केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज गुजरात के गांधीनगर में पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक की अध्यक्षता की

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज गुजरात के गांधीनगर में पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर श्री अमित शाह ने गृह मंत्रालय के अंतरराज्यीय परिषद सचिवालय के ई-रिसोर्स वेब पोर्टल https://iscs-eresource.gov.in का शुभारंभ किया। इस पोर्टल से क्षेत्रीय परिषदों के कार्य में सुगमता आएगी। बैठक में गुजरात, महाराष्ट्र और गोवा के मुख्यमंत्रियों तथा दादरा व नगर हवेली और दमन व दीव के प्रशासक, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और अन्य मंत्रीगण, पश्चिमी क्षेत्र के सदस्य राज्यों के मुख्य सचिव,केन्द्रीय गृह सचिव, सचिव, अंतरराज्यीय परिषद सचिवालय सहित केन्द्र और राज्यों के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हाल ही में देश के चंद्रयान मिशन की सफलता के बाद पूरा विश्व भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)की प्रशंसा कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने पिछले 9 सालों में दूरदर्शिता के साथ अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत को ना केवल नई दिशा देने का काम किया है बल्कि समयबद्ध कार्यक्रम बनाकर 2030 तक भारत को अंतरिक्ष के क्षेत्र में विश्व में सबसे आगे पहुंचाने की रूपरेखा भी तैयार की है। गृह मंत्री के आह्वान पर 26वीं पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने चंद्रयान मिशन वैज्ञानिकों की पूरी टीम और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में पिछले 9 सालों में अंतरिक्ष के क्षेत्र में आए बदलावों के लिए प्रधानमंत्री मोदी का ज़ोरदार तालियों के साथ अभिनंदन किया।

पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक के दौरान कुल 17 मुद्दों पर चर्चा हुईजिनमें से 9 का समाधान निकाल लिया गया और राष्ट्रीय महत्व के विषयों सहित शेष मुद्दों पर गहन चर्चा कर निगरानी के लिए रखा गया। बैठक में पूरे देश और विशेष रूप से सदस्य राज्यों से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ जिनमें भूमि संबंधी मुद्दों का हस्तांतरण, जलापूर्ति, नीलाम की गई खदानों का संचालन, सामान्य सेवा केंद्र में नकद जमा सुविधा, बैंक शाखाओं/डाक द्वारा गांवों में बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाना, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपराध/बलात्कार के मामलों की त्वरित जांच, बलात्कार और POCSO अधिनियम के तहत दर्ज मामलों के शीघ्र निपटारे के लिए फास्ट ट्रैक विशेष अदालतों (FTSCs) की योजना का कार्यान्वयन,गांवों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए राज्यों द्वारा भारत नेट बुनियादी ढांचे का उपयोग, 5जी शुरू करने की सुविधा के लिए राज्यों द्वारा दूरसंचार RoW नियम अपनाना, मोटर वाहन (वाहन स्क्रैपिंग सुविधा संशोधन का पंजीकरण और कार्य) नियम, 2022 पर अमल और प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) को मजबूत करना आदि शामिल है। 

केन्द्रीय गृह मंत्री ने क्षेत्रीय परिषद के सदस्य राज्यों से राष्ट्रीय महत्व के तीन मुद्दों – पोषण अभियान, स्कूली बच्चों की ड्रॉपआउट दर को कम करने और आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ हर गरीब तक पहुंचाने – पर संवेदनशीलता के साथ काम करने को कहा। श्री शाह ने कहा कि देश के 60 करोड़ लोगों को अर्थतंत्र के साथ जोड़ने का एकमात्र माध्यम सहकारिता है जिससे करोड़ों लोग देश की प्रगति में अपना योगदान दे सकते हैं।उन्होंने कहा कि देश में 2 लाख नई प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (PACS)गठित करने और मौजूदा PACS को वायबल बनाने से सहकारिता क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन आएगा।

श्री अमित शाह ने कहा कि 2014 से 2023 के बीच क्षेत्रीय परिषदों की कुल 23 और इनकी स्थायी समितियों की 29 बैठकें हुईं, जबकि 2004 से 2014 तक क्षेत्रीय परिषदों की  11 और स्थायी समितियों की 14 बैठकें हुई थीं। उन्होंने कहा कि 2014 से 2023 के बीच हुई क्षेत्रीय परिषदों की बैठकों के दौरान 1143 मुद्दों का समाधान निकाला गया, जो कुल मुद्दों के 90 प्रतिशत से भी अधिक है, ये क्षेत्रीय परिषदों के महत्व को दर्शाता है। क्षेत्रीय परिषदों की भूमिका की सराहना करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि यद्यपि क्षेत्रीय परिषदों की प्रकृति सलाहकार की है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में, क्षेत्रीय परिषदें विभिन्न क्षेत्रों में आपसी समझ और सहयोग के स्वस्थ समन्वय को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण कारक साबित हुई हैं।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय परिषदें सदस्यों के बीच उच्चतम स्तर पर व्यक्तिगत बातचीत का अवसर प्रदान करती हैं और सौहार्द और सद्भावना के माहौल में कठिन और जटिल प्रकृति के मुद्दों को हल करने के लिए एक उपयोगी मंच के रूप में कार्य करती हैं। क्षेत्रीय परिषदें, चर्चा और विचारों के आदान-प्रदान के माध्यम से, सामाजिक और आर्थिक विकास के महत्वपूर्ण मुद्दों पर राज्यों के बीच एक समन्वित दृष्टिकोण विकसित करने में मदद करती हैं। क्षेत्रीय परिषदें राज्यों के सामान्य हित के मुद्दों पर भी चर्चा और सिफारिशें करती हैं।उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय परिषद केन्द्र और राज्यों के बीच और राज्यों के बीच Whole of Government Approach के साथ मुद्दों के समाधान के लिए सहयोगी संघवाद का महत्वपूर्ण मंच है, जो संविधान की भावना के अनुरूप सहमति से समाधान में विश्वास करता है। बैठक में सदस्य राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा अपनाई गई Good Practices को भी साझा किया गया।

