अपने बच्चों के साथ भी खेलें खेल

इंडोर गेम माता-पिता का अपने बच्चों के साथ एक सकारात्मक रिश्ता बनाएं रखने में एक बहुत बड़ा योगदान देता हैं

आज खेलों की महत्ता वहीं है जहां माता-पिता और बच्चे एक साथ खेल सकते हैं जिस मेंं किसी रहस्यों को सुलझाना और समस्याओं का समाधान करना शामिल है. विशेषकर अब जहां टीवी और कंप्यूटर के अतिक्रमण से इनके बीच आप सी बातचीत के लिए समय की भारी कमी रहने लगी है. मनोचिकित्सकों का कहना है कि, ‘इंडोर गेम माता-पिता का अपने बच्चों के साथ एक सकारात्मक रिश्ता बनाएं रखने में एक बहुत बड़ा योगदान देता हैं जहां पर माता-पिता अपने बच्चों के साथ स्वस्थपूर्ण रिश्ता बनाने के लिए खेल खेल पाते हैं.’ समय की कमी के अभाव में बच्चों के साथ आकर्षण की गुणवत्ता बहुत महत्व रहती है. इंडोर गेम्स न केवल आप को आप के दिमाग पर ध्यान लगाने में मदद करती है बल्कि एक दूसरे को पूर्ण सचेतना देने योग्य भी बनाती हैं. यह सामाजिक योग्यताओं का विकास करने की एक महत्वपूर्ण राह है यद्यपि इस में बहुत से मोड़ लेने और एक टीम के जैसे कार्य करने की जरूरत संबंधी बातें शामिल होती है.

विशेषज्ञों का मानना हैं कि, ‘माता-पिता अपने संस्कार, विश्वास और ज्ञान को अपने बच्चों में इंडोर गेम्स के जरिए बहुत अच्छे ढंग से संप्रेषित कर सकते हैं. यह एक बहुत ही सुंदर राह है बच्चों को दिखाने कि खेल पर ध्यान देने के बजाएं उन्हें उपदेश देने के जिस के कारण बच्चा अपने काम को टालता रहता है ऐसी स्थिति में कैसे निराशा का सामना करें.’
पूर्ण आराम करने का यंत्र
अधिकतर माता-पिता को अपने बच्चे के साथ हुई गलत बातों या शरारतों व उन के तनाव को कम करने की जरूरत होती है. विशेषज्ञ कहते हैं कि इंडोर गेम्स आप के बच्चे के लिए आराम पहुंचाने का एक बहुत अच्छा यंत्र है और यह आप की ऊर्जा को पुन:कायाक ल्पित कर देती है. हम अपने साथ घर पर ऑफिस की टेंशन को साथ ले आते हैं और बच्चों की खेल संबंधी इच्छाओं को सुनने में कोई दिलचस्पी नहीं लेते. हम बस उन से पूछते रहते हैं कि क्या तुम ने अपना होमवर्क पुरा कर लिया ? दूध पी लिया? आदि प्रश्र पूछकर अपने आप को आश्वासन देते रहते हैं.
एक योग्य माता-पिता बनने के लिए और अपने बच्चे के लिए यादगार पल बनाने के लिए जिन्हें वह अगले दिन अपने दोस्तों के बीच बता सकें के लिए यह जरूरी है आप उनके साथ दोपहर में बहुत खुशी व मजें के साथ इंडोर गेम्स खेलें. अपने बच्चों के साथ समय बिताने का यह सब से अच्छा तरीका है इससे आप को अपने बच्चों के साथ एक बेहतर रिश्ता बनाएं रखने में बहुत मदद मिलती है. जब आप साथ में खेलते है तो बच्चे माता-पिता को देखना शुरू कर देते हैं तो ऐसे में माता-पिता के पास अपने बच्चे के बारें में जानने का जैसे उस की पसंद,नापसंद, इच्छाएं आदि एक बहुत अच्छा अवसर होता है. टीवी अभिनेता परमीत सेठी के लिए अपने बच्चे के साथ शतरंज खेलना सब से पसंदीदा शौक है और अब उनकी शतरंज खेलने के प्रति चाह और भी बढ़ गई है. अब इन का बेटा इन के साथ एक हम उम्र दोस्त की तरह खेलता है. इससे इन दोनों के बीच के रिश्ते के बंधन नजदीकियां और भी बढ़ गई है.
सम्मान के साथ खेलें
इंडोर गेम्स आपका आपस में बांटना, सम्मान के साथ खेलना, हारने पर भी चेहरे पर खुशी या चमक बनाएं रखना सीखाती है. कुछ ऐसे इंडोर गेम्स है जिन में आप अपने बच्चे के साथ अधिक समय तक अच्छे पल बिताने के अवसर प्राप्त कर सकते हैं, इन सब में आप उन्हें सकारात्मक ढंग से बहुत कुछ सिखा कर पूर्ण रूप से योग्यशाली बना सकते है. आप उन में जागृति उत्पन्न कर सकते है ताकि वह सदा जीत हासिल करने का भरसक प्रयास करें व सब लोगों से तारीफ पाने का हकदार बन जाएं. आप उन्हें बता सकते है कि खेल में धोखा देने और नियम तोडऩे पर उत्पन्न होने वाली समस्या का सामना कैसे कर सकते हैं. लेकिन यह सब बात अल्ट्रा-प्रतियोगी वातावरण बनाएं बिना प्रतियोगितापूर्ण ढंग से बतानी चाहिए.
प्रतियोगिता को संभालना
विशेषज्ञों का कहना है कि,‘मैंने गौर किया है कि बहुत से ऊंची उड़ान भरने वाले माता-पिता अपने स्वभाव में भी प्रतियोगिता पूर्ण व्यवहार रख कर अपने बच्चे को भी शिक्षित करते हैं. उन्हें याद रखने की जरूरत है कि उन का कर्तव्य है अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ पढ़ाना न कि घर में प्रतियोगिता उत्पन्न करना. जब आप अपने बच्च्चों के साथ खेल रहे हो तो उन्हें हारने की जरूरत होती है. तो वह भी एक सुरक्षित, तनाव रहित वातावरण बनाने की कोशिश करती है. इस देश में बहुत से लोग हैं जो अपने आप को जानबूझकर हारने की कोशिश करते हैं. मैं खेलते समय पूरी प्रक्रिया को देखती हूं कि उन्हें सिखाने की राह बहुत मजबूत और एक दूसरे को सुरक्षित रखती हूं जिस से मैं घर से बाहर प्रतियोगिता को संभाल सकती हूं.’
इस बारें में जरा गहराई तक सोंचे यह आप से में बांटने की क्रिया है जो कि महत्वपूर्ण दिमाग में अमिट छाप छोड़ जाएगा. जरा अपने बचपन के बारें में सोचे क्या आप को हजारों बातें याद नहीं आएगी लेकिन आप को वह दिन भी जरूर याद आएगा जब आप ने अपने पापा के साथ खेल-खेल में झगड़ा किया होगा. याद करें आप को बहुत से बचपन की यादें याद आएगी और साथ ही सोचें कि ऐसी कौन सी बात थी जो आप कभी भी पूरी नहीं कर पाएं. ऐसे कौन से खेल थे जो अपने बचपन में अधिकतर खेलना पसंद करते थे.

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