केरल की राज्य मंत्री श्रीमती वीना जॉर्ज ने केरल में ‘आयुष सेक्‍टर में आईटी समाधान’ पर आयोजित राष्ट्रीय आयुष मिशन कार्यशाला का उद्घाटन किया

केरल सरकार की स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती वीना जॉर्ज ने आज केरल के कुमारकोम स्थित मनोरम केटीडीसी वाटरस्केप्स में “आयुष क्षेत्र में आईटी समाधान” पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन किया। केरल के राष्ट्रीय आयुष मिशन द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में 91 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि तथा 155 प्रतिभागियों ने हिस्‍सा लिया, जिनमें वरिष्ठ अधिकारी, तकनीकी विशेषज्ञ और नीति निर्माता शामिल थे। यह कार्यशाला नई दिल्ली में आयोजित आयुष विभागीय शिखर सम्मेलन 2025 की प्राथमिकताओं के अनुरूप आयोजित की गई थी।

श्रीमती वीना जॉर्ज ने अपने उद्घाटन भाषण में, प्रतिनिधियों का हार्दिक स्वागत किया और कुमारकोम की प्राकृतिक संरचना के प्रतीकात्मक चयन पर जोर दिया, जो आयुष द्वारा प्रचारित सद्भाव को दर्शाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रौद्योगिकी प्रगति को तेजी से अपनाने के साथ-साथ पारंपरिक मूल्यों को बनाए रखना भी महत्वपूर्ण है।

श्रीमती वीना जॉर्ज ने डिजिटल उपकरणों को स्वास्थ्य इको-सिस्‍टम में सहजता से एकीकृत करने की अनिवार्यता को रेखांकित किया—जो वास्तविक समय की निगरानी, ​​बेहतर मानव संसाधन प्रबंधन, मजबूत डेटा ढांचे और अधिक सुलभ और किफायती देखभाल के लिए पारदर्शी वित्तीय ट्रैकिंग की सुविधा प्रदान करेगा। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से एक केंद्रीकृत, अंतःक्रियाशील डिजिटल ढांचे के लिए सहयोगात्मक रूप से रोडमैप तैयार करने का आह्वान किया जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को मजबूत करे और कोई भी इसके लाभ से वंचित न रहे। आयुष मंत्रालय, केरल सरकार और इसमें शामिल सभी हितधारकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए, उन्होंने आशा व्यक्त की कि कार्यशाला से नवोन्मेषी डिजिटल प्लेटफॉर्म और संयोजित राष्ट्रीय पहल सहित ठोस परिणाम प्राप्त होंगे।

श्रीमती जॉर्ज ने प्राचीन ज्ञान और आधुनिक तकनीक के बीच संतुलन बनाने की केरल की प्रतिबद्धता को और स्पष्ट करते हुए कहा कि डिजिटल स्वास्थ्य नवोन्‍मेषण में राज्य की अग्रणी भूमिका दूसरों के लिए एक मानक स्थापित करती है। उन्होंने देश भर में आयुष डिजिटल सेवाओं में एकरूपता और व्यापकता की आवश्यकता पर ज़ोर दिया, जो नागरिक-केंद्रित शासन पर आधारित हो और विश्वास व्यक्त किया कि कार्यशाला में होने वाले विचार-विमर्श से वास्तविक समय की निगरानी और डेटा एकीकरण में सुधार होगा।

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने अपने मुख्य भाषण में आयुष क्षेत्र में आईटी समाधानों को एकीकृत करने के महत्वपूर्ण मोड़ को रेखांकित किया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि डिजिटल उपकरणों और प्लेटफार्मों को अपनाना अब वैकल्पिक नहीं, बल्कि पहुंच, वहनीयता और सेवा वितरण की गुणवत्ता में सुधार के लिए आवश्यक है। वैद्य कोटेचा ने मंत्रालय की जारी पहलों, जैसे आयुष ग्रिड और नए डिजिटल पोर्टल के बारे में विस्तार से बताया, जिन्हें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने, दोहराव से बचने के लिए सॉफ्टवेयर का मानकीकरण करने और देश भर में आधुनिक आयुष सेवाओं तक समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

उन्होंने सभी प्रतिभागियों से इन डिजिटल नवोन्‍मेषणों को सक्रिय रूप से अपनाने और अपने प्रयासों को व्यापक राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के साथ संयोजित करने का आग्रह किया। अंतर-संचालनीय प्रणालियों के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने रोगी देखभाल की वास्तविक समय निगरानी, डाटा और मानव संसाधनों के कुशल प्रबंधन और निर्बाध वित्तीय ट्रैकिंग को सक्षम बनाने की चर्चा की। वैद्य कोटेचा ने दोहराया कि इन डिजिटल प्रणालियों को नागरिकों को सशक्त बनाना चाहिए और साक्ष्य एवं समता पर आधारित सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रशासन के सक्षमकर्ता के रूप में कार्य करना चाहिए, जिससे भारत के स्वास्थ्य इको-सिस्टम में आयुष सेक्टर के योगदान को सुदृढ़ बनाया जा सके।

