दिल्ली एनसीआर में वायु गुणवत्ता सुधार के लिए चल रही समीक्षा बैठकों की श्रृंखला के अंतर्गत केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने गाजियाबाद और नोएडा की वायु प्रदूषण नियंत्रण कार्य योजनाओं की विस्तृत उच्चस्तरीय समीक्षा की। यह एनसीआर में शहर विशिष्ट कार्य योजनाओं पर पहली समीक्षा बैठक थी, जिसका समापन आने वाले दिनों में राज्य स्तरीय समीक्षा के साथ किया जाएगा।

यह समीक्षा निर्धारित प्रारूप के अनुसार की गई, जैसा कि 3 दिसंबर 2025 को हुई पिछली बैठक में निर्देशित किया गया था, ताकि अब तक की प्रगति का आकलन किया जा सके और जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन को अधिक प्रभावी बनाया जा सके। बैठक में दोनों शहरों के वरिष्ठ अधिकारियों ने अपनी कार्यवाही और उपलब्धियों पर विस्तृत प्रस्तुतियां दीं।
समीक्षा के दौरान वायु प्रदूषण नियंत्रण से जुड़े प्रमुख मापदंडों पर विशेष रूप से ध्यान दिया गया। इनमें वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को कम करने के लिए स्मार्ट यातायात प्रबंधन प्रणालियों का उपयोग, औद्योगिक इकाइयों द्वारा प्रदूषण मानकों का अनुपालन, वाणिज्यिक इलेक्ट्रिक वाहनों की स्थिति और चार्जिंग बुनियादी ढांचे की उपलब्धता, सार्वजनिक परिवहन प्रणाली और पार्किंग सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण शामिल रहा। इसके साथ ही निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट और नगरपालिका ठोस अपशिष्ट के प्रबंधन, धूल नियंत्रण के लिए सड़कों के पक्कीकरण, यांत्रिक सड़क सफाई मशीनों की तैनाती, एंटी स्मॉग गन और वॉटर स्प्रिंकलर के उपयोग, हरित क्षेत्रों के विकास तथा जन भागीदारी से जुड़ी सूचना और शिकायत निवारण प्रणालियों की भी समीक्षा की गई।
केंद्रीय मंत्री ने शेष औद्योगिक इकाइयों में ऑनलाइन सतत उत्सर्जन निगरानी प्रणाली की स्थापना की प्रगति पर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अद्यतन जानकारी प्राप्त की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि 31 दिसंबर 2025 की समय सीमा का सख्ती से पालन किया जाए और अनुपालन न करने वाली इकाइयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को शहरी क्षेत्रों के आसपास प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों का निरीक्षण कर आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश भी दिए गए।
श्री भूपेंद्र यादव ने दिल्ली एनसीआर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से आग्रह किया कि शहर कार्य योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए अपनाए जा रहे मापदंडों को और सुदृढ़ किया जाए तथा समग्र प्रगति की समीक्षा के लिए उनका समेकन किया जाए। उन्होंने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के अंतर्गत बेहतर प्रदर्शन करने वाले शहरों को तर्कसंगत रूप से धन आवंटन सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
मंत्री ने कार्य योजनाओं और हरित गतिविधियों के जमीनी स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जन प्रतिनिधियों और नागरिकों की सक्रिय भागीदारी को आवश्यक बताया। उन्होंने नगर निगम अधिकारियों को हरियाली बढ़ाने के लिए कम पानी की आवश्यकता वाली और गर्मी प्रतिरोधी स्वदेशी प्रजातियों के रोपण हेतु वन विभागों के साथ समन्वय करने की सलाह दी। साथ ही, विभिन्न सरकारी और नगर निकाय एजेंसियों के संयुक्त प्रयासों से एकीकृत अपशिष्ट प्रबंधन योजनाएं तैयार करने पर जोर दिया गया, ताकि संसाधनों के दोहराव से बचा जा सके।
शहरी स्वच्छता और बेहतर नियोजन के लिए शहरी खुले स्थानों के उपयोग हेतु एक मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करने का भी सुझाव दिया गया। इसके अतिरिक्त, दिल्ली एनसीआर के प्रमुख यातायात गलियारों की पहचान कर वहां संपूर्ण सार्वजनिक परिवहन सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए अध्ययन कराने की बात कही गई।