राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) द्वारा आयोजित 2025-2026 का चौथा ऑनलाइन अल्पकालिक इंटर्नशिप कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। इस कार्यक्रम में देश भर के 16 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 80 विश्वविद्यालय स्तर के विद्यार्थियों ने भाग लिया और इसे पूर्ण किया। कार्यक्रम 10 नवंबर 2025 को आरंभ हुआ था और समापन समारोह में प्रशिक्षुओं को उनके सफल सहभाग और प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया।

समापन सत्र के मुख्य अतिथि और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के महासचिव श्री भरत लाल ने अपने संबोधन में सभी प्रशिक्षुओं को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में आए आवेदनों में से चयनित 80 प्रतिभागियों का इस गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम का हिस्सा बनना वास्तव में प्रशंसनीय है। उन्होंने प्रशिक्षुओं से आग्रह किया कि वे स्वयं को मानवाधिकार दूत मानते हुए समाज में मानवाधिकारों के संरक्षण और संवर्धन हेतु जन-जागरूकता विकसित करने में सक्रिय भूमिका निभाएँ।
श्री लाल ने यह भी जोर देकर कहा कि मानवाधिकार केवल सिद्धांत तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इन्हें व्यक्ति को अपने दैनिक आचरण में उतारना होगा। उन्होंने कहा कि एक सुसंस्कृत और संवेदनशील नागरिक ही दूसरों के अधिकारों की रक्षा कर सकता है। समाज में परस्पर सम्मान, सहानुभूति और नागरिक दायित्वों की समझ विकसित करने की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि यही गुण एक बेहतर नागरिकता और मैत्रीपूर्ण समाज का निर्माण करते हैं।
अपने वक्तव्य में श्री भरत लाल ने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे भारतीय संविधान के राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों और मौलिक अधिकारों का गहन अध्ययन करें और इस पर मनन करें कि वे मानवाधिकार संरक्षण के क्षेत्र में किस प्रकार प्रभावी योगदान दे सकते हैं। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि समाज का प्रत्येक वर्ग अपने मौलिक मानवाधिकारों की रक्षा कर सम्मानजनक जीवन व्यतीत कर सकता है, और इस दिशा में युवा वर्ग की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
समापन सत्र से पूर्व राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की संयुक्त सचिव श्रीमती सैदिंगपुई छकछुआक ने इंटर्नशिप रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण अवधि में कुल 46 सत्र आयोजित किए गए, जिनमें आयोग के सदस्यों, वरिष्ठ अधिकारियों, विशेषज्ञों और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों ने विभिन्न विषयों पर विस्तृत जानकारी प्रदान की। श्रीमती छकछुआक ने इंटर्नशिप के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के परिणामों की भी घोषणा की और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को शुभकामनाएँ दीं।
इस अवसर पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के संयुक्त सचिव श्री समीर कुमार और निदेशक लेफ्टिनेंट कर्नल वीरेंद्र सिंह भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए और भविष्य में उनसे मानवाधिकार संरक्षण के क्षेत्र में सक्रिय सहयोग की अपेक्षा व्यक्त की गई।