राष्ट्रपति ने रेवेनशॉ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (15 जुलाई, 2025) ओडिशा के कटक में रेवेनशॉ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि यह शैक्षणिक संस्थान स्वतंत्रता संग्राम का सक्रिय केंद्र था और ओडिशा राज्य गठन आंदोलन से जुड़ा हुआ था। यह संस्थान शिक्षा के विकास और महिला सशक्तिकरण में निरंतर अमूल्य योगदान देता रहा है। इसके कई पूर्व छात्रों ने स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद, साहित्यकार, दार्शनिक, राजनीतिक नेता, समाज सुधारक, वैज्ञानिक और कलाकार के रूप में भारत का मान बढ़ाया है।

राष्ट्रपति ने बताया कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई है कि रेवेनशॉ विश्वविद्यालय अनुसंधान, नवाचार और समावेशिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है। संस्थान ने परामर्श सेवाओं और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के माध्यम से कई उद्योग भागीदारों तक अपनी विशेषज्ञता का विस्तार किया है। इसका ‘डिज़ाइन, नवाचार और उद्यमिता केंद्र’ विचार-मंथन, अनुवादात्मक अनुसंधान और उद्यमिता को बढ़ावा देता है। उन्होंने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय आदिवासी क्षेत्रों, वंचित समूहों और दिव्यांगजन छात्रों का नामांकन बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

राष्ट्रपति ने कहा कि यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी का युग है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, थ्री-डी प्रिंटिंग और क्लाउड कंप्यूटिंग से हमारी सोच और कार्यशैली में व्यापक बदलाव आया है। उन्होंने बताया कि उन्हें खुशी है कि यह विश्वविद्यालय इन तकनीकों का उपयोग अच्छी प्रकार से कर रहा है। उन्होंने सभी को इन उन्नत तकनीकों के दुरुपयोग के प्रति सावधान रहने की सलाह दी।

राष्ट्रपति ने कहा कि देश में अमृत काल चल रहा है। वर्ष 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाना हमारा राष्ट्रीय लक्ष्य है। राष्ट्र प्रथम की भावना हमारी सबसे बड़ी ताकत है। हमारे जवान, किसान, वैज्ञानिक, इंजीनियर, डॉक्टर और विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय हैं और विश्व में भारत का गौरव बढ़ाने की भावना से काम कर रहे हैं। उन्होंने छात्रों को इनसे प्रेरणा लेने और अपने ज्ञान, कौशल और समर्पण से देश के विकास में योगदान देने का आग्रह किया।

इसके बाद एक अन्य कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने कटक में रेवेंशॉ गर्ल्स हाई स्कूल की तीन इमारतों के जीर्णोद्धार की आधारशिला रखी।

इस अवसर पर अपने संक्षिप्त संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षण की गुणवत्ता और बेहतर बुनियादी ढांचा एक अच्छे शैक्षिक वातावरण का निर्माण करते हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जीर्णोद्धार परियोजना के पूरा होने पर, इस विद्यालय की सुविधाएं और भी बेहतर हो जाएंगी। राष्ट्रपति ने बालिका शिक्षा से सम्बंधित इस परियोजना के लिए केंद्र और राज्य सरकारों की सराहना की।

राष्ट्रपति ने कहा कि विभिन्न दीक्षांत समारोहों के दौरान, उन्होंने नोट किया है कि समान सुविधाएं और अवसर मिलने पर लड़कियां बेहतर प्रदर्शन करती हैं। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि महिलाएं, शिक्षा और साहित्य, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, उद्योग तथा वाणिज्य सहित प्रत्येक क्षेत्र में सक्रिय योगदान दे रही हैं। उन्होंने छात्राओं को विभिन्न क्षेत्रों में सफलता के नए मानक स्थापित करने वाली महिलाओं से प्रेरणा लेने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि वे अपने ज्ञान, आत्मविश्वास, कौशल और दृढ़ संकल्प के बल पर असंभव को भी संभव बना सकती हैं।

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