आयुष मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री, भारत सरकार श्री प्रतापराव जाधव ने आज राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान (एनआईएच), कोलकाता में स्नातक छात्रों के लिए 400 सीटों वाले यूजी बालक छात्रावास का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर भारत सरकार के शिक्षा एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय में शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार, पश्चिम बंगाल के पुरुलिया से सांसद श्री ज्योतिर्मय सिंह महतो तथा मंत्रालय के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे ।
उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए, श्री प्रतापराव जाधव ने कहा, “यह जानकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि एनआईएच इस वर्ष अपनी स्वर्ण जयंती मना रहा है। केवल 50 वर्ष पूरे करना एक गौरव की बात नहीं, यह सेवा, समर्पण और निरंतर उत्कृष्टता का उत्सव है।” उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि एनआईएच ने उत्कृष्टता केंद्र का दर्जा प्राप्त करने के लिए सफल प्रयास किए हैं।
श्री प्रतापराव जाधव ने बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के विस्तार को समयबद्ध तरीके से पूरा करने पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएँ केवल बुनियादी ढाँचे का विस्तार नहीं हैं, बल्कि एनआईएच अपने मिशन में सशक्त हो सके इसके लिए ये स्नातकोत्तर प्रशिक्षण और अनुसंधान में एक समृद्ध वातावरण को बढ़ावा देने और बढ़ती शैक्षणिक और रोगी-देखभाल आवश्यकताओं को पूरा करने के प्रयासों को दर्शाती हैं। उन्होंने निदेशक से परिसर में पूर्व छात्रों के लिए समर्पित एक कक्ष की व्यवस्था करने का आग्रह किया ताकि उनके समृद्ध अनुभव और विशेषज्ञता होम्योपैथी प्रणाली को और समृद्ध और सुदृढ़ बना सकें। एनआईएच के 51वें वर्ष में प्रवेश करते हुए, केंद्रीय आयुष मंत्री ने छात्रों, संकायों, पूर्व छात्रों और कर्मचारियों से बड़े सपने देखने, कड़ी मेहनत करने और एक ऐसा संस्थान बनाने का आग्रह किया जो न केवल उपचार प्रदान करे बल्कि ज्ञान, नवाचार और करुणा का भी मार्ग प्रशस्त करे।
शिक्षा एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार ने अपने संबोधन में कहा कि यह संस्थान न केवल पश्चिम बंगाल का गौरव है, बल्कि स्वास्थ्य सेवा में भारत की ज्ञान और उत्कृष्टता की समृद्ध परंपरा का भी प्रतीक है। उन्होंने कहा कि एनआईएच के छात्र देश के विभिन्न हिस्सों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। यह प्रधानमंत्री के “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के विजन को साकार कर रहा है। उन्होंने कहा कि एनआईएच भारत को विकसित भारत बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने मरीजों की महत्वपूर्ण संख्या पर प्रकाश डाला जो एनआईएच के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने आगे कहा कि यह संस्थान सस्ती, सुलभ और समग्र स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने एनआईएच के परिधीय ओपीडी की भूमिका पर प्रकाश डाला और बताया कि एनआईएच के डॉक्टरों ने कैंसर का भी इलाज किया है—जो होम्योपैथी की प्रभावशीलता को दर्शाता है। उन्होंने अंतःविषय दृष्टिकोण और मजबूत शोध की आवश्यकता पर बल दिया। उनकी आकांक्षा है कि एनआईएच अपनी उत्कृष्टता के लिए वैश्विक मान्यता प्राप्त करे।

पुरुलिया से सांसद (लोकसभा) श्री ज्योतिर्मय सिंह महतो ने बताया कि वे मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले एनआईएच के एक पूर्व छात्र से होम्योपैथिक उपचार प्राप्त करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि वे यह देखकर बहुत प्रभावित हुए हैं कि यह अस्पताल विभिन्न पड़ोसी राज्यों के रोगियों की ज़रूरतों को पूरा कर रहा है।
एनआईएच के निदेशक ने अपने स्वागत भाषण में इस बात पर प्रकाश डाला कि राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान ने प्रतिदिन लगभग 3,000 रोगियों की सेवा करने की उपलब्धि हासिल की है। निदेशक ने कहा, “यह केवल एक उद्घाटन नहीं है, बल्कि एक लंबे समय से प्रतीक्षित स्वप्न का साकार होना भी है।” उन्होंने आशा व्यक्त की कि एनआईएच जल्द ही एक उत्कृष्टता केंद्र बनेगा जो हमारे अनुसंधान और चिकित्सा सेवाओं को और विकसित करने का अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि एनआईएच केवल एक संस्थान नहीं है – यह एक भावना, एक परिवार, एक आंदोलन और सेवा का एक संकल्प है।