भारतीय नौसेना के स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित स्टील्थ फ्रिगेट आईएनएस सह्याद्री ने फिलीपींस के मनीला बंदरगाह पर पहुंचकर एक महत्वपूर्ण समुद्री कूटनीतिक मिशन की शुरुआत की है। इस यात्रा से पहले आईएनएस सह्याद्री ने फिलीपींस नौसेना के साथ संयुक्त नौसैनिक अभ्यासों में भाग लिया, जो दोनों देशों के बीच विश्वास, सहयोग और समुद्री समझ को और सुदृढ़ करता है।

आईएनएस सह्याद्री वर्तमान में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में परिचालन तैनाती पर है और मित्र देशों के साथ बहुपक्षीय व द्विपक्षीय समुद्री अभ्यासों में सक्रिय रूप से भाग ले रहा है। यह समुद्री क्षेत्र में स्थिरता, सुरक्षा और खुली नौवहन स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करने की भारत की व्यापक रणनीति का हिस्सा है।
बहुपक्षीय समुद्री अभ्यास: भारत का बढ़ता सामरिक प्रभाव
आईएनएस सह्याद्री जिन प्रमुख समुद्री अभ्यासों में भाग ले रहा है, उनमें शामिल हैं:
• मालाबार 2025
• AUSINDEX 2025 (भारत-ऑस्ट्रेलिया)
• JIMEX 2025 (भारत-जापान)
• कोरिया की नौसेना के साथ पहला द्विपक्षीय अभ्यास
इन अभ्यासों का उद्देश्य नौसैनिक क्षमता, रणनीतिक समन्वय और मित्र देशों के साथ परिचालन तालमेल को बढ़ाना है। इन अभियानों में भाग लेकर भारत:
- हिंद-प्रशांत में अपनी नौसैनिक उपस्थिति मजबूत कर रहा है
- सुरक्षा सहभागिता का दायरा विस्तृत कर रहा है
- क्षेत्रीय साझेदारी के माध्यम से सामरिक संतुलन स्थापित कर रहा है
समुद्री अभ्यासों से विकसित सामरिक तालमेल
आईएनएस सह्याद्री ने फिलीपींस नौसेना के साथ निम्नलिखित पेशेवर युद्धाभ्यास किए:
- सामरिक संचार अभ्यास
- नेविगेशन युद्धाभ्यास
- विजिट बोर्ड सर्च एंड सीजर (VBSS)
- हेलीकॉप्टर उड़ान संचालन
इन अभ्यासों से:
- आपसी पेशेवर समझ में वृद्धि
- समुद्री संकट प्रतिक्रिया क्षमता में सुधार
- संयुक्त परिचालन दक्षता में वृद्धि हुई
बंदरगाह चरण: सहयोग का मानवीय आयाम
मनीला बंदरगाह पर मौजूदगी के दौरान निम्न गतिविधियां आयोजित की जाएंगी:
• पेशेवर विशेषज्ञता का आदान-प्रदान
• क्रॉस-डेक दौरे
• विषय-वस्तु विशेषज्ञों की कार्यशालाएं
• मैत्रीपूर्ण खेल प्रतियोगिताएं
• संयुक्त योग सत्र
• एक स्थानीय अनाथालय को सहायता कार्यक्रम
यह व्यापक सहभागिता नौसेनाओं के बीच सांस्कृतिक, मानवीय और पेशेवर संपर्क को और गहरा बनाती है।
भारत की समुद्री कूटनीति: एक्ट ईस्ट से लेकर सागर तक
आईएनएस सह्याद्री की यह तैनाती भारत की निम्न रणनीतियों का स्पष्ट प्रस्तुतीकरण है:
- एक्ट ईस्ट नीति
- सागर: क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास
- हिंद-प्रशांत समुद्री सहयोग ढांचा
- समुद्री सुरक्षा और स्वतंत्र नौवहन सुनिश्चित करना
भारत फिलीपींस सहित क्षेत्रीय देशों के साथ साझेदारी बढ़ाकर:
- समुद्री डोमेन जागरूकता
- समुद्री कानून पालन
- समुद्री व्यापार मार्गों की सुरक्षा
- संकट प्रबंधन क्षमता
जैसे क्षेत्रों में सक्रिय नेतृत्व निभा रहा है।