नगर निगम सीमा अंतर्गत भवनों के आवासीय और व्यावसायिक उपयोग का जीआईएस सर्वे होने के उपरांत नगर निगम में जो संपत्तियां दर्ज नहीं हैं या फिर आवासीय में व्यवसायिक उपयोग हो रहा है लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा। नगर निगम 90 पार्षद वार्ड में आवासीय व व्यवसायिक संपत्तियों का पता करने के लिए पहली बार नगर का ड्रोन से ज्योग्राफिक इंफार्मेशन सिस्टम (जीआईएस) सर्वे कराने जा रहा है।

नगर निगम की *संपत्ति कर वसूली में वृद्धि व विस्तारित क्षेत्र में आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियों के संपत्ति कर की विसंगतियां को दूर करने को लेकर बेहद चिंतित नगर आयुक्त प्रेम प्रकाश मीणा ने लगभग 5 साल पहले हुए नगर निगम आवासीय और व्यावसायिक संपत्ति कर के सर्वे को दोबारा जीआईएस बेस्ड ड्रोन से सर्वे कराए जाने का निर्णय लिया है। नगर निगम के सभी 90 पार्षद वार्ड में आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियों का जीआईएस सर्वे कराए जाने के लिए संपत्ति विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा करते हुए तत्काल सर्वे के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए है।
नगर आयुक्त का कहना
नगर आयुक्त प्रेम प्रकाश मीणा ने बताया कि लगभग 5 साल पहले हुए संपत्ति कर के सर्वे की विसंगतियों के कारण आम नागरिकों को संपत्ति कर जमा करने में असुविधा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है पिछले सर्वे में लगभग 2 लाख 89 हजार प्रॉपर्टी चिन्हित की गई थी लेकिन वर्तमान में नगर निगम सीमा विस्तार होने से निश्चित रूप से आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियां के बढ़ने की संभावना से इनकार भी नहीं किया जा सकता नगर निगम की आय को बढ़ाने के लिए दोबारा नगरीय क्षेत्र में आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियों का आकलन किया जाना बेहद जरूरी है इसको ध्यान में रखते हुए ड्रोन की मदद जीआईएस सर्वे कराये जाने की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश अधीनस्थों को दिए गए है।
जीआईएस ड्रोन सर्वे के फायदे
ड्रोन से जीआईएस सर्वे निजी एजेंसी द्वारा किया जाएगा जिसमे शहर की संपत्ति मकान, कच्चा, पक्का, कितनी मंजिल और कितना वर्ग फीट में बना हुआ है यदि छत पर टॉवर लगा हुआ है तो इसकी जानकारी भी सामने जाएगी।
नगर निगम को जीआईएस सर्वे का लाभ
ड्रोन से जीआईएस (GIS) सर्वे का बहुत लाभ नगर निगम को मिलेंगे की सर्वे के उपरांत सभी प्रॉपर्टी पर क्यूआर कोड लगाएगा। जनता की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए क्यूआर कोड काफी लाभदायक सिद्ध होगा क्यूआर कोड को स्कैन करके, नगर निगम के अधिकारी व प्रॉपर्टी स्वामी प्रॉपर्टी से संबंधित जानकारी जैसे कि टैक्स और बिल जमा करने की स्थिति आदि आसानी से जान सकेंगे।
क्यूआर कोड लगाने का मुख्य उद्देश्य
क्यूआर कोड के माध्यम से, नगर निगम आसानी से प्रॉपर्टी मालिकों की पहचान कर सकेगा और टैक्स चोरी को रोक सकेगा। क्यूआर कोड के उपयोग से, टैक्स प्रणाली अधिक पारदर्शी होगी और लोगों को टैक्स भरने में आसानी होगी। क्यूआर कोड के माध्यम से, नगर निगम प्रत्येक प्रॉपर्टी का एक विस्तृत डेटाबेस बना सकेगा और क्यूआर कोड को स्कैन करके, लोग आसानी से अपने घर बैठे प्रॉपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे। क्यूआर कोड को स्कैन करके, नगर निगम के अधिकारी संपत्ति के मालिक और अन्य विवरणों को जान सकेंगे।
भविष्य में नगर निगम की आय के बढ़ेंगे स्त्रोत
लगभग 5 साल पहले हुए सर्वे में नगर निगम क्षेत्र में आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियों के अंतर्गत 2 लाख 89 हजार प्रॉपर्टी चिन्हित हुई थी वर्तमान में शहर सीमा के विस्तार होने के साथ-साथ नगरीय सुविधाओं को प्रभावी बनाने के लिए नगर निगम की आय को बढ़ाना एक बेहद गंभीर विषय है। नगर आयुक्त प्रेम प्रकाश मीणा ने इस दिशा में हम कदम उठाया है निश्चित रूप से आने वाले समय में इस सर्वे के पूर्ण हो जाने से नगर निगम की आय के स्रोत बढ़ेंगे।