विधि एवं न्याय मंत्रालय के विधायी विभाग ने 31 अक्टूबर, 2025 को विशेष अभियान 5.0 के मुख्य चरण का सफलतापूर्वक समापन किया। यह अभियान 2 अक्टूबर, 2025 को आरंभ हुआ था, जिसका प्रमुख उद्देश्य विभाग में स्वच्छता, अभिलेख प्रबंधन में दक्षता, लंबित मामलों का निपटान और समग्र प्रशासनिक सुधार सुनिश्चित करना रहा। यह पहल भारत सरकार के विशेष अभियान 5.0 के अंतर्गत एक सशक्त कदम है, जो “स्वच्छता ही सेवा” और सुशासन की भावना को आगे बढ़ाता है।

अभियान का उद्देश्य और दायरा
विशेष अभियान 5.0 का उद्देश्य विभागीय कार्यप्रणाली को अधिक पारदर्शी, कुशल और उत्तरदायी बनाना था। इस दौरान न केवल पुराने अभिलेखों की समीक्षा और छंटाई की गई, बल्कि ई-कचरा निपटान, डिजिटल रिकॉर्ड प्रबंधन, स्वच्छता और पर्यावरणीय उत्तरदायित्व जैसे पहलुओं पर भी विशेष ध्यान दिया गया।
अभियान का संचालन नोडल अधिकारी के निर्देशन और मार्गदर्शन में किया गया, जिन्होंने सुनिश्चित किया कि प्रत्येक गतिविधि अपने निर्धारित समय-सीमा में पूरी हो।
अभियान के दौरान प्रमुख गतिविधियाँ
अभियान अवधि के दौरान विधायी विभाग में अनेक महत्त्वपूर्ण गतिविधियाँ संचालित की गईं, जिनमें से कुछ विशेष उल्लेखनीय रहीः
- लंबित मामलों के निपटान के लिए विशेष अभियान (SCPDM) 5.0 का आयोजन किया गया, जिससे फाइलों के शीघ्र निपटान में उल्लेखनीय प्रगति हुई।
- ई-कचरा प्रबंधन के तहत पुरानी इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की पहचान और निपटान की प्रक्रिया शुरू की गई, जिससे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ठोस कदम बढ़ाया गया।
- डिजिटलीकरण इकाई का दौरा विधायी विभाग के अधिकारी एवं एनएआई (राष्ट्रीय अभिलेखागार) अधिकारियों ने किया, जहां रिकॉर्ड डिजिटलीकरण की प्रक्रिया का निरीक्षण किया गया।
- विभाग में ई-कचरा प्रबंधन पर कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें कार्यस्थल पर पर्यावरणीय उत्तरदायित्व और स्थिरता पर बल दिया गया।
- स्वच्छता और रिकॉर्ड प्रबंधन को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए, विभाग ने फाइलों और दस्तावेजों की व्यवस्थित छंटाई की।
- भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार (NAI) को स्थानांतरण हेतु भारत के राजपत्र और राज्य अधिनियम खंडों की सूची तैयार की गई।
- माननीय केंद्रीय मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने विभाग में चल रही विशेष अभियान 5.0 गतिविधियों की समीक्षा की और कार्यप्रगति की सराहना की।
- ई-नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से स्क्रैप वस्तुओं का सफल निपटान किया गया, जिससे पारदर्शिता और वित्तीय अनुशासन को बल मिला।
- शास्त्री भवन के बाहरी परिसर में स्वच्छता अभियान संचालित किया गया, जिसमें अधिकारियों और कर्मचारियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई।
- दीवार पेंटिंग पहल को “सर्वोत्तम अभ्यास” के रूप में अपनाया गया, जिससे कार्यस्थल को स्वच्छ और प्रेरणादायक बनाया गया।
- भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार में अभिलेखों का स्थानांतरण किया गया, जिससे ऐतिहासिक दस्तावेजों का बेहतर संरक्षण सुनिश्चित हुआ।
- राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा पर कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें विभागीय अधिकारियों को साइबर जागरूकता और डेटा सुरक्षा के उपायों पर जानकारी दी गई।
- 25 वर्ष से अधिक पुराने अभिलेखों का मूल्यांकन और राष्ट्रीय अभिलेखागार को हस्तांतरण किया गया, जिससे रिकॉर्ड प्रबंधन की पारदर्शिता बढ़ी।
- राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर “एकता के लिए दौड़” कार्यक्रम आयोजित किया गया, जो राष्ट्रीय एकता और सौहार्द का प्रतीक रहा।
- एनएआई अधिकारियों द्वारा फाइलों का मूल्यांकन और सत्यापन कार्य संपन्न किया गया, जिससे दस्तावेज़ों की प्रामाणिकता और रखरखाव में सुधार हुआ।
सुधार और प्रभाव
अभियान के दौरान विधायी विभाग की इन पहलों ने कार्यकुशलता और पारदर्शिता में उल्लेखनीय सुधार लाया है। पुरानी फाइलों की समीक्षा से अनावश्यक दस्तावेजों का निपटान हुआ, जिससे रिकॉर्ड रूम अधिक सुव्यवस्थित बना।
साथ ही, डिजिटल रिकॉर्ड प्रबंधन और ई-कचरा निपटान से न केवल पर्यावरणीय जिम्मेदारी को बल मिला, बल्कि प्रशासनिक कार्य भी अधिक आधुनिक और कुशल बने।
नोडल अधिकारी की भूमिका
विशेष अभियान 5.0 के नोडल अधिकारी ने अभियान की प्रगति की नियमित निगरानी की और प्रत्येक चरण के लक्ष्यों की समयबद्ध पूर्ति सुनिश्चित की। उनके मार्गदर्शन में विभाग ने योजनाबद्ध ढंग से सभी गतिविधियों को अंजाम दिया, जिससे यह अभियान समय पर और सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
सुशासन और पारदर्शिता की दिशा में प्रतिबद्धता
विधायी विभाग ने इस अभियान के माध्यम से यह प्रदर्शित किया कि स्वच्छता, सुशासन और पारदर्शिता केवल प्रशासनिक शब्द नहीं, बल्कि एक सतत प्रक्रिया है जिसे दैनिक कार्य संस्कृति में समाहित किया जा सकता है।
विभाग ने यह भी सुनिश्चित किया कि भारत सरकार के “विशेष अभियान 5.0” के दृष्टिकोण — स्वच्छता, दक्षता और सेवा भावना — को पूरी निष्ठा के साथ लागू किया जाए।