केरल सरकार के अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य एवं आयुष) श्री राजन एन. खोबरागड़े ने अपने संबोधन में स्वास्थ्य और आयुष अवसंरचना में केरल की उपलब्धियों के साथ-साथ डिजिटल समावेशन में हुई प्रगति की सराहना की। उन्होंने प्रतिभागी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से केरल के मॉडल का लाभ उठाने और उपयोगकर्ता-अनुकूल, केंद्रीय रूप से एकीकृत और स्थानीय रूप से अनुकूलनीय डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म बनाने में सहयोग करने का आग्रह किया। श्री खोबरागड़े ने इस बात पर ज़ोर दिया कि ऐसे नवोन्‍मेषणों से डेटा प्रबंधन, रोगी सेवाओं और निगरानी प्रणालियों जैसे प्रमुख क्षेत्रों में एक समान मानक सुनिश्चित होने चाहिए।

आयुष मंत्रालय के परामर्शदाता डॉ. रघु ने कार्यशाला को आईटी-संचालित समाधानों को बढ़ावा देने के लिए एक समयबद्ध मंच के रूप में रेखांकित किया, जो पारदर्शिता, रोगी देखभाल और पहुंच को बढ़ाता है, साथ ही मजबूत अनुसंधान और बुनियादी ढांचे के विकास में सहायता करता है।

उत्तर प्रदेश के आयुष विभाग के प्रमुख सचिव रंजन कुमार ने राज्यों के बीच नवोन्मेषण, सहयोग और ज्ञान साझा करने को बढ़ावा देने के लिए ऐसे मंचों के महत्व पर जोर दिया, जिससे देश भर में व्यापक और समावेशी स्वास्थ्य समाधान सुनिश्चित हो सके।

राष्ट्रीय आयुष मिशन के केरल के राज्य मिशन निदेशक डॉ. डी. साजिथ बाबू ने नवोन्मेषी आईटी युक्तियों के माध्यम से आयुष सेवाओं के आधुनिकीकरण के केरल के मिशन को आगे बढ़ाने में कार्यशाला के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन सॉफ्टवेयर के लाइव प्रदर्शनों से जुड़ने के अवसर को रेखांकित किया और समावेशी डिजिटल परिवर्तन पर ज़ोर दिया ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी समुदाय वंचित न रहे।

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के निदेशक डॉ. सुबोध कुमार ने इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए केरल के राष्ट्रीय आयुष मिशन की सराहना की, जो आयुष विभागीय शिखर सम्मेलन के विजन को प्रतिध्वनित करता है और डिजिटल क्षेत्र में अंतर-राज्यीय तालमेल को बढ़ावा देता है।

इस अवसर पर आयुष मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुश्री कविता जैन भी उपस्थित थीं। कार्यशाला में आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, लक्षद्वीप, महाराष्ट्र, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, पुडुचेरी, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल सहित 91 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ आयुष मंत्रालय और आयुष ग्रिड के अधिकारी भी भाग ले रहे हैं।

कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों और नवोन्मेषणों का आदान-प्रदान करना, आयुष ग्रिड जैसे केंद्र सरकार के आईटी प्लेटफार्मों पर अनुकूलन प्रदान करना तथा कार्यक्रम प्रबंधन, रोगी देखभाल, निगरानी, ​​मानव संसाधन और डेटा प्रबंधन तथा वित्तीय ट्रैकिंग जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर विचार-विमर्श करना है।

20-21 सितंबर, 2025 तक दो दिवसीय प्रक्षेत्र दौरा प्रतिभागियों को केरल के कोट्टायम, अलप्पुझा और त्रिशूर जिलों में आयुष सुविधाओं का भ्रमण कराएगा, जिसमें एनएबीएच प्रवेश स्तर प्रमाणित और कायाकल्प पुरस्कार प्राप्त आयुष्मान आरोग्य मंदिर, सरकारी आयुष अस्पताल, खेल आयुर्वेद परियोजना और आरोग्यनौका, पैलिएटिव केयर, दृष्टि और आयुर्कर्म जैसी पहल शामिल होंगी।

यह राष्ट्रीय कार्यशाला भविष्य के लिए तत्पर, गतिशील और नागरिक-केंद्रित आयुष डिजिटल स्वास्थ्य इको-सिस्टम की दिशा में भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है।

आपका सहयोग ही हमारी शक्ति है! AVK News Services, एक स्वतंत्र और निष्पक्ष समाचार प्लेटफॉर्म है, जो आपको सरकार, समाज, स्वास्थ्य, तकनीक और जनहित से जुड़ी अहम खबरें सही समय पर, सटीक और भरोसेमंद रूप में पहुँचाता है। हमारा लक्ष्य है – जनता तक सच्ची जानकारी पहुँचाना, बिना किसी दबाव या प्रभाव के। लेकिन इस मिशन को जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की आवश्यकता है। यदि आपको हमारे द्वारा दी जाने वाली खबरें उपयोगी और जनहितकारी लगती हैं, तो कृपया हमें आर्थिक सहयोग देकर हमारे कार्य को मजबूती दें। आपका छोटा सा योगदान भी बड़ी बदलाव की नींव बन सकता है।
Book Showcase

Best Selling Books

The Psychology of Money

By Morgan Housel

₹262

Book 2 Cover

Operation SINDOOR: The Untold Story of India's Deep Strikes Inside Pakistan

By Lt Gen KJS 'Tiny' Dhillon

₹389

Atomic Habits: The life-changing million copy bestseller

By James Clear

₹497

Never Logged Out: How the Internet Created India’s Gen Z

By Ria Chopra

₹418

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »