भारतीय नौसेना की प्रतिष्ठित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता “थिंक-25” का ग्रैंड फिनाले 05 नवंबर 2025 को केरल स्थित भारतीय नौसेना अकादमी (आईएनए), एझिमाला में उत्साह और उल्लास के साथ संपन्न हुआ। यह आयोजन न केवल एक प्रतियोगिता था, बल्कि भारत की समृद्ध समुद्री विरासत, ज्ञान और नवाचार की भावना का एक भव्य उत्सव भी था। इस अवसर पर भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

“महासागर” थीम के साथ ज्ञान और सृजनात्मकता का संगम
इस वर्ष का आयोजन “महासागर” थीम पर आधारित था, जो भारतीय नौसेना की अन्वेषण, उत्कृष्टता और समुद्र के प्रति युवाओं में जागरूकता बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता ने देश के युवाओं को भारत की समुद्री शक्ति, नौसैनिक इतिहास, भू-राजनीतिक महत्व और वैज्ञानिक प्रगति से परिचित कराने का एक अद्वितीय मंच प्रदान किया।
देशभर के हजारों प्रतिभागियों में से चयन प्रक्रिया के पश्चात् उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम क्षेत्रों से कुल 16 विद्यालयों ने सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई किया। वहीं, शीर्ष आठ टीमें अपनी उत्कृष्ट तैयारी और ज्ञान के बल पर ग्रैंड फिनाले तक पहुंचीं।
बुद्धिमत्ता, टीमवर्क और नवाचार की प्रतियोगिता
फाइनल चरण में प्रतिभागी टीमों ने अपनी बुद्धिमत्ता, तर्क क्षमता, टीमवर्क और त्वरित निर्णय लेने की योग्यता का प्रभावशाली प्रदर्शन किया। यह प्रतिस्पर्धा केवल प्रश्नोत्तरी तक सीमित नहीं थी, बल्कि यह भारत के युवाओं में समुद्री अनुसंधान, विज्ञान, रक्षा और नवाचार के प्रति रुचि को जागृत करने का एक प्रयास थी।
जयश्री पेरीवाल हाई स्कूल, जयपुर ने अपनी शानदार प्रदर्शन से विजेता ट्रॉफी अपने नाम की, जबकि पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय, समस्तीपुर (बिहार) ने उपविजेता स्थान प्राप्त किया। दोनों टीमों ने अपने ज्ञान और आत्मविश्वास से यह सिद्ध किया कि भारत का युवा वर्ग वैश्विक स्तर पर किसी भी प्रतिस्पर्धा में अपनी छाप छोड़ने में सक्षम है।

सम्मान और प्रेरणा से भरा समापन समारोह
इस अवसर पर नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने विजेता और उपविजेता टीमों को सम्मानित किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि यह प्रतियोगिता केवल ज्ञान का परीक्षण नहीं, बल्कि युवाओं की जिज्ञासा, रचनात्मकता और देशभक्ति की भावना को प्रोत्साहित करने का एक सशक्त माध्यम है।
उन्होंने कहा, “भारत की समुद्री विरासत केवल इतिहास का विषय नहीं, बल्कि हमारे वर्तमान और भविष्य का आधार है। हमें युवाओं में समुद्र के प्रति जिज्ञासा, अन्वेषण की भावना और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देना होगा। आज की यह युवा पीढ़ी ही आने वाले समय में समुद्री क्षेत्र के अग्रणी विचारक और नीति निर्माता बनेंगी।”
एडमिरल त्रिपाठी ने यह भी कहा कि भारतीय नौसेना हमेशा युवाओं को ज्ञान, तकनीक और राष्ट्र-सेवा की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती रहेगी।
डिजिटल माध्यम से जुड़ा पूरा देश
कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भारतीय नौसेना के आधिकारिक यूट्यूब और फेसबुक पेज पर किया गया, जिसे देशभर से हजारों दर्शकों ने उत्साहपूर्वक देखा। न केवल नौसेना के प्रतिष्ठानों से जुड़े अधिकारी, बल्कि विभिन्न स्कूलों, शिक्षकों, छात्रों और समुद्री विषयों में रुचि रखने वाले नागरिकों ने भी इसमें बड़ी संख्या में भाग लिया।
इस व्यापक सहभागिता ने यह सिद्ध कर दिया कि भारत में समुद्री शिक्षा और ज्ञान के प्रति रुचि निरंतर बढ़ रही है, और युवाओं में समुद्र को समझने, उससे जुड़ने और उसके अवसरों को पहचानने की नई लहर पैदा हो रही है।
थिंक-26 की ओर बढ़ते कदम
“थिंक-25” के सफल समापन के बाद भारतीय नौसेना अब “थिंक-26” की तैयारियों की दिशा में अग्रसर है। इस श्रृंखला का उद्देश्य केवल प्रतियोगिता आयोजित करना नहीं, बल्कि युवाओं में ज्ञान, अनुसंधान, नवाचार और देश की समुद्री पहचान के प्रति जागरूकता को निरंतर बढ़ाना है।
ऐसे आयोजनों से युवा पीढ़ी में सामरिक सोच, सहयोग, नेतृत्व और नवाचार की भावना विकसित होती है, जो भारत को आने वाले वर्षों में एक समुद्री महाशक्ति के रूप में स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगी।