बिलासपुर: भीषण गर्मी के बाद अब जाकर हुई भरपूर बारिश से क्षेत्र में अब लोगों को कुछ गर्मी और कुछ अवस्था से राहत मिल चुकी है। दरअसल समस्त छत्तीसगढ़ में मानसून ने अपनी आमद दस्तक दे दिया है और पिछले दिनों लगातार छत्तीसगढ़ में कई दिनों से मुसलाधार बारिश हो रही है। यही वजह है कि अब किसानों के चेहरे पर मुस्कान खिल गए हैं। किसानों के मुताबिक जब पानी नहीं गिर रहा था, तो एक तरफ गर्मी से परेशान थे, तो दुसरी तरफ अवर्षा से खेती-बाड़ी से परेशान खेत बंजर हो गया था, लेकिन जैसे ही अब मानसुन आया किसान खेतों में अपने फसलों को लगाने कि तैयारी में जुट गए हैं।किसान बरसात के मौसम में ज्यादातर मोटा धान आईआर 36,क्रांति, महामाया, पंजाब स्वर्णा, 1010, मछरी सहित मक्का,आलु,, जैसी फसलों को लगाते हैं, जिसके लिए अब वे ट्रैक्टर से जुताई कर रहे हैं, और किसान अपने खेत में खरहा, लईहरा मताई व रोपाई कर रहे हैं। यानी जो बुवाई खेती का प्रथम चरण माना जाता है।

अब तक 45% रोपाई बोवाई पूर्ण
कृषि विभाग एवं किसानों से ली गई जानकारी के अनुसार क्षेत्र में अब तक 40 से 50% तक खेतों में लईहरा मताई ,रोपाई का कार्य पूर्ण हो चुका है।बाकी खेतों में भी कार्य तेजी से प्रगति की ओर है। वंही मौसम विभाग की माने तो आने वाले दिनों में भी मानसून लगातार सक्रिय रहेगा, जिससे खेती बुवाई के काम लगातार चलते रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि आने वाले दिनों में भी मानसून सक्रिय रहेगा। कुल मिलाकर अभी तक खेती किसानी के लिए मौसम के आसार अनुकूल बना हुआ है।
सावन की झड़ी देखकर किसानों के चेहरे खिले
सावन की पहली फुहारों ने गर्मी और उमस से परेशान आमजन को बड़ी राहत दी है। ठंडी हवाओं और रिमझिम वर्षा ने वातावरण को खुशनुमा बना दिया है, जिससे दिन का तापमान गिरकर 27 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। सावन की झड़ी देखकर किसानों के चेहरे खिल गए हैं।सावन की इस रिमझिम फुहार ने न केवल फसलों के लिए अमृत का काम किया है, बल्कि खेतों की प्यास भी बुझाई है। धान की खेती के लिए यह समय बेहद महत्वपूर्ण होता है और इस वर्षा ने उनकी चिंताओं को दूर कर दिया है।
किसानों के लिए राहत की बारिश
क्षेत्र में बारिश की स्थिति पिछले ममा अच्छी नहीं रही,हालांकि, अब कुछ दिनों से लगातार बरसात हो रही है। पिछले माह अच्छी बरसात नहीं होने के कारण किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें दिख रही थी। लेकिन,अब लगातार हुई बारिश के बाद किसानों को राहत मिली है।
तखतपुर, पचपेड़ी और बिल्हा में कम बारिश
धान की खेती के लिए जिले में मस्तूरी,मलार, तखतपुर और बिल्हा इलाके इस बार कम बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। तखतपुर तहसील में औसत की तुलना में 71.6 प्रतिशत ही बारिश हुई है। यहां अब तक 421 मिमी वर्षा होनी थी लेकिन अब तक 310.2 मिमी वर्षा हो पाई है। बिलासपुर तहसील में 493 बिल्हा में 357 मस्तूरी में 363 तखतपुर में 310 कोटा में 306 बेलतरा में 341 और रतनपुर में 418 मिली मीटर वर्षा हो चुकी है।
आइए किसानों का अभिमत जानें
किसान अब अपने खेतों में फसलों कि बोवाई के लिए कमर कस कर कार्य शुरू कर दिए हैं। जयराम नगर नवापारा के किसान अभिषेक जोगी अपने खेत में सबसे पहले धान कि खेती करेगें फिर आलू के बाद गेंहू तिवरा की फ़सल लगाएंगे।किसान अभिषेक आठ एकड़ में धान की फ़सल लगाएंगे। इसके लिए अपने खेतों की जुताई कर लिए हैं और अब यूरिया ,फास्फेट एवं खाद लेने कि तैयारी में है। जिससे अच्छी पैदावार भी होती है। जब तक बारिश नहीं हो रही थी तब उमस भरी गर्मी से लोग परेशान थे, हालांकि मानसन के प्रवेश करते ही उमस भरी गर्मी से राहत मिली है।
नेवरा के किसान संजय पांडे ने बताया कि मानसून ने भरपूर वर्षा दिया है, लगातार मूसलाधर बारिश हुई है, जिससे किसानों को फायदा होगा। अभी हम अपना बोवाई चालु कर दिए हैं,मोटा धान का बोवाई चालु हैं, मक्का सहित धान का खरहा तैयार कर रहे हैं। अब बारिश से राहत मिली है और हम किसान अब खेती बाड़ी में जुट गए हैं। और खेत को ट्रैक्टर से जुताई कर रहे हैं।
वहीं नरियरा के किसान चंद्र भूषण सिंह बताते हैं कि अभी अच्छी बारिश हुई है किसान खुश हैं और अपने खेतों में लईहरा मताई ,रोपाई सहित खरहा कर रहे हैं।अब लगभग 15 दिनों के बाद खरहा तैयार हो जाएगा तब रोपाई शुरू होगा। बारिश होने से खेतों में पानी भर चुका है, जिससे खेतों की जुताई से लेकर रोपाई तक की प्रक्रिया आसानी से किसान कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि इधर के अधिकांश किसान हल्के धान जो कम दिनों का होता है, जैसे महामाया, पंजाब स्वर्णा ,एक हजार दस, जैसे धान के ही फसल लेते हैं।कुछ मात्रा में खाने के लिए बारीक चावल के भी धान लगाते हैं।
