वर्ल्ड ऑफ़ चिल्ड्रन्स आर्ट एंड कल्चर के पटल पर कल “पुस्तकें हमारी मित्र “ विषय पर “वर्ल्ड ऑफ़ चिल्ड्रन्स आर्ट एंड कल्चर “ व हिन्दी की गूंज संस्था के संयुक्त तत्वाधान में कार्यक्रम का आयोजित किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों में अध्यक्ष के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार, कवि व व्यंग्यकार सूर्यकुमार पाण्डेय ,मुख्य अतिथि वरिष्ठ बाल साहित्यकार व शिक्षाविद रजनीकांत शुक्ल व विषय प्रवर्तक के रूप में वरिष्ठ बाल साहित्यकार, कवि व शिक्षाविद् नरेंद्र सिंह “ नीहार “ थे। कार्यक्रम का संचालन नीदरलैंड्स से बाल साहित्यकार डॉ. ऋतु ननंन पाँडे द्वारा किया गया ।

विषय प्रवर्तक के रूप में अपने सारगर्भित विचार साझा करते हुए उन्होंने पुस्तकों की भूमिका पर व्यापक दृष्टिकोण रखते हुए इसे बाल विकास और कल्पना की उड़ान का आधार है। जिसके पास पुस्तकें हैं वह कभी निर्धन और एकाकी जीवन नहीं जी सकता। निश्चिंत रूप से पुस्तक पढ़ने वाले का उत्थान अवश्य होता है क्यों य ज्ञान विज्ञान दोनों की ही राह दिखाती है ।
मुख्य अतिथि रजनीकांत शुक्ल जी ने अपने वक्तव्य में अपनी रचनाओं के माध्यम से कहा अच्छी पुस्तकें जीवन मूल्यों के साथ बच्चों को एक अच्छा इंसान बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। हम अपनी सांस्कृतिक, धार्मिक धरोहर से मिलाने का कार्य का काम भी करती हैं।
अपने अध्यक्षीय भाषण में सूर्यकुमार पाण्डेय जी ने पुस्तकों के बदलते स्वरूप , प्रकाशन की समस्या, व पुस्तक लेखन के नवाचार पर प्रकाश डालते हुए बताया की पुस्तकें केवल बच्चों की ही नहीं हर किसी की मित्र होती हैं । आज के आधुनिक युग में मोबाइल ने पाठकों में कमी हो गई है ।किन्तु फिर भी पुस्तकें हर एक की पहली पसंद है । अंत में कार्यक्रम की संचालिका ने नीदरलैंड में पुस्तकों की लोकप्रियता व पाठकों की स्थिति के विषय में प्रकाश डाला व “पुस्तक “पर कविता सुना कर सभी का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम को विराम दिया।
भावना अरोड़ा ‘मिलन‘