अक्षय ऊर्जा दिवस पर वेदांता एल्यूमिनियम ने ऊर्जा के नवीकरणीय स्त्रोतों के उपयोग में उद्योग जगत को कुछ और आगे बढ़ाया

कंपनी ने अपने प्रचालनों में 1335 मेगावाट बिजली नवीकरणीय स्त्रोतों से प्राप्त करने के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए

अक्षय ऊर्जा दिवस के अवसर पर वेदांता एल्यूमिनियम ने नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों और संवहनीय विकल्पों (जैसे बायोफ्यूल) को शामिल करके अपने पावर पोर्टफोलियो में विविधता लाने की प्रतिबद्धता को पुनः पुख्ता किया है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए कंपनी ने दीर्घकालिक समझौते किए हैं जिनके तहत 1335 मेगावाट बिजली नवीकरणीय स्त्रोतों से प्राप्त की जाएगी। इसमें सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा दोनों शामिल होंगे जो मिलकर ओडिशा और छत्तीसगढ़ में वेदांता एल्यूमिनियम के प्रचालनों को ऊर्जा मुहैया कराएंगे। इससे ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में सालाना लगभग 32 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड की कमी आएगी। डिकार्बनाइज़ेशन हेतु कंपनी जो कोशिशें कर रही है उनमें इस कदम से बहुत योगदान होगा। 

अक्षय ऊर्जा दिवस एक खास पहल है जिसे भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा 2004 में आरंभ किया गया था। यह पहल तकनीकी नवाचार एवं विकेन्द्रीकृत बिजली उत्पादन के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों को बड़े पैमाने पर अपनाने को प्रोत्साहित करती है। इसमें नवीकरणीय ऊर्जा के कई प्रकार शामिल हैं जैसे सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, हाइड्रो एवं बायोफ्यूल।

वेदांता एल्यूमिनियम अपने ऐनर्जी मिक्स में बायोफ्यूल के इस्तेमाल का सक्रियता से जायज़ा ले रही है। कृषि अवशेषों से उत्पादित बायोमास पैलेट और ब्रिकेट का इस्तेमाल कंपनी अपने प्रचालनों में कर रही है जिनमें शामिल हैं- भारत की आइकॉनिक एल्यूमिनियम उत्पादक और वेदांता एल्यूमिनियम की सहयोगी कंपनी बाल्को (छत्तीसगढ़), दुनिया के सबसे बड़े एल्यूमिनियम स्मेल्टरों में से एक जो झारसुगुडा (ओडिशा) में है तथा लांजिगढ़ (ओडिशा) में जहां कंपनी की विश्व स्तरीय एल्यूमिना रिफाइनरी है। पिछले दो वर्षों में कंपनी ने अपने प्रशस्त विद्युत प्रचालनों में बायोफ्यूल का सफल उपयोग शुरु किया, तब से अब तक वेदांता एल्यूमिनियम 11.29 के.टी. बायोफ्यूल का उपयोग कर चुकी है जिससे कार्बन डाइऑक्साइड में 16.07 टन की कमी आई है।

यह प्रयास कंपनी के ऐनर्जी मिक्स की विविधता में योगदान देगा और साथ ही पारम्परिक ईंधन की कमी होने पर यह व्यावहारिक विकल्प के तौर पर काम करेगा। इसके अलावा, सर्कुलर इकॉनॉमी को प्रोत्साहन मिलने से किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी, क्योंकि इस तरह से फसलों के अवशेषों का लाभकारी उपयोग हो पाएगा, जिसे अन्यथा जला दिया जाता है। 

वेदांता एल्यूमिनियम का लक्ष्य है 2050 तक नैट् ज़ीरो की स्थिति हासिल करना। कंपनी अपने प्रचालनों का डिकार्बनाइज़ेशन करने के लिए तीन स्तरीय दृष्टिकोण अपना रही हैः

  • अपने ऐनर्जी मिक्स में नवीकरणीय ऊर्जा की मात्रा बढ़ाना।
  • ऊर्जा खपत को घटाने के लिए प्रचालनों की क्षमता वृद्धि।
  • न्यून कार्बन, स्वच्छ ईंधन एवं प्रौद्योगिकी की ओर तीव्रता से बढ़ना।

नवीकरणीय ऊर्जा की ओर कंपनी का तीव्र परिवर्तन उसके पावर पोर्टफोलियो का अहम हिस्सा है तथा कंपनी ने उत्पाद नवाचार को भी सक्रिय किया है। वेदांता एल्यूमिनियम भारत में पहली कंपनी है जो न्यून कार्बन, ’ग्रीन’ एल्यूमिनियम पेश कर रही जिसके ब्रांड नाम ’रिस्टोरा’ और ’रिस्टोरा अल्ट्रा’ हैं। कंपनी अपने वैश्विक ग्राहकों को यह उत्पाद उपलब्ध करा रही है जिनमें से कई यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि उनका कच्चा माल सस्टेनेबल तरीकों से निर्मित किया गया हो। गौर तलब है कि वेदांता एल्यूमिनियम वित्तीय वर्ष 2022 के दौरान नवीकरणीय ऊर्जा की सबसे बड़ी उपभोक्ता थी, उस वर्ष कंपनी ने नवीकरणीय ऊर्जा की 3 अरब इकाईयों का उपयोग किया था।

ऊर्जा संरक्षण करने और कार्बन फुटप्रिंट घटाने के अपने सतत सफर में वेदांता एल्यूमिनियम ने कई मंजिलें हासिल की हैं:

  • वित्तीय वर्ष 2023 में कंपनी ने 13.60 लाख गीगाज्यूल्स का संरक्षण किया।
  • लिथियम आयन बैटरी से चलने वाली ईवी फोर्कलिफ्ट का भारत में सबसे बड़ा बेड़ा कंपनी के पास है जिसके बल पर सालाना लगभग 1600 टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन घटाने में मदद मिलेगी।
  • कंपनी ने वर्ष 2012 को आधार वर्ष मानते हुए वि.व.2022 में ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में 24 प्रतिशत की कमी हासिल की और साथ ही इस अवधि में उत्पादन को आठ गुना बढ़ाया।
  • कंपनी का ध्येय है- 2030 तक लाइट मोटर वाहनों के बेड़े को 100 प्रतिशत तथा 2035 तक खनन बेड़े को 75 प्रतिशत डिकार्बनाइज़ करना।

वेदांता लिमिटेड की इकाई वेदांता एल्यूमिनियम भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम उत्पादक है। वित्तीय वर्ष 23 में 22.9 लाख टन उत्पादन के साथ कंपनी ने भारत के कुल एल्यूमिनियम का आधे से ज्यादा हिस्सा उत्पादित किया। यह मूल्य संवर्धित एल्यूमिनियम उत्पादों के मामले में अग्रणी है, इन उत्पादों का प्रयोग कई अहम उद्योगों में किया जाता है। वेदांता एल्यूमिनियम को एल्यूमिनियम उद्योग में डाउ जोंस सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स (डीजेएसआई) 2022 में दूसरी वैश्विक रैंकिंग मिली है, जो इसकी सस्टेनेबल डेवलपमेंट प्रक्रियाओं का प्रमाण है। देश भर में अपने विश्वस्तरीय एल्यूमिनियम स्मेल्टर्स, एल्यूमिना रिफाइनरी और पावर प्लांट्स के साथ कंपनी हरित भविष्य के लिए विभिन्न कार्यों में एल्यूमिनियम के प्रयोग को बढ़ावा देने और इसे ’भविष्य की धातु’ के रूप में पेश करने के अपने मिशन को पूरा करती है। www.vedantaaluminium.com

Loading

Translate »