प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा वितरण मूल्यांकन (एनईएसडीए-वे फॉरवर्ड) डैशबोर्ड मई, 2025 की मासिक रिपोर्ट का 25वां संस्करण जारी किया है। इस रिपोर्ट में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में ई-सेवा वितरण की स्थिति का विस्तृत अवलोकन शामिल है।

कुल ई-सेवाएं और वितरण की स्थिति
रिपोर्ट के अनुसार, मई 2025 तक पूरे भारत में कुल 21,062 ई-सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इनमें से कर्नाटक शीर्ष पर है, जहां अकेले 2,089 ई-सेवाएं उपलब्ध हैं। सबसे अधिक सेवाएं स्थानीय प्रशासन और उपयोगिता सेवाएं (Local Governance & Utility Services) क्षेत्र में हैं, जिनकी संख्या 7,065 है।
बीते महीने की तुलना में 424 नई सेवाओं को जोड़ा गया, जिनमें सबसे अधिक वृद्धि त्रिपुरा में देखी गई।
अनिवार्य ई-सेवाओं की स्थिति
NeSDA ने 59 अनिवार्य ई-सेवाएं निर्धारित की हैं। मई 2025 तक 1,618 अनिवार्य ई-सेवाएं उपलब्ध कराई जा चुकी हैं, जो कुल लक्ष्य का लगभग 79% है। इस महीने 5 नई सेवाएं जोड़ी गईं और 2 सेवाओं को सूची से हटाया गया।
कुल 16 राज्य/केंद्रशासित प्रदेश ऐसे हैं जिन्होंने 90% से अधिक सेवाओं को उपलब्ध करा दिया है, जबकि महाराष्ट्र और उत्तराखंड ने 100% संतृप्ति हासिल कर ली है।
एकीकृत सेवा पोर्टलों के माध्यम से सेवा वितरण
NeSDA की यह रिपोर्ट यह भी दर्शाती है कि डिजिटल एकीकरण की दिशा में कुछ राज्य बड़ी उपलब्धियां हासिल कर चुके हैं। 6 राज्य/UT ने अपनी सभी ई-सेवाओं को एकल पोर्टल पर एकीकृत कर दिया है, जिनमें शामिल हैं:
- कर्नाटक – सेवा सिंधु (Seva Sindhu): 2089 सेवाएं
- जम्मू और कश्मीर – ई-उन्नत (e-UNNAT): 1164 सेवाएं
- केरल – ई-सेवनम (e-Sevanam): 938 सेवाएं
- उत्तराखंड – अपनी सरकार (Apuni Sarkar): 935 सेवाएं
- असम – सेवा सेतु (Sewa Setu): 733 सेवाएं
- ओडिशा – ओडिशा वन (Odisha One): 404 सेवाएं
हालांकि, रिपोर्ट यह भी संकेत देती है कि करीब 50% राज्य/UT अब भी 50% से कम सेवाएं अपने एकीकृत पोर्टलों के माध्यम से प्रदान कर रहे हैं, जिससे आगे और सुधार की आवश्यकता है।
सेवा सुधार में आरटीएस आयोगों की भूमिका
Right to Service (RTS) आयोगों ने सेवा वितरण को सुगम और पारदर्शी बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। रिपोर्ट में चंडीगढ़ RTS आयोग की प्रशंसनीय पहलें रेखांकित की गई हैं। यहां पर 31 विभागों की 441 सेवाएं अधिसूचित की गई हैं, जिनमें से 364 सेवाएं (83%) पूरी तरह डिजिटल रूप में उपलब्ध हैं।
RTS आयोग की सक्रिय निगरानी के कारण समय पर सेवा न देने वाले अधिकारियों पर जुर्माना लगाया जाता है। इससे जवाबदेही बढ़ी है और नागरिकों का विश्वास मजबूत हुआ है।
बेहतरीन प्रथाएं – केंद्रीय मंत्रालय और शहरी निकाय
रिपोर्ट में GST पोर्टल और राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल को केंद्रीय सरकार के उत्कृष्ट उदाहरणों के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इसके अतिरिक्त गुरुग्राम और अगरतला नगर निगम के प्रयासों को भी शहर स्तर पर ई-गवर्नेंस की सर्वोत्तम प्रथाओं के रूप में दर्शाया गया है।
नोट: उपर्युक्त आंकड़े राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा 31 मई 2025 तक एनईएसडीएवे फॉरवर्ड डैशबोर्ड पर अपलोड किए गए हैं।
मई, 2025 की रिपोर्ट यहां उपलब्ध है:
https://darpg.gov.in/sites/default/files/NeSDA_May_2025.pdf