एचआईवी संक्रमितजनों के साथ भेदभाव करने पर हो सकता है जेल: डॉ मनोज तिवारी

पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय बालिका महाविद्यालय सेवापुरी, वाराणसी द्वारा महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ सुधा पांडेय के कुशल मार्गदर्शन में संचालित संविधान चेतना जागरूकता अभियान (26 नवंबर 2023 से 28 जनवरी 2024) के अंतर्गत विश्व एड्स दिवस के अवसर पर एचआईवी एड्स पीड़ितजनों के मौलिक अधिकार विषयक एक दिवसीय ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता प्रसिद्ध समाजसेवी डॉ मनोज कुमार तिवारी वरिष्ठ परामर्शदाता, एआरटी सेंटर, एस एस हॉस्पिटल,  आईएमएस, बीएचयू ने कहा कि एचआईवी के साथ जी रहे हैं लोगों के भी वही सारे मौलिक अधिकार हैं जो आमजन के हैं।

एचआईवी/एड्स (प्रीवेंशन एंड कंट्रोल) एक्ट 2017 में एचआईवी संक्रमित लोगों के अधिकारों की सुरक्षा हेतु विशेष प्रावधान किए गए हैं जिसमें एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ भेदभाव किए जाने पर 3 माह से लेकर 2 साल तक का जेल तथा एक लाख का जुर्माना हो सकता है। एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के सहमति के बिना उसकी स्थिति का खुलासा नहीं किया जा सकता, आम व्यक्तियों के सामान्य उसे शिक्षा का अधिकार, समानता का अधिकार, संपत्ति का अधिकार, विवाह का अधिकार, संतान उत्पत्ति का अधिकार, बीमा करने का अधिकार, सुरक्षा का अधिकार, कहीं भी आने-जाने के स्वतंत्रता का अधिकार व स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त करने का अधिकार प्राप्त है। एचआईवी संक्रमण के कारण किसी भी व्यक्ति के मौलिक अधिकारों को बाधित नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एचआईवी की जांच एवं परामर्श की सुविधा मेडिकल कॉलेज, जिला चिकित्सालय व सीएचसी में सरकार की ओर से निशुल्क उपलब्ध है।

कार्यक्रम में महाविद्यालय की छात्राओं ने बढ़-कर का हिस्सा लिया तथा वक्ता से प्रश्न पूछ कर एचआईवी/एड्स संबंधी जानकारी हासिल किया। एचआईवी संक्रमण के तरीके, बचाव के उपाय, लक्षणों एवं जांच के प्रक्रिया के बारे में मुख्य रूप से प्रश्न पूछे गए। कार्यक्रम को महाविद्यालय के विद्वान अध्यापकगण ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन महाविद्यालय के राजनीति विभाग के डॉ रवि प्रकाश गुप्ता ने किया।

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