अधिक मसालेदार, ऑयली भोजन करना भी एसिडिटी का कारण बन सकता है

योग आपको इस समस्या से निपटने में मदद कर सकता है


अलका सिंह
नयी दिल्ली (योग एक्सपर्ट)

एसिडिटी या गैस की समस्या पाचन से जुड़ी एक आम समस्या है। ऐसा तब होता है जब पेट अतिरिक्त एसिड का उत्पादन करता है। आम तौर पर, पेट में एसिड का उत्पादन भोजन को तोड़कर पचाने के लिए होता है लेकिन कभी- कभी पेट में एसिड का अतिरिक्त स्राव होता है जिसके कारण पेट में गैस बनने की समस्या होती है। एसिडिटी होने का एक संभावित कारण खाना खाने के तुरंत बाद आराम करना या सो जाना भी हो सकता है। अधिक मसालेदार, ऑयली भोजन करना भी एसिडिटी का कारण बन सकता है। जीवन में अतिरिक्त तनाव होने के साथ-साथ ये सभी आदतें भी एसिडिटी के बढ़ने का कारण बनती हैं । एसिडिटी के कारण पेट में बेचौनी, असहजता और अत्यधिक जलन हो सकती है। इस समस्या के दौरान आप ना सही से खा पाते हैं और ना ही खाना सही से पच रहा होता है। लेकिन अच्छी बात यह है कि योग आपको इस समस्या से निपटने में मदद कर सकता है।
हम यहां ऐसे ही कुछ योगासन बता रहे हैं तो गैस और एसिडिटी की समस्या से राहत दिलाते हैं-
पवनमुक्तासन का नियमित अभ्यास बोवेल मूवमेंट्स को प्रोत्साहित करने में मदद करता है। यह आसन पेट की मांसपेशियों और पूरे एब्डोमेन एरिया को स्ट्रेच करने में मदद करता है। भोजन को सही तरीके से पचाने में मदद करने के अलावा यह डाइजेस्टिव सिस्टम से टॉक्सिन्स को भी बाहर निकालने में मदद करता है।
अर्धमत्स्येन्द्रासन:-अर्धमत्स्येन्द्रासन शरीर को ट्विस्ट करना डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए सबसे अच्छा डिटॉक्स है। यह टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है और रक्त संचार को बढ़ाता है। साथ ही यह आपके पाचन तंत्र में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ाता है और एसिडिटी को कम करता है।
बालासन : बालासन एक रेस्टिंग पोज है। यह पाचन प्रणाली को आराम देता है और एसिडिटी से राहत देने में मदद करता है। जब आप इस आसन में होते हैं, तो आपके पेट के अंगों को स्ट्रेच करने में मदद मिलती है और ये मजबूत होते हैं। बालासन तनाव और थकान को कम करके कूल्हों, जांघों और टखनों को स्ट्रेच करता है।
पश्चिमोत्तानासन: पश्चिमोत्तानासन या फॉरवर्ड बेंड पोज पेट के अंगों को स्वस्थ रखने के लिए एक लाभकारी योगासन है। यह मुद्रा न केवल अंगों को ठीक तरह से काम करने और पाचन समस्याओं का इलाज करने में मदद करती है बल्कि मासिक धर्म चक्रको भी विनियमित करने में कारगर है।
इसके नियमित अभ्यास से आपको टमी फैट को कम करने में भी मदद मिल सकती हैं। यह आसन कमर कूल्हे, बाजू, कंधों और एन्डोमेन एरिया को स्ट्रेच करके ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है।
वज्रासन ; वज्रासन पेट गैस की समस्या को दूर लिए। योगासन मे प्रमुख हैं। यह आसन पेट और आंत में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है और भोजन को प्रभावी ढंग से पचाने में मदद करता है जिससे एसिडिटी, गैस और अपच जैसी द्य समस्याएं नहीं होती। अगर आपका डाइजेस्टिव सिस्टम कमजोर है, तो इस आसन का अभ्यास आपको हर रोज करना चाहिए। यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में भी मदद करता है। कपालभाति प्राणायाम: यह प्राणायाम मोटापा, पेट से जुड़ी समस्या, पाचन विकार और पेट से संबंधित कई अन्य विकारों को ठीक करने के लिए अच्छा है। इसमें आप अपनी ब्रीदिंग और इंद्रियों पर फोकस करते हैं। यह प्राणायाम शरीर को शांत करता है और पाचन मे सुधार करता है। अंततः निष्कर्ष यह निकलता है कि यदि नियमित योग के इन आसनों का अभ्यास किया जाए तो गैस एसिडिटी पेट की सभी समस्याओं से निजात मिल सकती है और शरीर स्वस्थ बनाया जा सकता है इसलिए रोज करें योग स्वस्थ रहें मस्त रहें खुश रहें।

अलका सिंह योग विशेषज्ञ

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