-विश्व कविता दिवस- 21 मार्च, 2024-
कविताएं प्राचीन काल से न ही सिर्फ मानव मन को बल्कि समाज के विभिन्न मुद्दों, संवेदनाओं एवं भावों को कलात्मक ढंग से कहने का एक ठोस तरीका रही हैं। विश्व-साहित्य में कविताओं का सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्थान रहा है। भारत में ऋषि-मुनियों ने काव्य व छंदों में कितनी ही बातें कहीं हैं, कितना साहित्य चौपाई और दोहे में संजोया गया है, स्वतंत्रता-संग्राम में राष्ट्र-कवियों का योगदान अपूर्व रहा है। सन् 1999 में पेरिस में हुए यूनेस्को के 30वें अधिवेशन में तय किया गया कि हर साल 21 मार्च को विश्व कविता दिवस के रूप में मनाया जाएगा। ऐसा अभिव्यक्ति, सृजन व कला के इस माध्यम को बढ़ावा देने के लिए किया गया था।
काव्य अभिव्यक्ति के माध्यम से भाषाई विविधता का समर्थन करने और लुप्तप्राय भाषाओं को सुनने के अवसर को बढ़ाने के उद्देश्य से दुनियाभर में कविता के पढ़ने, लिखने, प्रकाशन और शिक्षण को बढ़ावा देने की अपेक्षा है और इसके लिये मूल यूनेस्को घोषणा में कहा भी गया है, ‘राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कविता आंदोलनों को नई मान्यता और प्रोत्साहन देना वर्तमान की जरूरत है। इसी क्रम में यूनेस्को का मानना है कि कविताएं के माध्यम से आंचलिक भाषाओं को भी बचाया जा सकता है। कविता दिवस मानव सभ्यता के भीतर मौजूद भाषाओं की विविधता का उत्सव है। कविताओं ने सदा से ही अपने समय की गवाही दी है, मानव मन के राग गाए हैं और लोगों को जोड़ने का काम किया है। कितने ही आंदोलनों से लेकर पर्वों तक कविताएं ही एक स्वर के रूप में बाहर आती हैं। कविताएं ज्ञान का आदि और अंत है, यह उतनी ही अमर है जितना मानव का हृदय। कविताएं तमाम मानवीय ज्ञान, विचारों, भावों, अनुभूतियों एवं भाषा की खुशबूदार कलियां हैं।
कविता का उद्देश्य सौन्दर्यभाव को जागृत करना है। जिस सौन्दर्य को हम अपने आस-पास विद्यमान होते हुए भी अनुभव नहीं कर पाते उसे कविता के माध्यम से अनुभव करने लगते हैं। क्योंकि कविता श्रोता को एक सौन्दर्य बोधक दृष्टि प्रदान करती है और वे भाव-सौन्दर्य, शब्द सौन्दर्य तथा ध्वनि सौन्दर्य सभी की अनुभूति करने लगते हैं। कविता का मानव जीवन में बड़ा महत्व है। कविता मनुष्य को जीवन जीने की सही शिक्षा देती है, अच्छे संस्कार देती है। इसके अतिरिक्त कविता मानव मात्र को ऊंचे आदर्श, पवित्र धारणा और अटल आस्था को धारण करने की ऊर्जा और शक्ति देती है। कविता के माध्यम से जीवन का सत्य और सब प्रकार के अनुभवों को व्यक्त किया जा सकता है। आज से सैंकड़ों वर्ष पहले राजर्षि भर्तृहरि जी ने कविता के विषय में यहां तक कह दिया था कि यदि किसी के पास अच्छी कविता है तो उसे विशाल राज्य की क्या जरूरत है।’ सौन्दर्य-मद में झूमती कवि की दृष्टि स्वर्ग से भूलोक और भूलोक से स्वर्ग तक विचरती है। कविताएं प्रकृति-विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण का कार्य भी करती है। एक कवि का संसार विज्ञान के आसपास ही नहीं घूमता, बल्कि विश्वास एवं आस्था को रचता है, कवि विज्ञान का अनुचर नहीं, पूरक है। कविता भावना का संगीत है और शब्दों का सौन्दर्य है।
यदि हम कविता का सही मूल्यांकन करें तो आधुनिक परिवेश में भी कविता मानव जीवन के लिए संजीवनी का काम करती है। कविता से मनोरंजन के अतिरिक्त अच्छी शिक्षा और श्रेष्ठ आदर्श भी मिलते हैं। भागदौड़ के जीवन में कविताओं से नई स्फूर्ति मिलती है। तनावपूर्ण वातावरण में कविता हमें सुख, शांति और धैर्य प्रदान करती है। कुछ चिन्तकों का विचार है कि कविता का जन्म संवेदनशीलता से होता है। संवेदन दो प्रकार के होते हैं- सुखद और दुःखद। सुखद संवेदन किसी व्यक्ति के सामने प्रकट होते हैं और दुःखद संवेदन लेखन के माध्यम से अभिव्यक्त होते हैं। हो सकता है किसी-किसी कवि और लेखक के साथ ऐसा घटित होता है और वह अपनी संवेदना को सब पर आरोपित कर देता है। कुछ भी हो, कविता कवि की निजी संपत्ति होती है। उसे कोई समझे या नहीं, उसकी प्रासंगिकता ध्यान में आए या नहीं, पर जीवन को रसात्मक बनाए रखने के लिए कविता लिखना और पढ़ना या सुनना आवश्यक है।
