योग का अभ्यास पेट के अंदरूनी रोगों को ठीक करे
पेट संबंधी समस्याएं आम हो गई हैं और हर कोई किसी न किसी तरह की समस्या से गुजर रहा है। पेट सही रहता है तो कई तरह की बीमारियों से बचाव होता है। खानपान में फायरबरयुक्त डाइट के साथ नियमित योगासन करने से लाभ मिलता है। कई तरह के आसन हैं जिनको योग विशेषज्ञ की सलाह पर किया जाए, तो पेट संबंधी विकार दूर होते हैं। तो आइए जानते हैं कौन से योगासन पेट के लिए होते हैं फायदेमंद जिन्हें नियमित करना चाहिए पेट के समस्त रोगों की तकलीफ से आराम दिलाते हैं ये योगासन अल्सर, कब्ज जैसी पेट संबंधी बीमारियों से हैं परेशान? इन योगासन से दूर हो जाएगी पेट की हर समस्या अल्सर, कोलाइटिस, कब्ज जैसी कई बीमारियां पेट को परेशान करती हैं। अगर ये योगासन रोजाना करें तो उससे पेट से संबंधित सभी बीमारियों से छुटकारा मिल जाएगा
इम्युनिटी के साथ-साथ पाचन तंत्र को दुरुस्त बनाए रखना बेहत जरूरी है। कई मरीजों में संक्रमण से ठीक होने के बाद आंत से जुड़ी परेशानियां देखने को मिल रही हैं। हाजमा ठीक रखने का सबसे अच्छा साधन है योग। अल्सर, कोलाइटिस, कब्ज जैसी कई बीमारियां पेट को परेशान करती हैं। योग करने से पाचन तंत्र अच्छा होगा, साथ ही किसी तरह की बीमारी नहीं होगी। अगर कोई इसे रोजाना करें तो उसकी पेट से संबंधित सभी बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है। पेट के समस्त रोगों की तकलीफ से आराम दिलाते हैं ये योगासन
वक्रासनइस:
आसन में बैठ के पीछे की ओर देखना होता है। इससे पेट और पैरों में खिंचाव आता है जिससे पाचन ठीक रहता है और मासंपेशियां मजबूत होती हैं। पेट संबंधी कोई गंभीर तकलीफ है, तो योग करने से पहले विशेषज्ञ से जरूर पूछ लें, नहीं तो परेशानी बढ़ सकती है। नियमित करने से शरीर में अकड़न की समस्या दूर होती है।
कटिचक्रासन
सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं। एक हाथ को पीछे से कमर पर रखें और कमर को घुमाएं। पेट के लिए सबसे लाभदायक आसन है जो खड़े रहकर आसानी से किया जा सकता है। इसे नियमित करने से कब्ज की समस्या से छुटकारा मिलता है और पाचन शक्ति मजबूत होती है। श्वास रोग में भी ये आसन फायदा पहुंचाता है।
पवनमुक्तासन
पहले एक-एक पैर को मोड़कर घुटने को नाक के पास ले जाएं। इसके बाद दोनों पैरों को एकसाथ मोड़कर नाक के पास ले जाएं। नियमित करने से लाभ होगा और पेट संबंधी विकार दूर होंगे। इसे नियमित करने से पीठ व पेट की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। पेट से वायु को निकालता है और पाचन क्रिया को ठीक रखने में मदद करता है। माहवारी, गदर्न, कमर में दर्द है तो न करें।
चक्रासन
पेट और पीठ दोंनों तरह की समस्याओं में आराम मिलता है। दोनों पैरों को पास लेकर जाएं। इसके बाद दोनों हाथों को पीछे की ओर लेकर जाएं। इसके बाद कमर को उठाएं। इस क्रिया को करते वक्त शरीर पूरी तरह चक्राकार अवस्था में आ जाएगा। इसे नियमित करने से पेट के रोगों में आराम मिलता है। कोई ऑपरेशन, पेट या कमर संबंधी तकलीफ लंबे समय से है तो इसे करने से बचना चाहिए।
ध्यान दें-
सुबह के समय योग करना फायदेमंद होता है।- किसी बीमारी का इलाज चल रहा तो पूछकर करें।- खाना खाने के तुरंत बाद येाग नहीं करना चाहिए।- योग करते हुए क्षमता से अधिक कोशिश न करें।- बीमारी से ठीक हुए हैं तो करने से पहले पूछ लें।
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बॉडी फ्लेक्सिबल बनती है, पाचन क्रिया ठीक रहती है, पेट की समस्याओं में राहत मिलती है, ताड़ासन बल्ड सर्कुलेशन अच्छा होता है, रोज अभ्यास से लंबाई बढ़ती है, घुटने, टखने मजबूत बनते हैं, तिर्यक ताड़ासन , मन शांत होता है, दिल को मजबूत बनाता है, वजन घटता है, लंबाई बढ़ती है, दिल को मजबूत बनाता है, शरीर लचीला होता है, मन शांत होता है आदि।
पाचन तंत्र ठीक रखने के लिए योगासन
भुजंगासन, रीढ़ की हड्डी मजबूत होगी, पाचन ठीक होगा, तिर्यक भुजंगासन, किडनी को स्वस्थ बनाता है, लिवर से जुड़ी दिक्कतें ठीक होती हैं , फेफड़ों को मजबूत बनाता है, किडनी को स्वस्थ बनाता है ,तनाव, चिंता, डिप्रेशन दूर रखता है। अंततःनिष्कर्ष यह निकलता है कि योग का नियमित अभ्यास हमारे पेट के समस्त अंदरूनी रोगों को ठीक करने में सहायक सिद्ध होता है इसलिए रोज करें योग स्वस्थ रहें मस्त रहें और खुश रहें। अलका सिंह, योगा एक्सपर्ट, दिल्ली