नई दिल्ली, नॉर्थ ब्लॉक में आज केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने अत्याधुनिक Multi Agency Centre (MAC) के नए परिसर का उद्घाटन किया। यह नया MAC, भारत की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत तथा समन्वित बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।

इस अवसर पर श्री अमित शाह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अडिग राजनीतिक इच्छाशक्ति, हमारी खुफिया एजेंसियों की सटीक सूचनाओं और तीनों सशस्त्र सेनाओं की अचूक कार्यक्षमता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भारत को अपनी तीनों सेनाओं, सीमा सुरक्षा बल और समस्त सुरक्षा एजेंसियों पर गर्व है, जो दिन-रात देश की रक्षा में संलग्न हैं।
हाल ही में छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर Korragattalu Hills (KGH) में केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों द्वारा चलाए गए ऐतिहासिक नक्सल विरोधी अभियानों का उल्लेख करते हुए श्री शाह ने कहा कि यह अभियान हमारी सुरक्षाबलों के अद्वितीय समन्वय और समर्पण का प्रमाण है। इसी तरह का अनुकरणीय तालमेल ऑपरेशन सिंदूर में भी देखने को मिला, जिससे यह स्पष्ट होता है कि हमारी खुफिया एजेंसियां और तीनों सेनाएं मिलकर किस प्रकार से कार्य को अंजाम देती हैं।
श्री शाह ने नए MAC की सराहना करते हुए कहा कि यह प्लेटफॉर्म देश की जटिल और परस्पर जुड़ी सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में सभी एजेंसियों के प्रयासों को एकीकृत करेगा। यह एक निर्बाध, सुरक्षित और समन्वित मंच प्रदान करेगा जो आतंकवाद, उग्रवाद, संगठित अपराध और साइबर हमलों जैसे गंभीर खतरों से लड़ने में बेहद प्रभावी साबित होगा।
उन्होंने बताया कि इस अत्याधुनिक MAC में AI/ML जैसी भविष्यगामी क्षमताएं जोड़ी गई हैं, जिससे GIS सेवाओं और बड़े डाटाबेस का कुशलता से विश्लेषण किया जा सकेगा। श्री शाह ने यह भी कहा कि विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों के महत्वपूर्ण डाटाबेस को इस प्लेटफॉर्म से जोड़ना समय की मांग है, जिससे MAC की advanced data analytics क्षमता का पूरा लाभ लिया जा सके।
इसके ज़रिए न केवल अधिक सटीक trend analysis संभव होगा, बल्कि hotspot mapping और timeline-based analysis भी बेहतर ढंग से किया जा सकेगा, जो कि सुरक्षा एजेंसियों को पूर्वानुमानात्मक निर्णय लेने में सहायता प्रदान करेगा। उन्होंने इसे terror ecosystem के विरुद्ध एक निर्णायक हथियार बताया, जो संगठित अपराध से गहराई से जुड़ा हुआ है।
MAC की स्थापना वर्ष 2001 में हुई थी और इसे देश का प्रमुख intelligence fusion centre माना जाता है। श्री अमित शाह स्वयं इसके तकनीकी आधुनिकीकरण के लिए लगातार मार्गदर्शन करते रहे हैं। खुफिया ब्यूरो (IB) में स्थापित यह नया MAC प्लेटफॉर्म सुरक्षा, आसूचना, जांच और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को आपस में जोड़ने का काम करेगा।
करीब 500 करोड़ रुपए की लागत से तैयार यह नेटवर्क qualitative और quantitative दोनों स्तरों पर अत्यंत उन्नत है। यह MAC अब देश के कोने-कोने तक, चाहे वह द्वीपीय क्षेत्र हों, उग्रवाद प्रभावित इलाके हों या दुर्गम पर्वतीय क्षेत्र, सभी तक last mile secure connectivity प्रदान करता है – विशेष रूप से जिलों के SP स्तर तक।
केंद्रीय गृह मंत्री ने इसे भारत की सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक “game-changer” बताया और कहा कि यह MAC नेटवर्क आने वाले समय में आतंकवाद और संगठित अपराध के विरुद्ध भारत को और अधिक सक्षम बनाएगा।