माननीय केंद्रीय विद्युत मंत्री श्री मनोहर लाल ने आज बेंगलुरु में कर्नाटक राज्य के विद्युत क्षेत्र की समग्र समीक्षा की। इस महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक में केंद्रीय विद्युत एवं नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्री श्रीपद नाइक, कर्नाटक सरकार के ऊर्जा मंत्री श्री के. जे. जॉर्ज तथा भारत सरकार, राज्य सरकार और आरईसी लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक में राज्य सरकार द्वारा कर्नाटक में विद्युत उत्पादन, पारेषण और वितरण की वर्तमान स्थिति पर विस्तृत प्रस्तुति दी गई। इस दौरान विद्युत उत्पादन में स्रोत विविधता, पारेषण अवसंरचना के लिए “राइट ऑफ वे” (ROW) से जुड़ी चुनौतियाँ और वितरण तंत्र को सुदृढ़ बनाने हेतु केंद्र से अपेक्षित सहयोग जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई।
केंद्रीय मंत्री श्री मनोहर लाल ने कर्नाटक सरकार को बिजली उत्पादन में नवीकरणीय ऊर्जा के बढ़ते अनुपात के लिए सराहना दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका यह दौरा जमीनी हकीकत को समझने और राज्य में विद्युत क्षेत्र को सशक्त बनाने हेतु नवीन पहलों की संभावनाओं का मूल्यांकन करने के उद्देश्य से है।
मंत्री महोदय ने राज्य सरकार से आग्रह किया कि वह विद्युत वितरण कंपनियों के वार्षिक वित्तीय घाटों को कम करने की दिशा में ठोस कदम उठाए तथा लागत आधारित टैरिफ व्यवस्था को लागू करे। उन्होंने सरकारी विभागों पर लंबित बिजली बकाया और सब्सिडी के समय पर भुगतान की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए अगस्त 2025 तक सभी सरकारी प्रतिष्ठानों, नगर निकायों और कॉलोनियों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने की सिफारिश की। साथ ही उन्होंने बिजली बकाया के कुशल प्रबंधन के लिए एक केंद्रीकृत भुगतान प्रणाली स्थापित करने की जरूरत पर बल दिया।
उन्होंने वाणिज्यिक, औद्योगिक एवं अन्य उपभोक्ता वर्गों में स्मार्ट मीटरिंग की प्रक्रिया को तेज गति से और समयबद्ध तरीके से लागू करने का निर्देश भी दिया। ट्रांसमिशन से जुड़ी बाधाओं विशेषकर ROW समस्याओं के समाधान हेतु राज्य सरकार को भारत सरकार द्वारा निर्धारित मुआवजा ढांचे को अपनाने की सलाह दी।
श्री मनोहर लाल ने आश्वस्त किया कि कर्नाटक के विद्युत क्षेत्र को मजबूती देने के लिए भारत सरकार पूर्ण समर्थन प्रदान करती रहेगी। उन्होंने राज्य के विकास और जनकल्याण के प्रति केंद्र सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दोहराया।