केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के साथ, विद्या समीक्षा केंद्र का उद्घाटन किया और देहरादून, उत्तराखंड में आज 141 पीएम श्री स्कूलों और नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालय की आधारशिला रखी। इस कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिकारी, गणमान्य व्यक्ति और प्रतिष्ठित शिक्षाविद् भी उपस्थित थे।
सभा को संबोधित करते हुए श्री प्रधान ने कहा कि प्रौद्योगिकी आधारित और आधुनिक डेटा संचालित मॉडल विद्या समीक्षा केंद्र उत्तराखंड के 23.50 लाख स्कूली छात्रों के अध्ययन परिणामों को बेहतर बनाने की दिशा में एक प्रभावी कदम होगा। उन्होंने उल्लेख किया कि गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कैसे श्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य में विद्या समीक्षा केंद्र की शुरुआत की थी। एनईपी2020 की शुरुआत के बाद इसका विस्तार पूरे देश में कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में केंद्र के उद्घाटन के साथ, राज्य गुजरात शिक्षा मॉडल को अपनाने वाला पहला राज्य होगा ।
उन्होंने उल्लेख किया कि प्रदर्शन, उपस्थिति आदि पर डेटा के अलावा दीक्षा पोर्टल की सामग्री और जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डीआईईटी) का डेटा, राज्य की स्कूली शिक्षा पर पूरी जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध होगी। श्री प्रधान ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि 21वीं सदी की ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए एनईपी 2020 एक तार्किक दस्तावेज़ है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि राज्य में 141 पीएम श्री स्कूल उत्कृष्टता हासिल करने के लिए मौजूदा स्कूलों के लिए एक मॉडल के रूप में काम करते हैं। नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालय उपेक्षित बच्चों की पढ़ाई पूरी कराएगा।
उन्होंने राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन के अनुरूप अनुसंधान छात्रवृत्ति शुरू करने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को भी बधाई दी, जिसमें राज्यों के शिक्षकों को उनकी अनुसंधान परियोजनाओं के लिए अनुदान प्राप्त होगा। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि आज छात्रों को प्रदान की गई छात्रवृत्तियां उनकी शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में राज्य की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती हैं। उन्होंने एनईपी2020 के कार्यान्वयन और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की कल्पना को वास्तविकता में बदलने के लिए अपना सहयोग देने के लिए राज्य शिक्षा विभाग को बधाई दी।
भारत की जी20 अध्यक्षता के सफल समापन के बारे में बात करते हुए, श्री प्रधान ने उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एनईपी 2020 को एक वैश्विक मॉडल के रूप में पेश किया है और सदस्य देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा इसकी सराहना की गई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इससे न केवल 30 करोड़ भारतीय छात्रों को लाभ होगा बल्कि पूरी दुनिया के छात्रों के लिए एक मानक स्थापित होगा।
बाद में दिन में, श्री धर्मेंद्र प्रधान उत्तराखंड के बिधौली में पेट्रोलियम और ऊर्जा अध्ययन विश्वविद्यालय में अमृत काल संवाद में भाग लेंगे।