भारत सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग की एक प्रमुख पहल, राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH) ने एक बार फिर उपभोक्ता संरक्षण और न्यायसंगत बाजार व्यवस्था को सशक्त करने की अपनी प्रतिबद्धता को सिद्ध किया है। 25 अप्रैल से 30 जून 2025 के बीच हेल्पलाइन के माध्यम से उपभोक्ताओं को कुल ₹7.14 करोड़ की राशि वापस दिलाई गई, जो विभिन्न क्षेत्रों में दर्ज 15,426 शिकायतों के प्रभावी समाधान का प्रत्यक्ष परिणाम है।
उपभोक्ता अधिकार संरक्षण का सशक्त मंच
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत एक पूर्व-मुकदमेबाजी मंच के रूप में कार्य करती है। इसका उद्देश्य उपभोक्ता आयोगों पर भार कम करना और उपभोक्ताओं को तेज़, सुलभ तथा सौहार्दपूर्ण शिकायत समाधान उपलब्ध कराना है। NCH उपभोक्ताओं के लिए एकल संपर्क बिंदु के रूप में कार्य करता है, जो उन्हें 17 भाषाओं में टोल-फ्री नंबर 1915, व्हाट्सएप (8800001915), SMS, ईमेल, NCH ऐप, वेब पोर्टल (consumerhelpline.gov.in), उमंग ऐप और AI-चालित चैटबॉट जैसे माध्यमों से अपनी शिकायत दर्ज करने की सुविधा देता है।
प्रमुख क्षेत्रों में समाधान और रिफंड की स्थिति
वित्तीय आंकड़ों के अनुसार, ई-कॉमर्स क्षेत्र में सबसे अधिक 8,919 शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें कुल ₹3.69 करोड़ की रिफंड राशि वापस कराई गई। इसके बाद ट्रैवल और टूरिज्म सेक्टर में 1,057 शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए ₹81 लाख की वापसी कराई गई। अन्य क्षेत्रों में सामान्य बीमा, एजेंसी सेवाएं और एयरलाइंस शामिल हैं। नीचे दी गई तालिका क्षेत्रवार शिकायतों और संबंधित रिफंड राशि को दर्शाती है:
| क्र.सं. | क्षेत्र | कुल शिकायतें | कुल वापस की गई राशि (रुपये में) |
|---|---|---|---|
| 1 | ई-कॉमर्स | 8919 | ₹3,69,58,548 |
| 2 | यात्रा और पर्यटन | 1057 | ₹81,41,119 |
| 3 | सामान्य बीमा | 101 | ₹41,43,045 |
| 4 | एजेंसी सेवाएं | 261 | ₹38,41,754 |
| 5 | एयरलाइंस | 186 | ₹30,86,848 |
| 6 | अन्य | 4902 | ₹1,53,18,942 |
| योग | 15,426 | ₹7,14,90,256 |
डिजिटल पहुंच और प्रभावशीलता
NCH की सफलता का एक प्रमुख कारण है इसकी डिजिटल रूप से सुलभ प्रणाली। शिकायतों की बढ़ती संख्या यह दर्शाती है कि उपभोक्ता हेल्पलाइन की पहुंच लगातार विस्तार कर रही है। शिकायत दर्ज करने के लिए उपभोक्ता अब बहु-माध्यमीय, आईटी-सक्षम प्लेटफ़ॉर्म INGRAM (Integrated Grievance Redressal Mechanism) का भी उपयोग कर सकते हैं, जो पारदर्शिता, त्वरित समाधान और जवाबदेही को बढ़ावा देता है।

राज्यों से सफलता की कहानियाँ
पश्चिम बंगाल
कोलकाता निवासी एक उपभोक्ता को रद्द की गई फ्लाइट टिकट का रिफंड नहीं मिला था। NCH के हस्तक्षेप से कंपनी ने ₹8,24,877 की राशि तुरंत वापस की।
बर्दवान जिले के एक उपभोक्ता को ई-कॉमर्स से किराना ऑर्डर नहीं मिला था। कंपनी की ओर से गलत सूचना दिए जाने के बावजूद, NCH के प्रयासों से ₹1,854.11 का रिफंड दिलवाया गया।
राजस्थान
नागपुर जिले के एक उपभोक्ता को वॉशिंग मशीन का रिफंड नहीं मिल रहा था। NCH द्वारा तीन दिनों के भीतर ₹5,799 की वापसी सुनिश्चित की गई।
छत्तीसगढ़
कोरबा जिले में खिलौने का ऑर्डर नहीं मिला। कंपनी ने जवाब नहीं दिया, लेकिन NCH के हस्तक्षेप से ₹1,214 का रिफंड प्राप्त हुआ।
महाराष्ट्र
मुंबई के एक उपभोक्ता को ऑर्डर किए गए किराने के सामान की पूरी डिलीवरी नहीं मिली। शिकायत दर्ज करने के मात्र तीन घंटे के भीतर रिफंड प्रोसेस हो गया।
तेलंगाना
मेडक जिले के उपभोक्ता को तीन सितारा रेफ्रिजरेटर मिला, जबकि पांच सितारा ऑर्डर किया था। NCH के प्रयासों से ₹17,490 की वापसी हुई।
निष्कर्ष
उपभोक्ताओं को समय पर न्याय दिलाने की दिशा में NCH का यह अभियान उल्लेखनीय है। यह न केवल उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा करता है, बल्कि बाज़ार में पारदर्शिता और जवाबदेही को भी बढ़ाता है। भारत सरकार उपभोक्ता संरक्षण ढांचे को और सशक्त करने हेतु निरंतर प्रयासरत है और सभी उपभोक्ताओं से आग्रह करती है कि वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें और आवश्यकता पड़ने पर राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन का सक्रिय रूप से उपयोग करें।