19 मार्च रंग पंचमी पर विशेष-
– सुरेश सिंह बैस शाश्वत
रंग पंचमी, होली के पांचवें दिन मनाया जाने वाला त्योहार है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी के साथ होली खेली जाती है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन देवी-देवता भी धरती पर आते हैं और होली खेलते हैं। रंग पंचमी को आध्यात्मिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन रंगों का इस्तेमाल करने से दुनिया में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस दिन जो रंग एक-दूसरे को लगाते हैं वह आसमान की ओर उड़ाते हैं, ऐसा करने से देवी-देवता आकर्षित होकर अपनी कृपा बरसाते हैं। इस दिन भगवान कृष्ण के साथ अन्य देवी-देवाताओं को गुलाल लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्चा का संचार होता है।

इस दिन खासकर भगवान कृष्ण की पूजा करने से मनोवांछित फल प्राप्त होता है। इस दिन सुबह स्नान करने के बाद व्रत पूजा का संकल्प लेना चाहिए। घर के किसी साफ़ स्थान पर भगवान राधाकृष्ण की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करनी चाहिए। तस्वीर पर कुमकुम से तिलक लगाना चाहिए और फूल माला अर्पित करनी चाहिए। कलश पर स्वास्तिक का चिह्न बनाना चाहिए और उसके ऊपर मौली बांधनी चाहिए।
कहा जाता है कि रंग पंचमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण अपनी प्रेयसी राधा रानी के साथ होली खेला करते थे। इसके अलावा इस दिन देवी-देवता भी आसमान से फूलों की वर्षा करते हैं, इसलिए रंग पंचमी के दिन हवा में अबीर-गुलाल उड़ाने की परंपरा निभाई जाती है। साथ ही रंग पंचमी के दिन श्रीकृष्ण के साथ राधा रानी की पूजा की जाती है। इस दिन श्रीकृष्ण और राधा रानी को गुलाल अर्पित करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
कई जगहों पर रंग पंचमी के दिन जुलूस निकाले जाते हैं, जिसमें हुरियारे अबीर गुलाल उड़ाते हैं। रंग पंचमी के दिन हवा में अबीर और गुलाल उड़ाए जाते हैं। मान्यता है कि इस दिन वातावरण में उड़ते हुए गुलाल से व्यक्ति के सात्विक गुणों में अभिवृद्धि होती है। साथ ही तामसिक और राजसिक गुणों का नाश हो जाता है, इसलिए इस दिन शरीर पर रंग न लगाकर वातावरण में रंग बिखेरा जाता है।रंग पंचमी के दिन माता लक्ष्मी व भगवान विष्णु की एक साथ पूजा करनी चाहिए। माता लक्ष्मी धन संपत्ति, ऐश्वर्य आदि की देवी हैं। पूजा के समय माता लक्ष्मी व भगवान विष्णु को लाल गुलाल अर्पित करें। पूजा के समय कनकधरा स्तोत्र का पाठ करें। ऐसा करने से धन-संपदा में वृद्धि होती है। रंग पंचमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण व राधा रानी की विधिवत पूजा करें। इसके बाद उन्हें गुलाल अर्पित करें। मान्यता है कि ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में चल रही समस्याएं दूर होती हैं। प्रेम संबंध मजबूत होते हैं। दांपत्य जीवन में खुशहाली के लिए पति-पत्नी को एक साथ पूजा करनी चाहिए।
रंग पंचमी के दिन माता लक्ष्मी की पूजा करना फलदायी माना गया है। पूजा के समय माता लक्ष्मी को सफेद मिठाई जैसे बर्फी, बताशा, मिश्री या खीर का भोग लगाना चाहिए। मां लक्ष्मी के प्रसन्न होने से परिवार में धन-संपत्ति में वृद्धि होती है। रंग पंचमी के दिन एक पीले कपड़े में एक सिक्का और हल्दी की पांच गांठें बांधकर पूजा स्थल पर रख दें। फिर माता लक्ष्मी का ध्यान करके एक घी का दीपक जलाएं। दीपक के शांत होने पर हल्दी और सिक्के की पोटली को तिजोरी में रखें। ऐसा करने से धन-धान्य में वृद्धि होती है।
