केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज 76वें गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर मध्य प्रदेश की लखपति दीदियों से किया संवाद

केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज गणतंत्र दिवस के पुनीत अवसर पर अपने दिल्ली आवास पर मध्य प्रदेश से पधारी लगभग दो सौ लखपति दीदियों से संवाद कर उनके अनुभव और विचार प्राप्त किए। इस दौरान श्री शिवराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के संकल्प के अनुसार भारत को विकसित भारत बनाने में लखपति दीदियों की अहम भूमिका होगी। इस आत्मीय आयोजन में श्री चौहान ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारा उद्देश्य केवल दीदियों को लखपति बनाना ही नहीं, बल्कि इन्हें मिलेनियर दीदी और करोड़पति दीदी बनाना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत को विकसित भारत बनाने में लखपति दीदियों की अहम भूमिका होगी और ये दीदियां राष्ट्र निर्माण की एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होंगी। उन्होंने कहा कि मेरे मन में विचार है कि मेरी बहनों की आंखों में आंसू न रहे, चेहरे पर सदा खुशियां रहें। उन्होंने सभी दीदियों से आग्रह किया कि आप सभी मिलकर गरीबी मुक्त गांव के प्रधानमंत्री श्री मोदी के संकल्प को साकार करेंगी, ऐसा मेरा पूर्ण विश्वास है।  

श्री शिवराज सिंह ने कहा कि आज हम जहां हैं, वहां से काफी आगे बढ़ना है। आप बहनें लक्ष्मी जी, सरस्वती जी, दुर्गा जी का रूप हैं। हम तय कर लें तो दुनिया में कोई भी काम असंभव नहीं है। दीदियों को अकेले ही नहीं, बल्कि सभी को साथ लेकर आगे बढ़ना है। श्री चौहान ने कहा कि मैं मंत्री के रूप में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का हृदय से आभारी हूं कि ग्रामीण मंत्रालय के रूप में बहनों की गरीबी दूर करने का सौभाग्य मुझे मिला है। मध्य प्रदेश में लाडली लक्ष्मी योजना बेटियों को सशक्त करने की कड़ी थी, जो 2006 में बनाई थी। हमारा भाव था कि बेटी मध्यप्रदेश की धरती पर पैदा हो तो लखपति पैदा हो। आज 50 लाख से ज्यादा लाडली लक्ष्मी बेटियां मध्यप्रदेश की धरती पर हैं जो लखपति हैं। उनमें से कई तो ऐसी बेटियां थीं जिनको मैंने गोद में खिलाया था। आज वे छोटी – छोटी बेटियां कॉलेज में पढ़ने लगी हैं। और आज जब वो मुझे मामा-मामा कह कर पुकारती हैं, तो मेरा रोम – रोम पुलकित हो जाता है। लगता है कि जैसे मेरा जीवन धन्य हो गया। ऐसी एक नहीं, अनेकों योजनाएं बनाने का सौभाग्य आपके आशीर्वाद से मुझे मिला है। लाडली लक्ष्मी हो,  कन्या विवाह हो, बहनों के लिए स्टाम्प शुल्क में कमी हो या अन्य योजनाएं।

उन्होंने कहा कि बेटी को पहले बोझ मानते थे इसलिए कि शादी में दहेज का इंतजाम कौन करेगा। इसलिए मां भी कई बार ये सोचती थी कि बेटा पैदा हो, बेटी पैदा ही न हो। इस स्थिति से उबारने के लिए, विवाह बोझ न बने इसलिए मुख्यमंत्री कन्यादान जैसी योजना उस समय बनी। बहनें और आगे काम करे, पंच बनें, सरपंच बनें, जनपद में, जिला पंचायत में, नगर निगम में जाएं, मेयर बनें इसलिए स्थानीय निकाय चुनाव में 50 प्रतिशत आरक्षण शुरू किया जिससे कि बहनें चुनाव लड़ें। इससे कई बहनें मेयर बनीं। कई बहनें जिला पंचायत अध्यक्ष हैं, कई जनपद की अध्यक्ष हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को बहुत – बहुत धन्यवाद क्योंकि अब आने वाले समय में लोकसभा और विधानसभाओं में भी कम से कम 33 प्रतिशत बहनें ही चुनाव लड़ेंगी। बिना इसके हम आगे नहीं बढ़ सकते। चुनाव लड़ने के नतीजे से कई बहनों को घर से बाहर निकलने का मौका मिला। बाहर निकलकर उन्होंने चुनाव जीते और कई बड़े – बड़े काम किए।

