बारिश के मौसम में करें त्वचा की खास केयर

इस मौसम में त्वचा का बुनियादी प्रकार भी काफी हद तक बदल जाता है और मौसम के प्रति सामान्य प्रतिक्रिया भी बदल जाती है। सामान्य त्वचा तैलीय हो जाती है और तेलीय त्वचा पर और अधिक तेल आने लगता है

विनीता झा कार्यकारी संपादक

बारिश के मौसम हर किसी को लुभाता है और लोग उसमें भीग जाने को उत्साहित भी रहते है लेकिन इस मौसम में अप्रत्याशित बौछार, गर्मी और उमस त्वचा के लिए बेहद हानिकारक होती है। इस मौसम में त्वचा संबंधी रोग, संक्रमण और जलन आदि होने का खतरा भी चार गुणा बढ़ जाता है। क्योंकि इस दौरान हवा में मौजूद नमी त्वचा में पसीने और तेल के स्राव को बढ़ाती है। इतना ही नहीं इस मौसम में त्वचा का बुनियादी प्रकार भी काफी हद तक बदल जाता है और मौसम के प्रति सामान्य प्रतिक्रिया भी बदल जाती है। सामान्य त्वचा तैलीय हो जाती है और तेलीय त्वचा पर और अधिक तेल आने लगता है। ड्राई स्किन की कुछ अपनी जटिलताएं होती है।
रखें इन बातों का ख्याल
1. जब भी आपका चेहरा गीला हो जाए तो टीशू से साफ करें और रूखापन महसूस होने पर मॉइश्चराइजर जरूर लगाएं।
2. प्रतिदिन चेहरे को साफ पानी से अच्छी तरह से धोएं और बर्फ के टुकड़े को 5-10 मिनट तक चेहरे पर रगड़ें, ऐसा करने से पसीना नहीं आता और नमी की वजह से पिंपल्स भी नहीं आते।
3. चेहरे को चमकदार और चिकना बनाए रखने के लिए जरूरी त्वचा की सतह पर अत्यधिक तेल न रहने दें, इसके लिए कुछ घर पर बनाए पैक का प्रयोग करते रहें।
4. मानसून में पाउडर आधारित सनस्क्रीन बहुत उपयोगी होता है। जबकि शुष्क त्वचा वालों को तेल आधारित क्रीम लगानी चाहिए इससे त्वचा नरम और चमकदार बनी रहती है।
5. मानसून के दौरान हवा में जलजनित रोगाणुओं की संख्या बहुत अधिक बढ़ जाती है। ऐसे में एक अच्छा एंटी बैक्टीरियल टोनर त्वचा संक्रमण और मौसम के दुष्प्रभाव को रोकने में मदद करता है।
6. मॉनसून में त्वचा को शुष्क रखना ही संक्रमण से निपटने का एक मात्र उपाय है इस मौसम में रेशमी कपड़ों को पहनने से परहेज करें, केवल सूती वस्त्र ही पहनें। गीले बालों को तब तक न बांधे जब तक वो पूरी तरह से ना सूख जाएं।
खास टिप्स
मानसून में अपने खाने को अच्छे से पकाएं। कच्चा या अधपका खाने का मतलब है कि आप बीमारियों को दावत दे रहे हैं। गर्मा गरम भजिया की जगह ताजा फल और सब्जियों का सेवन अधिक करें।
हल्का भोजन करें, क्योंकि मानसून में शरीर भोजन को जल्दी नहीं पचा पाता है। अपने पाचन तंत्र को बेहतर बनाने के लिए लहसुन, काली मिर्च, अदरक, हल्दी और धनिया का सेवन करें।
अगर आप मांसाहारी हैं, तो सूप और स्टू जैसे हल्के आहार ही लें। भारी भरकम मांशाहारी भोजन से दूरी बनाएं।
वैसे तो मानसून में स्ट्रीट फूड से खुद को दूर रखना थोड़ा मुश्किल है। फिर भी जितना ज्यादा से ज्यादा हो सके इससे बचें। स्ट्रीट फूड में कई तरह के जर्म होते हैं, जो बीमारियों को जन्म देते हैं।
फल और सब्जी पर खास ध्यान दें। विशेषकर पत्तियों वाले सब्जी पर। क्योंकि इसमें कई तरह के लारवा, धूल और कृमि होते हैं। इन बैक्टीरिया से छुटकारा पाने के लिए इसे पानी में अच्छी तरह धोएं। इससे भी अच्छा तरीका यह है कि फल और सब्जी को नमक पानी में डुबो कर 10 मिनट तक खौलाएं। इससे इसके सारे बैक्टीरिया नष्ट हो जाएंगे।
बासी खाना खाने से बचें। सब्जी आदि काटने के लिए प्रयोग किए जाने वाले चॉपिंग बोर्ड को इस्तेमाल करने से पहले अच्छी तरह से धाएं। खाना खाने से पहले, खाना खाने के बाद और टॉयलेट से आने के बाद हाथ को अच्छी तरह से धोएं?
सामान्य त्वचा वालों को ज्यादा एसपीएफ वाला सनस्क्रीन इस्तेमाल करना चाहिए और तेलीय त्वचा वालों को मिनरल फिलर वाला सनस्क्रीन लगाना चाहिए। तेलीय त्वचा वालों को डी क्लींजर नियमित इस्तेमाल करना चाहिए क्यों कि इस मौसम में त्वचा में धूल मिट्टी जमा हो जाती है और रोम छिद्र बंद हो जाते हैं इसलिए क्लीजिंग बहुत जरूरी है।
विनीता झा

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