सचिव डॉ. सौरभ गर्ग और सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के महानिदेशक (डेटा गवर्नेंस) श्री पीआर मेश्राम उपस्थित थे इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों, विश्व बैंक सहित अंतरराष्ट्रीय संगठनों, शैक्षणिक और शोध संस्थानों और निजी क्षेत्र की संस्थाओं के 450 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष और प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष श्री सुमन के. बेरी ने मुख्य भाषण में पारंपरिक डेटा को वैकल्पिक डेटा स्रोतों के साथ एकीकृत करने के प्रारुप पर बल दिया। श्री बेरी ने डेटा संग्रह के पारंपरिक तरीकों और कठोर सांख्यिकीय विश्लेषण के माध्यम से उत्पन्न डेटा का उपयोग करने पर ध्यान केंद्रित किया, जो साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण का आधार बनता है। उन्होंने प्रशासनिक डेटा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के महत्व पर प्रकाश डाला। पारंपरिक और वैकल्पिक डेटा स्रोतों से प्राप्त जानकारी को सशक्त करने की आवश्यकता है, साथ ही डेटा प्रोसेसिंग और आत्मसात पर भी बल दिया जाना चाहिए।

भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी. अनंथा नागेश्वरन ने इस बात पर बल दिया कि सांख्यिकीय प्रणालियों द्वारा उत्पन्न डेटा और वैकल्पिक डेटा एक दूसरे के पूरक हैं, न कि एक दूसरे को प्रतिस्थापित करते हैं। डॉ. नागेश्वरन ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) सहित प्रौद्योगिकी में नवीनतम प्रवृत्ति को जनशक्ति के कौशल के साथ-साथ चलना होगा, एल्गोरिदम के उन्नत डिजाइन के साथ डेटा की गुणवत्ता की प्रामाणिकता, विश्वसनीयता सुनिश्चित करना इस प्रयास में महत्वपूर्ण है। उन्होंने उल्लेख किया कि सांख्यिकीय प्रणालियों द्वारा उत्पन्न डेटा भारत में नीति निर्माण का आधार रहा है और अभी भी अत्यावश्यक बना हुआ है।

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन सचिव डॉ. सौरभ गर्ग ने अपने संबोधन में इस बात पर प्रकाश डाला कि सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय पिछले कुछ वर्षों से इस बात पर विचार-विमर्श कर रहा है कि मौजूदा राष्ट्रीय सांख्यिकी प्रणाली में वैकल्पिक डेटा स्रोतों को कैसे एकीकृत किया जा सकता है और यह कार्यशाला पिछले प्रयासों का परिणाम है। व्यावहारिक उपयोगिता वाले डेटा के सामंजस्य को बढ़ाने के उद्देश्य से, डॉ. गर्ग ने इस तरह के प्रयास को प्राप्त करने के लिए पाँच प्रमुख बिदुंओ अर्थात् मेटा डेटा संरचनाएँ, अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय वर्गीकरण, विशिष्ट पहचानकर्ता, स्व-गुणवत्ता मूल्यांकन उपकरण और विविध डेटा का सामंजस्य को सूचीबद्ध किया। उन्होंने पारंपरिक डेटा स्रोतों के साथ-साथ वैकल्पिक डेटा स्रोतों के उपयोग के लिए एक सक्षम वातावरण बनाने और बेहतर सार्वजनिक सेवा वितरण और सशक्त नीति निर्माण के लिए अग्रणी तकनीकों की खोज करने का आह्वान किया।

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के महानिदेशक (डेटा गवर्नेंस) श्री पी.आर. मेशरम ने अपने स्वागत भाषण में दोहराया कि एनएसओ इंडिया ने अपने समय-परीक्षणित सांख्यिकीय उत्पादों के साथ, लंबे समय तक साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण की सुविधा प्रदान की है। उन्होंने कहा कि देश के डेटा इको-सिस्टम को मजबूत करने और वास्तविक समय में साक्ष्य आधारित निर्णय लेने के लिए डेटा प्रदान करने के लिए वैकल्पिक डेटा स्रोतों और अग्रणी प्रौद्योगिकियों का उपयोग करना समय की मांग है। उन्होंने आगे कहा कि यह एक विकसित राष्ट्र ‘विकसित भारत’ बनने के हमारे दृष्टिकोण का सहयोग करने वाली बढ़ी हुई सांख्यिकीय क्षमताओं को विकसित करने के अनुरूप है।

