भारतीय ग्रैंडमास्टर डी. गुकेश ने इतिहास रचते हुए 18 साल की उम्र में विश्व शतरंज चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर लिया है। गुरुवार को सिंगापुर में खेले गए 14वें और अंतिम मुकाबले में उन्होंने मौजूदा चैंपियन डिंग लिरेन को हराकर यह खिताब जीता। गुकेश ने 14 मैचों की इस क्लासिकल टाइम कंट्रोल शृंखला में 7.5 अंक जुटाए, जबकि डिंग लिरेन 6.5 अंकों पर रह गए। अंतिम मैच के दौरान खेल लंबे समय तक ड्रॉ की ओर बढ़ता दिख रहा था, लेकिन गुकेश ने शानदार रणनीति से जीत हासिल की।
इस ऐतिहासिक जीत के साथ, गुकेश ने रूस के दिग्गज गैरी कास्परोव का रिकॉर्ड तोड़ा, जो 22 साल की उम्र में 1985 में विश्व चैंपियन बने थे। कास्परोव ने उस समय अनातोली कारपोव को हराकर खिताब जीता था।
गुकेश ने इस साल की शुरुआत में कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीतकर सबसे युवा चैलेंजर के रूप में विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई किया था।
वह विश्व खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। इससे पहले शतरंज के दिग्गज और पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने 2013 में यह खिताब जीता था। गुकेश की यह ऐतिहासिक उपलब्धि भारतीय शतरंज के लिए एक नई ऊंचाई है।
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