श्री अमित शाह ने 1956 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत स्थापित क्षेत्रीय परिषदों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रतिभागियों को बताया कि सरकार का उद्देश्य राज्यों के बीच और केंद्र व राज्यों के बीच सहयोग के अच्छे संघीय माहौल को बढ़ावा देने और बनाए रखने के लिए क्षेत्रीय परिषदों के साथ-साथ अंतरराज्यीय परिषद को मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि अब विभिन्न क्षेत्रीय परिषदों की बैठकें नियमित रूप से बुलाई जाती हैं और यह केवल गृह मंत्रालय के तहत अंतरराज्यीय परिषद सचिवालय की सक्रिय पहल और सभी राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ-साथ केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के सहयोग से ही संभव हो सका है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने देश के सर्वांगीण विकास को प्राप्त करने के लिए सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद का लाभ उठाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के विज़न का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय परिषदें एक या एक से अधिक राज्यों को प्रभावित करने वाले मुद्दों या केंद्र और राज्यों के बीच के मुद्दों पर संरचित तरीके से चर्चा करने के लिए मंच प्रदान करती हैं, क्योंकि सशक्त राज्य ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण करते हैं।

श्री अमित शाह ने कहा कि पश्चिमी क्षेत्र देश का एक महत्वपूर्ण ज़ोन है, देश की जीडीपी में 25 प्रतिशत योगदान के साथ यह क्षेत्र फाइनेंस, आईटी, डायमंड, पेट्रोलियम, ऑटोमोबाइल और डिफेंस का हब है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद के सदस्य राज्य लंबी तटीय सीमाएं साझा करते हैं जहां अतिसंवेदनशील संस्थान और उद्योग हैं और इनकी कड़ी सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में लगातार प्रयास करने की आवश्यकता है।

गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा हाल ही में संसद में पेश किए गए 3 नए विधेयक -भारतीय न्याय संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 – पारित होने के बाद कोई भी केस 2 वर्ष से अधिक नहीं चलेगा, जिससे 70 प्रतिशत से अधिक Negative Energy समाप्त हो जाएगी। उन्होंने सभी राज्यों से इन कानूनों को लागू करने के लिए ज़रूरी आधारभूत इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने की दिशा में काम करने को कहा।

श्री अमित शाह द्वारा आज लॉन्च किया गए पोर्टल पर 28 मई 1990 को अंतरराज्यीय परिषद के गठन के बाद से अंतरराज्यीय परिषद और इसकी स्थायी समिति की बैठकों और 1957 में गठन के बाद से क्षेत्रीय परिषदों और इनकी स्थायी समिति की बैठकों के महत्वपूर्ण दस्तावेजों, यानी कार्यवृत्त और एजेंडा उपलब्ध हैं। इस डिजिटल संसाधन का उपयोग केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों के साथ-साथ राज्य सरकारों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा नीतिगत हस्तक्षेप के लिए किया जा सकता है। साभार : पीआईबी

आपका सहयोग ही हमारी शक्ति है! AVK News Services, एक स्वतंत्र और निष्पक्ष समाचार प्लेटफॉर्म है, जो आपको सरकार, समाज, स्वास्थ्य, तकनीक और जनहित से जुड़ी अहम खबरें सही समय पर, सटीक और भरोसेमंद रूप में पहुँचाता है। हमारा लक्ष्य है – जनता तक सच्ची जानकारी पहुँचाना, बिना किसी दबाव या प्रभाव के। लेकिन इस मिशन को जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की आवश्यकता है। यदि आपको हमारे द्वारा दी जाने वाली खबरें उपयोगी और जनहितकारी लगती हैं, तो कृपया हमें आर्थिक सहयोग देकर हमारे कार्य को मजबूती दें। आपका छोटा सा योगदान भी बड़ी बदलाव की नींव बन सकता है।
Book Showcase

Best Selling Books

The Psychology of Money

By Morgan Housel

₹262

Book 2 Cover

Operation SINDOOR: The Untold Story of India's Deep Strikes Inside Pakistan

By Lt Gen KJS 'Tiny' Dhillon

₹389

Atomic Habits: The life-changing million copy bestseller

By James Clear

₹497

Never Logged Out: How the Internet Created India’s Gen Z

By Ria Chopra

₹418

Translate »