रक्षा मंत्रालय ने रक्षा क्षेत्र में नवाचार को गति देने के उद्देश्य से 50 से अधिक एमएसएमई और स्टार्ट-अप्स के साथ एक व्यापक विचार-मंथन सत्र आयोजित किया। इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता रक्षा उत्पादन विभाग के सचिव श्री संजीव कुमार ने की, जिसमें रक्षा उत्पादन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। यह सत्र 24 और 25 मार्च, 2025 को नई दिल्ली के साउथ ब्लॉक में आयोजित किया गया, जहां इन स्टार्ट-अप्स और एमएसएमई को प्रभावित करने वाली प्रमुख चुनौतियों, अवसरों और नवाचार को तेज़ी से आगे बढ़ाने के तरीकों पर गहन चर्चा हुई।

रक्षा नवाचार में स्टार्ट-अप्स की अहम भूमिका
सत्र में भाग लेने वाले अधिकांश स्टार्ट-अप्स ‘इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस’ (iDEX) से जुड़े हुए हैं। इस मंच पर अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, क्वांटम टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली, ड्रोन टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, रडार टेक्नोलॉजी, साइबर सुरक्षा और उन्नत सामग्रियों जैसे आधुनिक एवं उभरते हुए क्षेत्रों में उनके संभावित उपयोगों पर चर्चा की गई। इन विचार-विमर्शों से यह समझने में मदद मिली कि कैसे ये तकनीकें न केवल रक्षा क्षेत्र बल्कि नागरिक अनुप्रयोगों में भी क्रांतिकारी बदलाव ला सकती हैं।
उद्योग जगत के दृष्टिकोण को समझने की पहल
सत्र के अंत में रक्षा उत्पादन सचिव श्री संजीव कुमार ने प्रतिभागियों की बहुमूल्य अंतर्दृष्टि के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ऐसे संवादों से रक्षा मंत्रालय को उद्योग, विशेष रूप से नई और उन्नत तकनीक में काम कर रहे स्टार्ट-अप्स की आवश्यकताओं और उनकी चुनौतियों को समझने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही, इन चर्चाओं से नीतियों और प्रक्रियाओं को अधिक प्रभावी और अनुकूल बनाने में सहायता मिलेगी, जिससे डीप टेक्नोलॉजी में कार्यरत स्टार्ट-अप्स की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित की जा सकेगी।
इस विचार-मंथन सत्र ने भारत के रक्षा क्षेत्र में नवाचार को गति देने और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रखा है।