भारत आज विश्व की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और वैश्विक मंच पर एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में उभर रहा है। 2025 तक भारत की अर्थव्यवस्था विश्व की तीसरी सबसे बड़ी बनने की दिशा में अग्रसर है, जिसके पीछे इसकी लगातार आर्थिक वृद्धि और युवा कार्यबल की भूमिका है। भारत की 28.2 वर्ष की माध्य आयु इसे नवाचार और औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण लाभ देती है, जो वैश्विक प्रभाव बढ़ाने में मददगार है। भू-राजनीतिक दृष्टिकोण से भारत का महत्व अत्यधिक है। एशिया के संगम स्थल पर स्थित भारत, हिंद महासागर में प्रमुख समुद्री मार्गों पर नियंत्रण रखता है और क्वाड, शंघाई सहयोग संगठन, एससीओ, ब्रिक्स जैसे बहुपक्षीय मंचों में अपनी सक्रिय भागीदारी से वैश्विक शासन संरचना में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। इसके अलावा, भारत के पास चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा सक्रिय सैन्य बल है, जो उसे रणनीतिक स्वायत्तता व सामरिक ताकत प्रदान करता है। वहीं भारत की वैश्विक पहचान उसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, तीन करोड़ से अधिक प्रवासी भारतीयों की शक्ति और योग, फिल्म उद्योग जैसे सॉफ्ट पावर उपकरणों के माध्यम से भी मजबूत हो रही है।
इसके साथ ही भारत तकनीकी नवाचार, डेटा गवर्नेस और डिजिटल पब्लिक गुड्स जैसे क्षेत्रों में भी वैश्विक नेतृत्व करने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। हालांकि भारत को रणनीतिक स्पष्टता और संस्थागत क्षमता बढ़ाने की चुनौतियों का सामना भी है, साथ ही विकास की असमानताएँ राष्ट्रीय एकता और वैश्विक भूमिका पर असर डालती हैं। फिर भी, भारत अमेरिका, रूस और चीन के साथ संतुलित साझेदारी तेरह करोड़ से अधिक प्रवासी भारतीयों की शक्ति और यांग,फिल्म उद्योग जैसे सॉफ्ट पावर उपकरणों के माध्यम से भी मजबूत हो रही है।

इसके साथ ही भारत तकनीकी नवाचार, डेटा गवर्नेस और डिजिटल पब्लिक गुड्स जैसे क्षेत्रों में भी वैश्विक नेतृत्व करने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। हालांकि भारत को रणनीतिक स्पष्टता और संस्थागत क्षमता बढ़ाने की चुनौतियों का सामना भी है, साथ ही विकास की असमानताएँ राष्ट्रीय एकता और वैश्विक भूमिका पर असर डालती हैं। फिर भी, भारत अमेरिका, रूस और चीन के साथ संतुलित साझेदारी स्थापित कर अपनी वैश्विक महाशक्ति बनने की यात्रा पर लगातार अग्रसर है।