कविता के साथ कवि का क्या संबंध होता है, यह एक प्रश्न है। कुछ कवि श्रोताओं के लिए लिखते हैं, कुछ पाठकों के लिए लिखते हैं, कुछ जीविका के लिए लिखते हैं, कुछ समय का सृजनात्मक उपयोग करने के लिए लिखते हैं, कुछ मनोरंजन के लिए लिखते हैं, कुछ अज्ञात को ज्ञात करने के लिए लिखते हैं और कुछ अपने लिए लिखते हैं। और भी कई कारण हो सकते हैं। कविता लिखने के कारण कुछ भी हों, कविता की सार्थकता इसमें है कि वह श्रोता या पाठक को भीतर से आन्दोलित कर दे। आन्दोलित होने का अर्थ यह नहीं है कि उसमें उथल-पुथल मच जाए। उथल- पुथल मचाना कोई बड़ी बात नहीं है। बड़ी बात है श्रोता और पाठक की सृजनात्मक एवं रचनात्मक चेतना को स्पन्दित करना, उनमें शांति स्थापित करना।
जो कविताएं ध्वंस की प्रेरणा देती हैं, सामाजिक मूल्य-मानकों के प्रति विद्रोह जगाती हैं अथवा निषेधात्मक भावों को जगाती हैं, उन कविताओं से श्रोता या पाठक का हित नहीं सध सकता। यह बात उन कविताओं के लिए है जो दूसरों को उत्प्रेरित करने के लिए लिखी जाती हैं और मंच पर बोली जाती हैं। जो कवि अपने लिए लिखते हैं, उनके सामने न कोई लक्ष्य रहता है और न कोई विषय। उनके मन की पीड़ा या प्रसन्नता जब घनीभूत हो जाती है और उसको सुनने वाला या बंटाने वाला कोई नहीं मिलता है, तब वे एकान्त में जाकर बैठते हैं और अपनी अनुभूतियों एवं संवेगों को कागज पर उतार देते हैं। मार्क ट्वेन का अभिमत है कि पीड़ा तो स्वयं को संभाल लेती है पर आनन्द का भार बांटने के लिए किसी मनुष्य का साथ होना आवश्यक है।
कविताएं खूबसूरती बयां करती है, चाहे किसी से कुछ कहना हो या किसी से प्यार का इजहार करना हो, स्त्रियों के सम्मान की बात हो या पुरुषों के स्वाभिमान की बात, देशकाल परिस्थिति हर बात को कविता के माध्यम से हर किसी के दिल तक पहुंचाने का काम कवि करता है। अगर किसी को कुछ कहने में झिझक होती है तो वो कविता की पंक्तियों के माध्यम से खूबसूरती से अपनी बात लोगों के सामने कर सकता है। विश्व कविता दिवस मनाने का उद्देश्य कविताओं का प्रचार-प्रसार करना है। यह जश्न साहित्यिक अभिव्यक्ति का एक रूप है जो भावनाओं को जगाने, विचारों को व्यक्त करने और मानवीय अनुभव के सार को पकड़ने के लिए भाषा का उपयोग करता है। यह एक विशेष सौंदर्य और भावनात्मक प्रभाव पैदा करने के लिए विभिन्न साहित्यिक तकनीकों, जैसे कविता, कल्पना और रूपक के उपयोग की विशेषता है।
कविता का एक लंबा और समृद्ध इतिहास है, जो ग्रीस, चीन और भारत जैसी प्राचीन सभ्यताओं से जुड़ा है। सदियों से, कवियों ने प्रेम, प्रकृति, आध्यात्मिकता, राजनीति और सामाजिक मुद्दों सहित कई प्रकार के विषयों को व्यक्त करने के लिए कविता का उपयोग किया है। कविता की अनूठी विशेषताओं में से एक इसकी अर्थ और भावना को संक्षिप्त और प्रभावशाली तरीके से व्यक्त करने की क्षमता है। कवि अक्सर जटिल विचारों और भावनाओं को कुछ ही शब्दों में व्यक्त करने के लिए रूपक और प्रतीकवाद का उपयोग करते हैं, जिससे पाठक पर एक शक्तिशाली और यादगार प्रभाव पड़ता है। कविता के कई अलग-अलग रूप और शैलियाँ हैं, जिनमें सॉनेट, छंद, मुक्तक, दोहा, चोपाई, हाइकू, मुक्त छंद और स्लैम कविता शामिल हैं, प्रत्येक की अपनी अनूठी विशेषताएं और नियम हैं। कई विविधताओं के बावजूद, कविता कलात्मक अभिव्यक्ति का एक शक्तिशाली रूप बनी हुई है जो दुनिया भर के लोगों को प्रेरित करती रहती है। निश्चित ही कविता एक जादुई सुरंग है जिसके भीतर से मनुष्य एक विश्व को छोड़कर दूसरे विश्व में प्रवेश करता है।