उन्होंने कहा कि ये समाज ऐसा रहा है कि जिसमें पुरुषों को प्रधानता वर्षों से रही है। जमीन – जायदाद भी पुरुषों के नाम, पति के नाम, बेटों की नाम कराई जाती थी इसलिए मैंने एक तरकीब और भिड़ाई कि बेटी या बहनों के नाम संपत्ति खरीदोगे तो टैक्स 1 प्रतिशत भी नहीं लगेगा और अगर भाई के नाम खरीदोगे तो कम से कम 3 प्रतिशत देना पड़ेगा। इस बहाने बहनों के नाम पर संपत्ति आना शुरू हो गई। जब मैं मजदूर बहनों को खेतों में काम करते देखता था। विशेषकर वे बहनें जो बेटा-बेटी को जन्म देने वाली होती थीं तो वे दो दिन पहले तक मजदूरी करती थीं और जन्म देने के बाद 8 दिन का बच्चा भी नहीं होता था और वे खेतों में मजदूरी करने लग जाती थीं। इसलिए तब योजना बनी कि बेटा -बेटी के जन्म से पहले 4 हजार और जन्म देने के बाद 12 हजार रुपए दिए जाएंगे ताकि वो भी अपने घर पर आराम कर सके। लाडली बहना भी उसी की एक कड़ी थी। क्यों हाथ फैलाना पड़े, क्यों किसी से मांगना पड़े।

केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह ने कहा कि लखपति का सफर करोड़पति तक ले जाना है। ये मेरा सपना है और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का संकल्प भी है। आज हम ये तय करें कि अपने गांव में किसी बहन को गरीबी में नहीं रहने देंगे। हम अकेले आगे नहीं बढ़ेंगे। वे बहनें जो आज पैसा नहीं कमा रही हैं, वे बहनें जो गरीबी की जिंदगी जी रही हैं जो आज परेशानी में हैं। उन बहनों को भी आजीविका मिशन के माध्यम से रास्ता दिखाना है और स्वयं सहायता समूह में शामिल करना है। जो समूह आर्थिक गतिविधियों में नहीं है उनकी आर्थिक गतिविधियां चालू करवाना है जिससे उनकी आमदनी भी बढ़े। इसके लिए कई तरह के काम करेंगे। विदिशा में एक भाग्योदय नामक संगठन बना है। उसमें करीब 6 हजार बहनें जुड़ी हैं जो दूध का काम कर रही हैं। अब हम उन्हें 6 हजार से 60 हजार करेंगे। विदिशा, रायसेन, सीहोर से धीरे-धीरे सब जगह फैलायेंगे।  उन्होंने कहा कि मेरा सपना है और प्रधानमंत्री श्री मोदी का संकल्प है कि हम गरीबी मुक्त गांव बनाएंगे और कोई गरीब तब नहीं रहेगा जब उसके हाथ में कोई न कोई काम होगा इसलिए आजीविका मिशन, सरकार, मैं और राज्य सरकार सब मिलकर पूरी ताकत से साथ देंगे।

हमने तय किया है कि गरीबी मुक्त गांव बनाना है और दूसरी बात आज हम जहां है उससे आगे बढ़ना है। तीसरी बात अपने गाँव में कोई बहन और बेटी के साथ अन्याय और अत्याचार नहीं होने देना है। अगर कहीं होता है तो सभी संगठित होकर साथ खड़े होंगे ताकि कोई भी बेटी और बहन पर अत्याचार न कर सके, अन्याय न कर सके। पिछले दिनों विभाग ने घरेलू हिंसा से लेकर सभी तरह की हिंसा के खिलाफ अभियान चलाया था। उन्होंने कहा कि आज भी कई बार तकलीफ होती है कि बहन और बेटियों के साथ कई बार जैसा व्यवहार होता है वो कई बार अंतरात्मा को रुला देता है। आजीविका मिशन केवल अजीविका के लिए नहीं आत्मसम्मान, स्वाभिमान, गर्व, गौरव और फूल नहीं चिंगारी हैं।

