पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में गुस्से और आक्रोश का माहौल है। इस बीच, भारत किस तरह से जवाब देगा, इसे लेकर कयासों का दौर जारी है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रक्षासचिव राजेश कुमार सिंह से महत्वपूर्ण बैठक की। सूत्रों के अनुसार, यह बैठक ऐसे वक्त में हुई है जब एक दिन पहले ही पीएम मोदी ने एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह से मुलाकात की थी। प्रधानमंत्री अब तक सेना, नौसेना और वायुसेना के प्रमुखों से चर्चा कर चुके हैं और केंद्र सरकार पाकिस्तान पर करारा प्रहार करने की रणनीति को अंतिम रूप देने में जुटी है। गौरतलब है कि इस आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी।

घटना को अब बारह दिन बीत चुके हैं, लेकिन देश का आक्रोश थमा नहीं है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बायसरण घाटी में आतंकियों ने 25 पर्यटकों और एक कश्मीरी पोनी चालक की बेरहमी से हत्या कर दी थी। इस वीभत्स हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कर दिया है कि इस हमले में शामिल और इसे अंजाम देने वालों को ऐसी सज़ा मिलेगी, जिसकी वे कल्पना भी नहीं कर सकते।
भारत ने अब तक पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कूटनीतिक कदम उठाए हैं। इसमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना और पाकिस्तान नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को रोकना शामिल है। इसके अलावा, भारत में पाकिस्तान के दूतावासों में काम कर रहे कूटनीतिक स्टाफ को भी कम कर दिया गया है, जिससे इस्लामाबाद को सख्त संदेश दिया जा सके। पाकिस्तान ने चेतावनी दी है कि अगर भारत जल प्रवाह को रोकने की कोशिश करता है, तो इसे युद्ध की घोषणा माना जाएगा और उसने सभी द्विपक्षीय समझौतों, जिनमें सीमा रेखा (LoC) से जुड़े शिमला समझौता भी शामिल है, को निलंबित करने की धमकी दी है।
पिछले कुछ दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों की कई अहम बैठकें हो चुकी हैं। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने देशवासियों को आश्वस्त करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में “देश की जनता जो चाहती है, वह होकर रहेगा।”
रक्षामंत्री ने कहा, “देश की भौगोलिक सुरक्षा हमेशा हमारे बहादुर सैनिकों ने सुनिश्चित की है। बतौर रक्षामंत्री मेरा कर्तव्य है कि मैं अपने सैनिकों के साथ मिलकर देश की सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करूं और जो कोई भी हमारे देश को धमकाने की कोशिश करता है, उसे करारा जवाब दूं।”
अब देश की निगाहें सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं और पूरा भारत एक सुर में आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की प्रतीक्षा कर रहा है।