पीथमपुर, मध्य प्रदेश: प्रमुख फार्मास्युटिकल कंपनी, रुसान फार्मा ने हाल ही में पीथमपुर, स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एसईजेड), मध्य प्रदेश में अपने अत्याधुनिक एपीआई प्लांट की शुरुआत करके महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यह कंपनी विश्व स्तर पर स्वास्थ्य सेवा में सुधार करने और दुनिया भर में पीड़ा प्रबंधन एवं नशे आदि की लत छुड़ाने के समाधानों के लिए अग्रणी बनने के लिए प्रतिबद्ध है। यह उपलब्धि रुसान फार्मा के अटूट समर्पण को दर्शाती है कि वह नशा मुक्ति की दवाओं, शराब और तंबाकू की लत की वजह से पनपने वाली समस्याओं का समाधान करने के साथ-साथ भारतीय फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री के विकास में योगदान दे रही है।
निरंतर विकास और तकनीकी प्रगति के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, इस प्लांट में दो चरणों में 300 करोड़ रुपए तक का कुल निवेश किया जाएगा। यह निवेश न सिर्फ रुसान फार्मा की प्रतिबद्धता को दर्शाएगा, बल्कि फार्मास्युटिकल उद्योग की वृद्धि को भी बढ़ावा देगा। इस प्लांट को इस प्रकार तैयार किया गया है कि यह उच्चतम स्तर की स्वीकृति सुनिश्चित करने वाली सख्त इंटरनेशनल रेगुलेटरी गाइडलाइन्स के अनुरूप कार्य करे। यह प्लांट सालाना 400 मीट्रिक टन एपीआई की उत्पादन क्षमता से परिपूर्ण है। साथ ही, यह रुसान फार्मा की वृद्धि और आने वाली योजनाओं में महत्वपूर्ण योगदान देगा, जो इसके पोर्टफोलियो में विविधता लाने के साथ ही भारत और अन्य देशों में इसकी पहुँच बढ़ाएगा। पीथमपुर प्लांट के निर्माण चरण के दौरान 3000 से अधिक संविदा कर्मचारी कार्यरत थे। इसके पूरी तरह से शुरू होने के बाद प्रत्यक्ष तौर पर 300 से अधिक कर्मचारियों को रोजगार मिल सकेगा और आने वाले कुछ वर्षों में 500 से अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
डॉ. नवीन सक्सेना, फाउंडर और चेयरमैन, रुसान फार्मा, ने कहा, “पीथमपुर का यह नवीनतम एपीआई प्लांट, रुसान को हमारी मौजूदा एपीआई क्षमता को बढ़ाने में सक्षम करेगा। इतना ही नहीं, भारत और विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण एपीआई की आपूर्ति भी सुनिश्चित करेगा, ताकि व्यसन उपचार और पीड़ा प्रबंधन संबंधी हमारे उत्पादों की बढ़ती माँग को पूरा किया जा सके। रुसान विगत 30 वर्षों से इस क्षेत्र में निवेश कर रहा है और व्यसन के उपचार को सुलभ बनाने में अग्रणी रहा है। हम मानते हैं कि लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं का एक समान अधिकार मिलना चाहिए। हमारा लक्ष्य नशे की लत और पीड़ा प्रबंधन के लिए इलाज की इच्छा रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति तक इसकी पहुँच सुलभ कराना है।”
यह नवीनतम प्लांट पीथमपुर के केंद्रीय स्थान स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एसईजेड) में स्थित है। इसे मध्य प्रदेश राज्य सरकार द्वारा प्रदान की गई सहायता और सब्सिडी का लाभ मिलेगा। यह स्थान ड्राई पोर्ट के माध्यम से न सिर्फ व्यापार संचालन, बल्कि निर्यात संबंधी प्रक्रियाओं को भी सुव्यवस्थित करने का माध्यम बनेगा। इस प्रकार, यह रुसान फार्मा की आगे बढ़ने वाली योजनाओं के लिए सबसे उत्तम विकल्प बनने के लिए अग्रसर है। एक समर्पित फार्मास्युटिकल क्षेत्र में स्थित यह प्लांट एक स्वच्छ वातावरण प्रदान करता है, जिससे क्षेत्र में अन्य इंडस्ट्रीज़ से होने वाले प्रदूषण का खतरा कम हो जाता है।
इस पहल के बारे में विस्तार से बताते हुए, डॉ. कुणाल सक्सेना, मैनेजिंग डायरेक्टर, रुसान फार्मा, ने कहा, “रुसान में, हम ‘मेक इन इंडिया’ पहल को उदाहरण से प्रदर्शित करते हैं, विशेष रूप से नियंत्रित पदार्थों के क्षेत्र में। दो चरणों में लगभग 300 करोड़ रु. के निवेश के साथ, यह नवीनतम एपीआई प्लांट हमारी वर्तमान एपीआई मैन्युफैक्चरिंग की क्षमता को पीथमपुर में बढ़ाकर 400 मीट्रिक टन कर देगा, जो कि अंकलेश्वर में 40 मीट्रिक टन है। हमारा नया प्लांट पाँच मॉड्यूलर एपीआई मैन्युफैक्चरिंग ब्लॉक्स से सुसज्जित है, जिसमें फिनिश्ड एपीआई निर्माण के लिए समर्पित सुइट्स हैं। यह हमारे उत्पादों की गुणवत्ता पर पूरी तरह नियंत्रण बनाए रखता है और आयात पर हमारी निर्भरता को कम करता है। साथ ही, यह उत्कृष्टता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को बखूबी दर्शाता है। यह एडवांस्ड ऑटोमेशन और कम्प्लायंट सॉफ्टवेयर को शामिल करता है, जो हमें पर्यावरण के लिए सख्त नियंत्रण रखने और कागज-रहित मैन्युफैक्चरिंग को अपनाने में सक्षम बनाते हैं। इससे हमें व्यापक आबादी तक पहुँचने में मदद मिलेगी और साथ ही हम अधिक किफायती ढंग से आवश्यक दवाओं का उत्पादन करने में सक्षम हो सकेंगे।”
रुसान के एपीआई और फिनिश्ड फॉर्मूलेशन प्लांट्स के लिए वर्तमान जीएमपी स्वीकृति,दुनिया की 90% माँग को पूरा करने की क्षमता रखता है। हेल्थ कनाडा, टीजीए-ऑस्ट्रेलिया, साफ्रा-दक्षिण अफ्रीका, ईयू, यूएई और रूस कुछ ऐसे नाम हैं, जिनकी जीएमपी स्वीकृतियाँ कंपनी को प्राप्त है।