आईआईटी के प्रोफेसर तपन के. गांधी ने पोकर और रम्मी में कुशलताओं की प्रधानता को सत्यापित करने के लिये अपनी टीम के साथ मिलकर एक शोध किया।
रिपोर्ट पुष्टि करती है कि पोकर और रम्मी में कुशलता ही प्रधान होती है, चाहे उन्हें ऑनलाइन खेला जाए या ऑफलाइन।
आईआईटी-दिल्ली के प्रतिष्ठित प्रोफेसर तपन के. गांधी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑटोमेशन के कैडन्स चेयर प्रोफेसर हैं। उनहोंने अपनी टीम के साथ हाल में एक विस्तृत अध्ययन किया था जिसमें इस बात की पुष्टि हुई कि पोकर और रुम्मी कौशल के खेल हैं। “ऑनलाइन पोकर ऐंड रम्मी – गेम ऑफ स्किल ऑर चान्स?” नामक यह अध्ययन पोकर और रम्मी में सफलता के लिए ज़रूरी संज्ञानात्मक और अन्य कुशलताओं के महत्व की पुष्टि करता है। अध्ययन में इस खेल में अनुभव और सीखने योग्य कुशलताओं के प्रभाव का और खेल में खिलाड़ी के दीर्घकालीन सफलता में इसकी भूमिका का भी विश्लेषण किया गया।
इस रिपोर्ट पर अपनी बात रखते हुए, आईआईटी दिल्ली के डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में असोसिएट प्रोफेसर और एआई एवं ऑटोमेशन के कैडन्स चेयर प्रोफेसर, तपन के. गांधी ने कहा, “पहले से तय विचारों के चलते ऑनलाइन गेमिंग पर हो रही बातचीत और उसे वर्जित खेल बनाने वाली पक्षपाती धारणा के बीच इस गहन अध्ययन में विभिन्न खिलाडि़यों के खेल को परखा गया है, ताकि यह समझा जा सके कि यह खेल असल में कुशलता पर केन्द्रित है या इसमें भाग्य हावी रहता है। अपने शोध के दौरान हमें दिलचस्प मामले मिले, जिन्होंने यह स्पष्ट किया कि इन खेलों में यकीनन वह भीतरी समझ चाहिये, जो खिलाडि़यों की संज्ञानात्मक योग्यताओं के निर्माण में सहायक होती हैं। खेल में कुशलता के पहलू को सीमित न रखते हुए, हमने यह भी पाया कि लगातार खेलते वक्त खिलाडि़यों की व्यवहारिक कुशलताएं भी बढ़ीं, जैसे कि सामाजिक संकेतों को समझना, काफी दबाव वाली स्थितियों में फैसले करना, याददाश्त बनाये रखना, आदि।”
तपन गांधी ने आगे कहा, “हम अपने अध्ययन ‘ऑनलाइन पोकर ऐंड रम्मी- गेम ऑफ स्किल ऑर चांसᣛ?’’ को साझा करते हुए बहुत खुश हैं, क्योंकि यह बीते वक्त के उस मिथक को तोड़ेगा कि गेम्स किस्मत से जीते जाते हैं और यह सफल होने के लिये जरूरी कुशलता पर रोशनी डालेगा।‘’
आईआईएम कोझिकोड में स्ट्रेटजिक मैनेजमेंट के असोसिएट प्रोफेसर दीपक दयानिधि ने इसके पहले की एक रिपोर्ट के प्रकाशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जो पोकर को कुशलता के खेल के रूप में सत्यापित करती है। इस शोध पर अपने विचार रखते हुए, उन्होंने कहा कि, “पोकर और रम्मी जैसे ऑनलाइन कार्ड गेम्स की दुनिया में यह विश्लेषण संदेह के लिये कोई जगह नहीं छोड़ता है कि; लंबे समय तक सफल रहने के लिये भाग्य नहीं, कुशलता चाहिये। कुशलता में परिवर्तनशीलता और जीत के प्रतिशत में असमान रुझान आकस्मिक नहीं होते और खिलाडि़यों की विशेषज्ञता एवं धैर्य की ओर इशारा करते हैं। ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों मामलों में कुशलता की जीत होती है, और जब खिलाड़ी चुनौती से उभरते हैं, तब परिवर्तनशीलता क्रिकेट, गोल्फ, आदि दूसरे खेलों की तरह ही कम होती है। यह शोध स्थापित करता है कि कुशलता की ही जीत होती है और गेमिंग के क्षेत्र में यह संज्ञानात्मक दक्षता पर हमारी समझ को बेहतर बनाता है।‘’
आईआईटी का अध्ययन यह पता लगाने के लिये गणितीय टूल्स का इस्तेमाल करके एक मात्रात्मक विश्लेषण प्रस्तुत करता है कि ऑनलाइन पोकर और रम्मी में लंबे समय तक सफल रहने का श्रेय कुशलता को दिया जा सकता है या नहीं। विश्लेषण के लिए वैसे युजरों के विशाल डेटा का प्रयोग किया गया था, जो 2-प्लेयर, 3-प्लेयर और 6-प्लेयर फॉर्मेट्स में 30 से लेकर 100 के बीच गेम्स खेल चुके थे। परिणाम इशारा करते हैं कि पोकर और रम्मी, दोनों में यूजर्स के द्वारा ज्यादा गेम खेले जाने पर कुशलता परिवर्तन में सुधार होता है। इसके अलावा, यूजर्स की जीत की दर के बीच मापा गया सह-सम्बंध 0.904 था, जो कि सकारात्मक सम्बंध का संकेत है और गेम में कुशलता के स्थायित्व पर जोर देता है। यह एक निरंतर अवधि में परिणामों को आकार देने में भाग्य के बजाए कुशलता के महत्व पर रोशनी डालता है। जीत की दरों में निरंतरता इस तथ्य को उजागर करती है कि गेम की बारीकियों और रणनीतियों में कुशल हो जाने से आपका प्रदर्शन बहुत बेहतर हो सकता है। ऐस मजबूत सह-सम्बंध इंगित करता है कि गेम की पेचदगी समझने में समय और मेहनत खपाने वाले प्लेयर्स के लिये जीत की ऊँची दर को बनाये रखने की संभावना बेहतर होती है।
इस प्रकार, यह अध्ययन से निष्कर्ष निकलता है कि :
- कुशलताओं की आवश्यकता के दृष्टिकोण से रम्मी और पोकर के ऑनलाइन और ऑफलाइन रूपों में कोई अंतर नहीं है और
- रम्मी और पोकर में सफल होने के लिये भाग्य से अधिक कुशलताओं की प्रधानता है।
विस्तृत अध्ययन यहाँ देखें :