हृदय विमल रसधार में, घुलते रंग अनेक। जिनके उर कालिख जमी, चढ़े रंग नहि एक।
Category: मन की बात
नारी है अपराजिता
नारी जीवन झूले की तरह इस पार कभी उस पार कभी दिए की तरह से जलती…
’’मनभावन शब्द’’
शब्द से नहीं बड़ा हथियार तीखे शब्द न बोल होती बहुत चुभन। मीठे शब्द रस घोल…
मैं हूं आज की नारी
मैं हूं आज की नारी* नयी हैं राहें नयी है, मंजिले नये अरमानों का नया है…
सुखद मनोहर धूप
जो जन तपता धूप में, छोड़ छाँव की आस। चढ़े सफलता सीढ़ियाँ, मन में दृढ़ विश्वास।।
समाज का दर्पण है महिलाएं
वर्तमान समय में नारी ने जो साहस का परिचय दिया है वह आश्चर्यजनक है, आज के समय…
आजकल के अफ़सर
आजकल के अधिकतर अफ़सर ज़मीन पर कम और सोशल मीडिया पर ज़्यादा काम करते हुए नज़र…
वेलेंटाइन डे
प्यार कीजिए। अजी प्यार कीजिए। चाहे कोई आप सा हो या अलग, पराया। जान वार दीजिए।…
एड़ी की बिवाय (कहानी किसान की)
दाल-भात खाते हो ले-ले के चाव। अरे ओ बाबू दिखे ना तुमको मेरी एड़ी की बिवाय।
कवना काम के बजट
कवना काम के बजट। जवना से दिक्कते नइखे हटत। मार-मार के महंगाई से