केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री श्री जीतन राम मांझी ने आज भुवनेश्वर में तकनीकी और औद्योगिक विकास की दिशा में दो महत्वपूर्ण स्थलों का दौरा किया। उन्होंने पहले केंद्रीय टूल रूम एवं प्रशिक्षण केंद्र (सीटीटीसी) का भ्रमण किया, जो एमएसएमई मंत्रालय के तहत एक अग्रणी स्वायत्त संस्था है। इसके बाद वे मंचेश्वर औद्योगिक एस्टेट में स्थित फार्मास्युटिकल क्लस्टर (सीएफसी) पहुँचे, जिसे एमएसई-सीडीपी योजना के तहत विकसित किया गया है।

श्री मांझी के साथ इस दौरे में अपर सचिव एवं विकास आयुक्त (एमएसएमई) डॉ. रजनीश (आईएएस), अपर विकास आयुक्त श्रीमती सुधा केशरी (आईईएस), ओडिशा सरकार के उद्योग निदेशक श्री डी. प्रशांत कुमार रेड्डी (आईएएस) और विकास आयुक्त (एमएसएमई) कार्यालय के निदेशक श्री मिलिंद धर्मराव रामटेके (आईएएस) भी मौजूद थे।
सीटीटीसी में तकनीकी उत्कृष्टता की झलक
सीटीटीसी के महाप्रबंधक श्री एल. राजशेखर ने मंत्री को संस्था की प्रमुख उपलब्धियों और पहलों पर विस्तृत प्रस्तुति दी। श्री मांझी ने परिसर का निरीक्षण करते हुए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों और अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने वहां प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे युवाओं से भी संवाद किया और उनकी प्रतिभा व नवाचार के प्रति उत्साह जताया।
सीटीटीसी की उपलब्धियों में इसरो, एडीए, डीआरडीओ और टाटा मोटर्स जैसे दिग्गज संगठनों के लिए किए गए कार्य शामिल हैं। इसने चंद्रयान-3 और एलसीए-तेजस परियोजना के लिए महत्वपूर्ण घटकों का निर्माण कर भारत के एयरोस्पेस मिशनों में अहम योगदान दिया है। फिलहाल यह गगनयान मिशन के लिए भी घटकों का निर्माण कर रहा है।
फार्मा सेक्टर को मजबूती देता सीएफसी
अपने दौरे के अगले चरण में मंत्री मांझी मंचेश्वर औद्योगिक एस्टेट स्थित फार्मास्युटिकल क्लस्टर पहुँचे, जिसे एमएसई-सीडीपी योजना और ओडिशा सरकार के सहयोग से विकसित किया गया है। यह केंद्र भुवनेश्वर और कटक क्षेत्र के फार्मा उद्योग की सेवा कर रहा है।
उत्कल फार्मास्युटिकल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (यूपीएमए) इस क्लस्टर का विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) है। सीएफसी ने एमएसएमई इकाइयों को गुणवत्तापूर्ण उत्पादन, निर्यात योग्यता और बाहरी प्रयोगशालाओं पर निर्भरता कम करने में मदद की है।
यह केंद्र न केवल उन्नत परीक्षण सुविधाएं उपलब्ध कराता है, बल्कि अनुसंधान, गुणवत्ता आश्वासन और प्रशिक्षण जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं भी प्रदान करता है। श्री मांझी ने यूपीएमए के प्रयासों की सराहना करते हुए सीएफसी को फार्मास्युटिकल क्षेत्र की बुनियाद को मजबूत करने वाला एक महत्वपूर्ण स्तंभ बताया।
यह दौरा न सिर्फ तकनीकी संस्थाओं की कार्यप्रणाली की समीक्षा का अवसर था, बल्कि इससे यह भी स्पष्ट हुआ कि भारत में एमएसएमई क्षेत्र नवाचार, गुणवत्ता और आत्मनिर्भरता की दिशा में सशक्त कदम बढ़ा रहा है। श्री मांझी की यह यात्रा निश्चित रूप से तकनीकी विकास और औद्योगिक प्रगति के लिए नई ऊर्जा लेकर आएगी।