कार्यशाला के उद्घाटन दिवस पर सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने वार्षिक प्रकाशन ‘एनवीस्टेट्स इंडिया, 2025: पर्यावरण सांख्यिकी’ भी जारी किया। यह प्रकाशन नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं और अन्य हितधारकों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है, जो देश के पर्यावरण परिदृश्य का व्यापक अवलोकन प्रस्तुत करता है।

उद्घाटन सत्र ने पूर्ण सत्र और चार समानांतर तकनीकी सत्रों के लिए भूमिका बनाई, जो 5-6 जून, 2025 के दौरान दो दिनों के लिए आयोजित किए जाएंगे, जो वैकल्पिक डेटा स्रोतों और अग्रणी प्रौद्योगिकियों पर केंद्रित होंगे । पूर्ण सत्र में प्रतिष्ठित वक्ताओं श्री ऑगस्टे तानो कौमे, कंट्री डायरेक्टर, विश्व बैंक; डॉ. अरविंद कुमार, प्रमुख (एनएसटीएमआईएस); श्री दलीप सिंह, एडीजी, एमओएसपीआई और श्री रिचर्ड कैंपबेल, उप निदेशक, यूके ऑफिस ऑफ नेशनल स्टैटिस्टिक्स ने भू-स्थानिक डेटा अधिग्रहण और साझाकरण, सांख्यिकीय व्यवसाय रजिस्टर का विकास और सांख्यिकीय आधुनिकीकरण के लिए डेटा विज्ञान के उपयोग आदि पर विशिष्ट अध्ययनों पर विचार-विमर्श किया।

भविष्य की कार्ययोजना:

चार तकनीकी सत्रों में एआई और डेटा विज्ञान; पर्यटन सांख्यिकी के लिए मोबाइल फोन डेटा, नमूनाकरण और महासागर लेखांकन के लिए भू-स्थानिक डेटा; और, सीपीआई संकलन के लिए स्कैनर डेटा विषयों पर नीति आयोग, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय, अन्य मंत्रालयों/विभागों, राज्य सरकारों और विभिन्न राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय संगठनों आदि के क्षेत्र विशेषज्ञों के साथ प्रस्तुतियां और परिचर्चा सम्मिलित होगीं। आशा है कि इससे नीति निर्माण में वैकल्पिक डेटा स्रोतों के उपयोग को संस्थागत बनाने के लिए आवश्यक प्रणालियों की गहरी सोच का विकास होगा।

आपका सहयोग ही हमारी शक्ति है! AVK News Services, एक स्वतंत्र और निष्पक्ष समाचार प्लेटफॉर्म है, जो आपको सरकार, समाज, स्वास्थ्य, तकनीक और जनहित से जुड़ी अहम खबरें सही समय पर, सटीक और भरोसेमंद रूप में पहुँचाता है। हमारा लक्ष्य है – जनता तक सच्ची जानकारी पहुँचाना, बिना किसी दबाव या प्रभाव के। लेकिन इस मिशन को जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की आवश्यकता है। यदि आपको हमारे द्वारा दी जाने वाली खबरें उपयोगी और जनहितकारी लगती हैं, तो कृपया हमें आर्थिक सहयोग देकर हमारे कार्य को मजबूती दें। आपका छोटा सा योगदान भी बड़ी बदलाव की नींव बन सकता है।
Book Showcase

Best Selling Books

The Psychology of Money

By Morgan Housel

₹262

Book 2 Cover

Operation SINDOOR: The Untold Story of India's Deep Strikes Inside Pakistan

By Lt Gen KJS 'Tiny' Dhillon

₹389

Atomic Habits: The life-changing million copy bestseller

By James Clear

₹497

Never Logged Out: How the Internet Created India’s Gen Z

By Ria Chopra

₹418

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »