50 की उम्र के बाद दिल का रखे विशेष ध्यान

दिल का दौरा या हार्ट अटैक एक बेहद खतरनाक मर्ज है, इससे इंसान की जान भी जा सकती है। हृदय हमारे शरीर का ऐसा अंग है जो लगातार पंप करता है और शरीर में ब्लड फ्लों को संचालित करता है। हार्ट, सर्कुलेशन सिस्टम के बीच में होता है, और धमनी, नस जैसे ब्लड वेसल्स, जो अशुद्ध ब्लड को शरीर के सभी भाग से हार्ट तक लेकर आती हैं और शुद्ध ब्लड को हृदय से शरीर के अन्य भाग तक पहुंचाता हैं। देश में लगातार दिल के मरीजो की संख्या बढ़ रही है, जिनमें 50 वर्ष की आयु वाले व्यक्तियों की संख्या सबसे ज्यादा है।

क्या कहता है सर्वे:

देश में लगभग 3 करोड़ लोग दिल की बीमारी से पीड़ित है, जिसमें 50 वर्ष की आयु वाले 50 प्रतिशत लोग तथा 25-50 वर्ष की आयु वाले 40 प्रतिशत लोग शामिल है। यदि हालातों पर काबू नहीं पाया गया तो 2020 तक हर तीसरे व्यक्ति की मौत हृदय रोग से होगी। बदलता लाइफस्टाइल, गलत खान-पान, धुम्रपान, शराब का सेवन और शारीरीक गतिविधियां कम करना, बड़ों से लेकर युवाओं में, हार्ट अटैक का मुख्य कारण है। डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल और थायरॉइड के मरीजों में हार्ट अटैक का खतरा अधिक हो जाता है।

50 वर्ष के लोगों में बढ़ता हार्ट अटैक:

विशेषज्ञ के अनुसार पहले यह माना जाता था कि 50 वर्ष के व्यक्तियों में हार्ट अटैक आता है, लेकिन अब 30 की उम्र में भी कई लोग इस खतरनाक बीमारी की चपेट में आने लगे है, जिसका सबसे बड़ा कारण तनाव होता है। आज की भागदौड़ वाली जीवनशैली में लोगों में तनाव कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है, इसलिए इस बीमारी से पूरी तरह बचना तो मुश्किल है लेकिन जहां तक संभव हो इससे दूरी बनाए रखें। तनाव के कारण मस्तिष्क से जो रसायन स्रावित होते हैं वे हृदय की पूरी प्रणाली खराब कर देते हैं। ज्यादातर लोगों को लगता है कि दिल की बीमारी से होने वाली मौत की वजह केवल हार्ट अटैक होता है। हार्ट अटैक के आलावा एंजायना पेक्टोरिस, मायोकार्डियल इन्फार्क्शन, हार्ट फेल्योर और कार्डियक अरेस्ट भी दिल की बीमारियों में शामिल है।

हार्ट अटैक के लक्षण:

  • छाती में दर्द होना
  • सांस फूलना
  • घबराहट होना और जी मिचलाना
  • ज्यादा पसीना आना
  • कंधे, गर्दन और पीठ में दर्द होना
  • चक्कर आना, थकान महसूस होना
  • कमजोरी महसूस होना
  • नींद ना आना
  • पैरों में सूजन होना
  • शुरूआत में उल्टी आना

हार्ट अटैक का इलाज:

  • अगर हार्ट अटैक आ जाए तब सबसे पहले मरीज को डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए और जल्दी से जल्दी एक ईसीजी होना चाहिए।
  • हृदय रोग की यदि पहचान कर ली जाए तो इसे शुरूआती अवस्था में ही ख़त्म किए जा सकता है। एंजियोप्लास्टी और कोरोनरी बायपास ग्राफ्टिंग (सीएबीजी) की मदद से हृदय रोग का उपचार किया जाता है।
  • एंजियोप्लास्टी हृदय के उपचार की प्रक्रिया है, जिसमें ब्लॉक्ड आर्टरी का तार और बैलून के माध्यम से खोला जाता है और स्टैंड लगाया जाता है। जिससे ब्लड फ्लो के लिए जगह बन सकें। शुगर एवं हानिकारक वसायुक्त भोजन के कम से कम सेवन, पौष्टिक फलों एवं सब्जियों का अधिक सेवन, नियमित व्यायाम, धूम्रपान एवं प्रदूषण से बचकर हृदय रोगों की संभावना को कम किया जा सकता है।
  • हृदय रोगों के प्रति जागरूकता की कमी भी इस रोग से होने वाली मौतों का मुख्य कारण है। कोरोनरी हार्ट डिजीज का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसके इलाज से लक्षणों का प्रबंधन करने, दिल की कार्यप्रणाली में सुधार करने और हार्ट अटैक जैसी समस्याओं को कम करने में मदद मिल सकती है।
  • इसमें जीवनशैली में परिवर्तनदवाएं और नॉन-इंवेसिव उपचार शामिल है। हार्ट अटैक आने 3 से 6 घंटे के अंदर यदि थ्रंबोलाइसिस तकनीक की मदद से दवाएं देकर हार्ट की नलियों की रूकावट को खोल दिया जाए, तो मरीज की जान बचाई जा सकती है।

हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में अंतर:

जब दिल की धड़कन बंद होने की वजह से शरीर में खून जाना रूक जाएं, उस इमरजेंसी को कार्डियक अरेस्ट कहते है। इस इमरजेंसी के अनेक कारण होते है जैसे दिल की धड़कन बंद होना (कमप्लीट हार्ट ब्लॉक), दिल की धड़कन का अनियमित हो जाना (वेंट्रीकुलर फाइब्रिलेशन) या दिल की ब्लड सप्लाई में रूकावट आना, जिसे हार्ट अटैक कहते है। हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट के अनेक कारणों में से एक है। इसके इलाज के लिए कार्डियोपल्मोनरी रेसस्टिसेशन (ब्च्त्) दिया जाता है, जिससे हार्ट रेट नियमित किया जाता है। डिफाइब्रिलेटर के जरिए बिजली के झटके दिए जाते हैं, जिससे दिल की धड़कनों को वापस लाने में मदद मिलती है। कार्डियक अरेस्ट होने की सबसे ज्यादा आशंका दिल की बीमारी वालों को सबसे ज्यादा होती है। जिनको पहले हार्ट अटैक आ चुका है उनमें कार्डियक अरेस्ट की आशंका ज्यादा बढ़ जाती है।

इन बातों का रखें ध्यान:

दिल को स्वस्थ रखने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए।

  • अगर आपकी उम्र 50 साल है और आप दिल के मरीज है, तो सबसे पहले आपको अपने डायट पर कंट्रोल करना चाहिए, कम नमक और कम फैट वाला भोजन करना चाहिए।
  • किसी भी तरह के नशीले पदार्थ जैसे तंबाकू, धूम्रपान और एल्कोहल का सेवन ना करें।
  • रोजाना योगा और एक्सरसाइज करना चाहिए, यह हार्ट अटैक के मरीजो के लिए फायदेमंद होता है।
  • 50 की उम्र के बाद हर साल बॉडी चेकअप करवाना चाहिए। अगर घर में हैरिडिटरी डिजीज हैं तो 30 की उम्र के बाद उन डिजीज का समय-समय पर चेकअप जरूर करवाते रहे, इनमें मोटापा, डायबिटीज, हार्ट अटैक, थॉयरॉइड और कैंसर जैसी बीमारियां शामिल हैं।
  • हार्ट के मरीजों को हमेशा अपनी दवाइयां साथ में रखनी चाहिए।
  • फास्टफूड और तले हुए खाद्य पदार्थों हार्ट के मरीजों को नही खाना।
विनीता झा
आपका सहयोग ही हमारी शक्ति है! AVK News Services, एक स्वतंत्र और निष्पक्ष समाचार प्लेटफॉर्म है, जो आपको सरकार, समाज, स्वास्थ्य, तकनीक और जनहित से जुड़ी अहम खबरें सही समय पर, सटीक और भरोसेमंद रूप में पहुँचाता है। हमारा लक्ष्य है – जनता तक सच्ची जानकारी पहुँचाना, बिना किसी दबाव या प्रभाव के। लेकिन इस मिशन को जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की आवश्यकता है। यदि आपको हमारे द्वारा दी जाने वाली खबरें उपयोगी और जनहितकारी लगती हैं, तो कृपया हमें आर्थिक सहयोग देकर हमारे कार्य को मजबूती दें। आपका छोटा सा योगदान भी बड़ी बदलाव की नींव बन सकता है।
Book Showcase

Best Selling Books

The Psychology of Money

By Morgan Housel

₹262

Book 2 Cover

Operation SINDOOR: The Untold Story of India's Deep Strikes Inside Pakistan

By Lt Gen KJS 'Tiny' Dhillon

₹389

Atomic Habits: The life-changing million copy bestseller

By James Clear

₹497

Never Logged Out: How the Internet Created India’s Gen Z

By Ria Chopra

₹418

Translate »