विज्ञान दिवस पर डॉ. घनश्याम सिंह पीजी कॉलेज सोयेपुर में आयोजन
वाराणसी: डॉ. घनश्याम सिंह पीजी कॉलेज सोयेपुर, वाराणसी में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विज्ञान दिवस, सर चन्द्रशेखर वेंकट रमन के सम्मान में, उनकी खोज रमन प्रभाव के सालगिरह के रूप में मनाया जाता है । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रोफेसर दुर्ग विजय सिंह रहे, जबकि अध्यक्षता महाविद्यालय के प्रबंधक श्री नागेश्वर सिंह ने की।



प्रोफेसर दुर्ग विजय सिंह ने विद्यार्थियों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा, “विज्ञान हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है”।
उन्होंने आगे कहा, “आज के समय में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में असीमित संभावनाएं हैं, और विद्यार्थियों को इन अवसरों का लाभ उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए।” उन्होंने युवाओं से वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की अपील की और उन्हें शोध और नवाचार की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित किया।
महाविद्यालय के प्रबंधक श्री नागेश्वर सिंह ने भी विद्यार्थियों और शिक्षकों को संबोधित किया। अपने संबोधन में श्री नागेश्वर सिंह ने कहा, “विज्ञान दिवस हमें यह याद दिलाता है कि विज्ञान केवल एक शैक्षिक विषय नहीं, बल्कि समाज की प्रगति और जीवन की गुणवत्ता सुधारने का एक प्रभावी साधन है। यह हमारे जीवन के हर पहलु में उपस्थित है, चाहे वह चिकित्सा, कृषि, पर्यावरण, या तकनीकी विकास हो। विज्ञान ने न केवल हमारी सोच को विस्तारित किया है, बल्कि हमारे जीवन को आसान और सुविधाजनक भी बनाया है।”

कार्यक्रम की शुरुआत डॉ आनंद सिंह द्वारा स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने भारतीय युवाओं को विज्ञान और नवाचार में वैश्विक नेतृत्व के लिए सशक्त बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। डॉ आनंद सिंह ने अपने संबोधन में कहा, “विकसित भारत के लिए विज्ञान और नवाचार में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए हमें भारतीय युवाओं को सही दिशा में मार्गदर्शन और प्रेरणा देने की आवश्यकता है।”

कार्यक्रम का संचालन डॉ मोहनिश करवानी ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ हेमन्त सिंह ने दिया। इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे, जिनमें डॉ. ज्योति सिंह (संकाय प्रमुख, विज्ञान संकाय), डॉ. विपुल शुक्ल, डॉ. विनीत सिंह, डॉ. अनूप सिंह, डॉ. देवेन्द्र पांडेय, डॉ. पूनम, डॉ. स्मृति सिंह, डॉ. जूही, डॉ. रिचा, डॉ. अल्का और समस्त शिक्षकगण एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।
कार्यक्रम में विज्ञान और नवाचार के महत्व पर विस्तार से चर्चा की गई और भारतीय युवाओं को वैश्विक स्तर पर योगदान देने के लिए प्रेरित किया गया।