नगर निगम के 90 पार्षद वार्ड में ड्रोन से जीआईएस सर्वे शुक्रवार को नगर आयुक्त प्रेम प्रकाश मीणा की मौजूदगी में शुरू हुआ। शुक्रवार को गांधी पार्क में एचडीएफसी के सहयोग से कराये जा रहे जीआईएस सर्वे का शुभारंभ करते हुए नगर आयुक्त ने जीआईएस की तकनीकी टीम को जल्द से जल्द सर्वे को पूरा करने के लिए कहा।

एचडीएफसी बैंक के सहयोग से शुरु हुए ड्रोन जीआईएस सर्वे से 90 पार्षद वार्डो में नगरीय सुविधाओं को प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी साथ ही साथ नगर निगम की आय में वृद्धि होने के साथ-साथ शहर में चौमुखी विकास कार्यो को कराने, वार्ड में स्ट्रीट लाइट, सड़क नाली खरंजा निर्माण सहित कई जनसुविधाओं को प्रभावी बनाने की राह आसान होगी। ड्रोन जीआईएस सर्वे से नगरीय क्षेत्र में संपत्ति/भवनों की ऑथेंटिक जानकारी प्राप्त होने पर शासन की जनहित कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी जन-जन तक पहुंचने में मदद मिलेगी।
जीआईएस ड्रोन सर्वे के फायदे
ड्रोन से जीआईएस सर्वे निजी एजेंसी द्वारा किया जाएगा जिसमे शहर की संपत्ति मकान, कच्चा, पक्का, कितनी मंजिल और कितना वर्ग फीट में बना हुआ है यदि छत पर टॉवर लगा हुआ है तो इसकी जानकारी भी सामने जाएगी।
ड्रोन से जीआईएस (GIS) सर्वे का बहुत लाभ नगर निगम को मिलेंगे की सर्वे के उपरांत सभी प्रॉपर्टी पर क्यूआर कोड लगाएगा। जनता की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए क्यूआर कोड काफी लाभदायक सिद्ध होगा क्यूआर कोड को स्कैन करके, नगर निगम के अधिकारी व प्रॉपर्टी स्वामी प्रॉपर्टी से संबंधित जानकारी जैसे कि टैक्स और बिल जमा करने की स्थिति आदि आसानी से जान सकेंगे साथ ही साथ घर बैठे टैक्स भी जमा कर सकेगें।
नगर आयुक्त ने बताया क्यूआर कोड के माध्यम से, नगर निगम आसानी से प्रॉपर्टी मालिकों की पहचान कर सकेगा और टैक्स चोरी को रोक सकेगा। क्यूआर कोड के उपयोग से, टैक्स प्रणाली अधिक पारदर्शी होगी और लोगों को टैक्स भरने में आसानी होगी। क्यूआर कोड के माध्यम से, नगर निगम प्रत्येक प्रॉपर्टी का एक विस्तृत डेटाबेस बना सकेगा और क्यूआर कोड को स्कैन करके, लोग आसानी से अपने घर बैठे प्रॉपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे। क्यूआर कोड को स्कैन करके, नगर निगम के अधिकारी संपत्ति के मालिक और अन्य विवरणों को जान सकेंगे।