सड़क परिवहन और राजमार्ग तथा कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री श्री हर्ष मल्होत्रा ने अवसंरचना के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव को रेखांकित करते हुए कहा कि एक अच्छी और सुदृढ़ सड़क नेटवर्क क्षेत्र में समृद्धि लाती है। मंत्री महोदय ने कहा कि अवसंरचनात्मक विकास वर्ष 2047 तक “विकसित भारत” के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विज़न को साकार करने की दिशा में एक प्रमुख प्रेरक शक्ति है।

श्री मल्होत्रा आज मिजोरम विश्वविद्यालय परिसर, आइजोल, मिजोरम में आयोजित भारतीय सड़क कांग्रेस (आईआरसी) की 233वीं मध्यावधि परिषद बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में मिजोरम के मुख्यमंत्री श्री लालदुहोमा, राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री श्री वानलालहलाना एवं मिजोरम से सांसद श्री रिचर्ड वानलालह्मांगैहा की उपस्थिति रही। राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने बताया कि पिछले 11 वर्षों में राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई में 60 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है — वर्ष 2014 में लगभग 91,000 किलोमीटर से बढ़कर यह अब लगभग 1.47 लाख किलोमीटर हो गई है।
मंत्री महोदय ने निर्माण की गुणवत्ता से समझौता किए बिना लागत को कम करने और विश्व की सर्वश्रेष्ठ सिद्ध तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता पर विशेष बल दिया। श्री मल्होत्रा ने कहा कि वर्तमान समय की आवश्यकता है कि हम सतत विकास आधारित पद्धतियों को अपनाएं तथा पर्यावरण-अनुकूल विधियों एवं अत्याधुनिक निर्माण तकनीकों का उपयोग करें।

मंत्री महोदय ने भारतीय सड़क कांग्रेस की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह संस्था कई वर्षों में एक बहुआयामी संगठन के रूप में विकसित हुई है, जो देश में बेहतर सड़कों के निर्माण हेतु कार्यरत है। इसमें केंद्र व राज्य सरकारों, सैन्य इंजीनियरी सेवा, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) सहित विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि सदस्य हैं।
राज्य मंत्री ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर होने वाले निर्माण कार्य भारतीय सड़क कांग्रेस द्वारा निर्धारित मानकों, दिशा-निर्देशों और विशेष प्रकाशनों सहित सरकार द्वारा अधिसूचित गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों के अनुरूप किए जाते हैं।
मंत्री महोदय यह भी कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध हैं। विगत 11 वर्षों में पूर्वोत्तर भारत में 1.07 लाख करोड़ रुपये की लागत से लगभग 10,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया गया है, जिससे सीमावर्ती और दूरवर्ती क्षेत्रों को जोड़ने में अभूतपूर्व सुधार हुआ है।
अपने संबोधन में श्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि अवसंरचना केवल निर्माण सामग्री और स्टील का ढांचा नहीं है, यह आर्थिक विकास की आधारशिला है, समृद्धि की राह है और ‘विकसित भारत 2047’ के प्रधानमंत्री के उस विज़न का प्रतीक है, जो एक सशक्त, समावेशी और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी राष्ट्र के निर्माण की परिकल्पना पर आधारित है।
