प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) और शेल इंडिया ने युवाओं को सशक्त बनाने के लिए संयुक्त रूप से हरित कौशल-केंद्रित ईवी प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया

कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय  के अंतर्गत प्रशिक्षण महानिदेशालय ने शेल इंडिया के सहयोग से ग्रीन स्किल्स एवं इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी)  प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों एवं शिक्षकों को ग्रीन एनर्जी एवं ई-मोबिलिटी में भविष्य के लिए तैयार क्षमताओं से लैस करना है। इस पहल को शेल के प्रशिक्षण भागीदार एडुनेट फाउंडेशन द्वारा 12 जून 2025 को दिल्ली-एनसीआर, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक में चुनिंदा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) एवं राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) में क्रियान्वित किया जाएगा।

डीजीटी-शेल इंडिया सहयोग के अंतर्गत चुनिंदा एनएसटीआई और आईटीआई में संरचित बहु-स्तरीय मॉडल के माध्यम से हरित कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। पहले चरण में, कार्यक्रम में 4 एनएसटीआई में 240 घंटे का उन्नत ईवी तकनीशियन पाठ्यक्रम, शेल समर्थित प्रयोगशालाओं से सुसज्जित 12 आईटीआई में 90 घंटे का रोजगारोन्मुख ईवी कौशल पाठ्यक्रम और भौतिक प्रयोगशालाओं के बिना आईटीआई में 50 घंटे का अतिरिक्त आधारभूत हरित कौशल मॉड्यूल शामिल है। शेल, एडुनेट फाउंडेशन और डीजीटी द्वारा संयुक्त रूप से विकसित पाठ्यक्रम में ईवी सिस्टम, डायग्नोस्टिक्स, बैटरी तकनीक, डिजिटल उपकरण और सुरक्षा प्रोटोकॉल शामिल हैं। इस पहल में 250 से अधिक प्रशिक्षकों के लिए प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण (टीओटी), शेल और डीजीटी द्वारा सह-ब्रांडेड प्रमाणन और उद्योग की तत्परता बढ़ाने के लिए संरचित नियोजन सहायता भी शामिल है।

इस पहल का एक मुख्य आकर्षण चुनिंदा आईटीआई और एनएसटीआई के भीतर विशेष ईवी कौशल प्रयोगशालाओं की स्थापना है। इन प्रयोगशालाओं को उद्योग मानकों के अनुरूप व्यावहारिक प्रशिक्षण और विशेषज्ञ-नेतृत्व वाले सत्र प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। प्रयोगशाला-आधारित शिक्षा के अलावा, कार्यक्रम सफल प्रतिभागियों को नियोजन सहायता और सह-ब्रांडेड प्रमाणपत्र भी प्रदान करता है, जिससे हरित ऊर्जा और ईवी क्षेत्रों में उनकी रोजगार क्षमता बढ़ती है।

भारत सरकार अपनी नेट-जीरो महत्वाकांक्षाओं के अनुरूप ग्रीन एनर्जी और इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) को अपनाने को सक्रिय रूप से आगे बढ़ा रही है। हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों के तेजी से अपनाने और विनिर्माण (एफएएमई) जैसी प्रमुख पहलों ने ईवी को अपनाने में तेजी लाने, बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और लक्षित प्रोत्साहन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन राष्ट्रीय प्रयासों को पूरक बनाते हुए, दिल्ली, महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे राज्यों ने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में बदलाव को तेज़ करने, स्थानीय ईकोसिस्टम को बढ़ावा देने और हरित रोजगारों का सृजन करने के लिए अपनी स्वयं की ईवी नीतियां पेश की हैं। ये विकास हरित ऊर्जा और ईवी क्षेत्रों में कुशल कार्यबल की बढ़ती मांग को रेखांकित करते हैं।

व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए सर्वोच्च राष्ट्रीय निकाय के रूप में, डीजीटी छात्रों और प्रशिक्षकों को संगठित करके और राष्ट्रीय शिक्षा और कौशल विकास मानकों के साथ संरेखण सुनिश्चित करने के लिए संस्थागत इकोसिस्टम का समर्थन करके इस पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और शिक्षा राज्य मंत्री श्री जयंत चौधरी ने इस पहल के महत्व पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि शेल इंडिया के साथ हमारा सहयोग कौशल को स्थिरता के साथ जोड़ने की सरकार की गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हरित ऊर्जा, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और व्यापक जलवायु परिवर्तन केवल पर्यावरणीय अनिवार्यताएं ही नहीं हैं, वे भारत के लिए नवाचार, प्रतिभा और उद्यम के माध्यम से नेतृत्व करने के लिए एक पीढ़ीगत अवसर का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा कि यह पहल एक ऐसा कार्यबल बनाने के हमारे बड़े दृष्टिकोण का हिस्सा है जो न केवल रोजगार के लिए तैयार है, बल्कि जलवायु के लिए भी तैयार है। उन्होंने कहा कि हम युवा भारतीयों को न केवल इसमें शामिल होने बल्कि वैश्विक हरित अर्थव्यवस्था को आकार देने के लिए कौशल से लैस कर रहे हैं।

कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) की महानिदेशक श्रीमती त्रिशालजीत सेठी ने कहा कि शेल इंडिया के साथ यह साझेदारी हमारे आईटीआई और एनएसटीआई में अत्याधुनिक प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे और उद्योग-प्रासंगिक पाठ्यक्रम लाने की दिशा में एक केंद्रित पहल है। इलेक्ट्रिक वाहन प्रौद्योगिकियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण में एकीकृत करके, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारे छात्र वास्तविक दुनिया की मांग के अनुरूप व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में शामिल संयुक्त प्रमाणन, प्रशिक्षक कौशल विकास और नियोजन सहायता के साथ, यह पहल ग्रीन मोबिलिटी क्षेत्र में हमारे युवाओं की रोजगार क्षमता को काफी मजबूत करेगी।

भारत में शेल ग्रुप ऑफ़ कंपनीज़ की चेयरपर्सन और एशिया-पैसिफिक में शेल लुब्रिकेंट्स की वरिष्ठ उपाध्यक्ष मानसी मदन त्रिपाठी ने इस साझेदारी पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि शेल में, हमारा लक्ष्य भविष्य के रोज़गार के अवसरों को सक्षम करके स्थानीय समुदायों का समर्थन करना है। युवाओं को हरित ऊर्जा कौशल से लैस करना कम कार्बन वाले भविष्य के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। डीजीटी और एडुनेट फ़ाउंडेशन के साथ हमारे सहयोग के माध्यम से, हम छात्रों को हरित ऊर्जा और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में व्यावहारिक और भविष्य के लिए तैयार विशेषज्ञता प्रदान कर रहे हैं। यह पहल युवाओं को एक उभरते ऊर्जा परिदृश्य में पनपने और भारत की शुद्ध-शून्य महत्वाकांक्षाओं में योगदान करने के लिए सशक्त बनाती है।

उन्होंने कहा कि डीजीटी और शेल इंडिया के बीच यह सहयोग भारत के युवाओं को भविष्य की हरित अर्थव्यवस्था में करियर के लिए तैयार करने की दिशा में एक मजबूत कदम है। एक व्यापक पाठ्यक्रम, विशेष प्रयोगशालाओं और उद्योग समर्थन की पेशकश करके, यह पहल छात्रों को व्यावहारिक कौशल और प्रमाणपत्रों से लैस करेगी, उनकी रोजगार क्षमता को बढ़ाएगी और उन्हें एक स्थायी, नवाचार-संचालित भविष्य में नेतृत्व करने के लिए तैयार करेगी।

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