हम भारत की नारी हैं ये भाव भी पैदा करता है। हम क्यों पीछे रहेंगे हम संगठित होकर ये काम भी करेंगे। हम इसी संकल्प से आगे बढ़ेंगे कि हमको और आगे जाना है। आर्थिक सशक्तीकरण मतलब पैसा अपने पास हो। शैक्षणिक सशक्तीकरण मतलब अपने बच्चों को पढ़ायेंगे। हमारे बच्चे पढ़ेंगे तो हमारे बच्चों को कमी थोड़ी ही है। यदि ढंग का माहौल मिल जाए तो। आईएएस, आईपीएस, कलेक्टर, कमिश्नर, मंत्री, मुख्यमंत्री, विधायक, सांसद, उद्योगपति सब अपने बेटा – बेटी बन सकते हैं इसलिए बच्चों को पढ़ाना ज़रूरी है, और बेटी को मत छोड़ देना। उसको भी पढ़ाना है। बेटा भी पढ़े, बेटी भी पढ़े। दोनों आगे बढ़ें। सब बहनें भी पढ़ाई कर रही हैं ऐसी हैं मेरी बहनें। सामाजिक सशक्तीकरण मतलब बहनों के साथ कोई अन्याय, हिंसा, अत्याचार न हो। और एक राजनैतिक सशक्तीकरण मतलब नेता बने नेतृत्व करें।

केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम में सबसे पहले सभी दीदियों का पारंपरिक रूप से स्वागत एवं सत्कार किया और उनकी लखपति बनने की प्रगति गाथा को बताने के लिए भी आग्रह किया।  कुछ प्रमुख दीदियों ने अपने विचार साझा किए। दीदियों ने दिल्ली आने के अनुभव एवं गणतंत्र दिवस में शरीक होकर झांकी की भव्यता देखने के अनुभव को भी साझा किया। उन्होंने बताया कि आज इतने करीब से जीवन में पहली बार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को देखा, श्री मोदी ने हमारे ब्लॉक में आकर सभी दीदियों को आशीर्वाद दिया। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री का विशेष आभार मानते हुए ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को भी धन्यवाद दिया। आशिया बेग दीदी ने कहा कि मैं अपने भाई के घर आकर बहुत खुश हूं, अब दिल्ली में भी हमारा मायका हो गया है।

क्षमा तिवारी दीदी ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि उनकी शादी 13 वर्ष की उम्र में अत्यंत गरीब परिवार में हुई थी, आज वे स्वयं सहायता समूह से जुड़कर स्वयं मास्टर डिग्री प्राप्त करने के साथ ही पूरे परिवार को गरीबी से बाहर निकालकर खुशहाल जीवन जी रही हैं, इसके लिए उन्होंने अपने भाई मंत्री श्री शिवराज सिंह को दिल से धन्यवाद दिया। श्री  ने मंत्रालय की तरफ से दीदियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए और गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई दी। इस अवसर पर ग्रामीण विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

आपका सहयोग ही हमारी शक्ति है! AVK News Services, एक स्वतंत्र और निष्पक्ष समाचार प्लेटफॉर्म है, जो आपको सरकार, समाज, स्वास्थ्य, तकनीक और जनहित से जुड़ी अहम खबरें सही समय पर, सटीक और भरोसेमंद रूप में पहुँचाता है। हमारा लक्ष्य है – जनता तक सच्ची जानकारी पहुँचाना, बिना किसी दबाव या प्रभाव के। लेकिन इस मिशन को जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की आवश्यकता है। यदि आपको हमारे द्वारा दी जाने वाली खबरें उपयोगी और जनहितकारी लगती हैं, तो कृपया हमें आर्थिक सहयोग देकर हमारे कार्य को मजबूती दें। आपका छोटा सा योगदान भी बड़ी बदलाव की नींव बन सकता है।
Book Showcase

Best Selling Books

The Psychology of Money

By Morgan Housel

₹262

Book 2 Cover

Operation SINDOOR: The Untold Story of India's Deep Strikes Inside Pakistan

By Lt Gen KJS 'Tiny' Dhillon

₹389

Atomic Habits: The life-changing million copy bestseller

By James Clear

₹497

Never Logged Out: How the Internet Created India’s Gen Z

By Ria Chopra

₹418

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »