संत अतुलानंद कॉन्वेंट स्कूल कोइराजपुर, वाराणसी में मानव जीवन के उच्चतम आदर्शों को परिलक्षित कराता चार दिवसीय महाआयोजन रामायण कॉनक्लेव-2025 का उद्घाटन समारोह पूरी भव्यता के साथ संपन्न हुआ। जिसमें त्याग ,आत्मसंयम, नैतिकता और कर्तव्य-पथ पर चलने की प्रेरणा देने का अतुलनीय प्रयास दिखाई दिया, जो युगों युगों तक शाश्वत रहेगा। आज के उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि श्री हरिवंश नारायण सिंह जी (माननीय उपसभापति, राज्यसभा) एवं विशिष्ट अतिथि तथा मुख्य वक्ता की भूमिका में प्रोफेसर बिहारी लाल शर्मा (माननीय कुलपति, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय) ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम को विशेष सार्थकता प्रदान की। आज आयोजित प्रतियोगिताओं के अंतर्गत अलग-अलग विद्यालयों से आए विद्यार्थियों ने अपनी मेधा और प्रतिभा का बढ़ – चढ़कर प्रदर्शन किया।

निर्णायक मंडल के सदस्यों में वाराणसी के ख्याति लब्ध विशिष्ट जन जो अपने-अपने क्षेत्र के विषय में मर्मज्ञ एवं अनुभवी व्यक्तित्व हैं, विशेष रूप से उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में श्री हरेंद्र राय जी (सदस्य, उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग) पद्मश्री श्री चंद्रशेखर सिंह ,पूर्व कुलपति श्री हरिकेश बहादुर सिंह ,पूर्व एमएलसी श्री चेतनारायण सिंह ,जिला विद्यालय निरीक्षक श्री भोलेंद्र प्रताप सिंह, श्री राधे मोहन सिंह (पूर्व सांसद गाजीपुर), श्री अभिषेक अग्रवाल (प्रसिद्ध फिल्म निर्माता) श्री युद्धवीर जी, श्री राम ललित सिंह एवं क्रीड़ा भारती से जुड़े विभिन्न पदाधिकाकरियों ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ायी।
इस अवसर पर आज के कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री बिहारी लाल शर्मा (माननीय कुलपति ,संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय) ने अपने वक्तव्य में विद्यार्थियों से रामायण के कई संदर्भों की चर्चा करते हुए धर्म के लक्षण एवं उनकी विशेषताओं पर विस्तार से बात की, उन्होंने विद्यार्थियों को अपने जीवन में धर्माचरण का पालन करने और उसे अपने जीवन में उतारने का मूल मंत्र दिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ने राम के जीवन को प्रेरणादायी बताते हुए इस प्रकार के भव्य आयोजन की सराहना की एवं विद्यार्थियों को राम के आदर्श गुणों को आत्मसात करने के लिए प्रेरित किया। मल्टीवेलेंस कार्यक्रम (व्याख्यान विषयक) के मुख्य वक्ता भूतपूर्व विभागाध्यक्ष एवं हिंदी मर्मज्ञ श्री राम सुधार सिंह जी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि श्री राम का आदर्श युगों – युगों से मानवता का पथ प्रदर्शक रहा है ,एक मानव को अपने जीवन में विभिन्न चुनौतियों के बीच किस प्रकार धैर्य और संयम के साथ आगे बढ़ना चाहिए इसके अप्रतिम उदाहरण श्री राम ही है।
इस अवसर पर संस्था निदेशिका डॉ वंदना सिंह जी ने कहा कि वर्तमान युग में रामायण, मानव जीवन के विविध आयामों में आदर्श व धर्मनिष्ठ आचरण की अनंत प्रेरणा प्रदान करने वाला वह कालातीत ग्रंथ है जिसे प्रत्येक मनुष्य को आत्मसात करना चाहिए। संस्था के उपनिदेशक श्री आयुष्मान सिंह जी ने आगत सभी अतिथियों का अभिनंदन करते हुए सबके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की एवं इस आयोजन की सफलता में सहयोग हेतु सभी का आभार प्रकट किया संस्था की प्रधानाचार्या डॉ नीलम सिंह जी ने इस कॉनक्लेव में पधारे विभिन्न विद्यालयों से आए शिक्षकों और विद्यार्थियों के साथ-साथ सभी विशिष्ट जनों का विशेष आभार प्रकट किया एवं यह बताया कि इस प्रकार के कार्यक्रम से हम युवा पीढ़ी विशेषतः विद्यार्थियों में अच्छे संस्कार और नीति निर्माण के लिए कृत संकल्पित हैं।