राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत ने 2025-2026 के अपने तीसरे ऑनलाइन लघु अवधि इंटर्नशिप कार्यक्रम (ओएसटीआई) का सफलतापूर्वक समापन कर लिया है। दो सप्ताह तक चले इस कार्यक्रम में देश के 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 74 विश्वविद्यालयों से आए छात्रों ने भाग लेकर मानव अधिकारों के विविध आयामों से परिचय प्राप्त किया। यह इंटर्नशिप 22 अगस्त, 2025 को आयोग के महासचिव श्री भरत लाल द्वारा उद्घाटित की गई थी।

समापन सत्र के मुख्य अतिथि के रूप में आयोग की सदस्य श्रीमती विजया भारती सयानी ने प्रशिक्षुओं को कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए हार्दिक बधाई दी और उनके उत्साह एवं समर्पण की सराहना की। उन्होंने अपने संबोधन में न्याय, समानता और मानव गरिमा के संरक्षक के रूप में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने महिला अधिकारों की रक्षा, बाल संरक्षण, मानसिक स्वास्थ्य, हिरासती न्याय तथा हाशिए पर रह रहे समुदायों के सशक्तिकरण जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में आयोग द्वारा किए जा रहे कार्यों का उल्लेख करते हुए छात्रों से इन मूल्यों को अपने जीवन में आत्मसात करने का आह्वान किया।
श्रीमती सयानी ने इस दो सप्ताह के प्रशिक्षण के दौरान आयोजित प्रभावशाली सत्रों की विशेष सराहना की, जिनमें मनोविज्ञान, फोरेंसिक विज्ञान, व्यवसाय और मानवाधिकार जैसे विविध क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने भाग लिया। उन्होंने छात्रों को प्रेरक उदाहरणों के माध्यम से समझाया कि वे मानवीय गरिमा के सक्रिय रक्षक बनें, अपने अर्जित ज्ञान का उपयोग सामाजिक भलाई के लिए करें और व्यक्तिगत तथा व्यावसायिक जीवन में संवैधानिक सिद्धांतों को सदैव बनाए रखें। उन्होंने युवाओं से सतर्क रहने, अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने और एक समावेशी एवं समानतामूलक समाज के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।
समापन अवसर पर आयोग की संयुक्त सचिव श्रीमती सैदिंगपुई छकछुआक ने इंटर्नशिप रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट में बताया गया कि इस दौरान प्रशिक्षुओं को न केवल विशेषज्ञों के व्याख्यान और संवादात्मक सत्रों के माध्यम से ज्ञान प्रदान किया गया, बल्कि उन्हें दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल, पुलिस स्टेशन और आशा किरण आश्रय गृह का आभासी भ्रमण भी कराया गया। इन दौरों के माध्यम से प्रतिभागियों ने सरकारी संस्थाओं की कार्यप्रणाली, मानव अधिकारों की रक्षा के तंत्र, जमीनी स्तर पर मौजूद चुनौतियों और समाज के कमजोर वर्गों के अधिकारों की सुरक्षा के उपायों को नजदीक से समझा।
कार्यक्रम के दौरान पुस्तक समीक्षा, समूह शोध परियोजना प्रस्तुति और भाषण प्रतियोगिता जैसे कई शैक्षणिक और रचनात्मक गतिविधियों का भी आयोजन किया गया। समापन सत्र में इन प्रतियोगिताओं के विजेताओं की घोषणा की गई और उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना की गई।
इस अवसर पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के संयुक्त सचिव श्री समीर कुमार और निदेशक लेफ्टिनेंट कर्नल वीरेंद्र सिंह सहित आयोग के वरिष्ठ अधिकारी, विशेषज्ञ और नागरिक समाज के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
ओएसटीआई कार्यक्रम राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जो विभिन्न शैक्षणिक पृष्ठभूमियों से आने वाले छात्रों को मानव अधिकारों के मौलिक सिद्धांतों, अंतर्राष्ट्रीय मानकों और भारतीय परिप्रेक्ष्य में मौजूद चुनौतियों से परिचित कराता है। संवादात्मक सत्रों, व्यावहारिक शिक्षण और वास्तविक जीवन से जुड़े उदाहरणों के माध्यम से यह कार्यक्रम प्रतिभागियों को मानव अधिकारों के प्रमुख मुद्दों को समझने और उनके समाधान के लिए व्यवहारिक दृष्टिकोण विकसित करने में सक्षम बनाता है।
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का यह प्रयास न केवल युवाओं में मानव अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने में सहायक है, बल्कि उन्हें समाज में न्याय, समानता और गरिमा के मूल्यों को स्थापित करने के लिए प्रेरित भी करता है। ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से देश को ऐसे संवेदनशील और जागरूक युवा मिलते हैं जो भविष्य में एक अधिक न्यायपूर्ण और समावेशी समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।