पर्यटन मंत्रालय ने राजस्थान सरकार के पर्यटन विभाग और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के सहयोग से 14वें ग्रेट इंडियन ट्रैवल बाजार (जीआईटीबी) के तहत 4 मई 2025 को जयपुर में ‘मीट इन इंडिया कॉन्क्लेव’ का भव्य आयोजन किया। यह सम्मेलन भारत के तेजी से उभरते बैठक, प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनी (एमआईसीई) उद्योग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रहा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि भारत का एमआईसीई सेक्टर आने वाले वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था का मजबूत स्तंभ बनने जा रहा है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि देश में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे और मजबूत सरकारी सहयोग के चलते भारत का एमआईसीई उद्योग वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा, “अब समय आ गया है कि भारत खुद को वैश्विक एमआईसीई मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करे। हमारा लक्ष्य कम से कम 10 भारतीय शहरों को दुनिया के शीर्ष एमआईसीई गंतव्यों में शामिल करना है।”

श्री शेखावत ने ‘भारत मंडपम’, ‘यशोभूमि’, ‘जियो वर्ल्ड सेंटर’ जैसे प्रतिष्ठित स्थलों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत पर्यटन के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। उन्होंने राजस्थान की विरासत और नवाचार को भारत की सफलता का महत्वपूर्ण आधार बताया।
सम्मेलन में 300 से अधिक प्रतिनिधियों और प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें अंतर्राष्ट्रीय एमआईसीई कंपनियां, घरेलू एमआईसीई प्रोफेशनल्स, टूर ऑपरेटर्स, राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारी, मीडिया और पर्यटन व आतिथ्य उद्योग से जुड़े प्रमुख हितधारक शामिल थे।
भारत का एमआईसीई बाजार वर्ष 2024 में 49,402.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर के राजस्व के साथ चमका और अनुमान है कि यह 13 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर के साथ 2030 तक 103,686.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा। इस बढ़त में वाराणसी, खजुराहो, कोच्चि जैसे शहरों में विकसित एमआईसीई हब की अहम भूमिका रही है। भारत में पिछले दशक में बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में भारी प्रगति हुई है – 1,50,000 किलोमीटर से अधिक सड़कों का निर्माण, अत्याधुनिक रेलवे स्टेशन, सेमी हाई-स्पीड ट्रेनें, अंतर्देशीय जलमार्ग, 150 से अधिक हवाई अड्डे और 2.48 मिलियन से अधिक होटल कमरों की उपलब्धता इसके प्रमाण हैं। हाल ही में भारत द्वारा सफलतापूर्वक जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी ने भी देश की वैश्विक पर्यटन छवि को और मजबूत किया है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुमन बेरी ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जी-20 की अध्यक्षता के दौरान जो दृष्टिकोण प्रस्तुत किया गया, उसने भारत के लिए नए द्वार खोले हैं। उन्होंने राज्यों से इस गति को बनाए रखने का आह्वान किया और कहा कि भारत के पास कार्यक्रमों और अनुभवों के क्षेत्र में वैश्विक केंद्र बनने की पूरी क्षमता है।
राजस्थान की उपमुख्यमंत्री सुश्री दीया कुमारी ने राजस्थान को एक उभरते एमआईसीई गंतव्य के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा, “राजस्थान अब केवल विरासत स्थलों का प्रदेश नहीं रहा, बल्कि यह एमआईसीई पर्यटन का एक भविष्य-प्रमुख केंद्र बन रहा है। अत्याधुनिक कन्वेंशन सेंटर, उत्कृष्ट संपर्क सुविधा और डिजिटल बुनियादी ढांचे के साथ हम परंपरा और आधुनिकता का अद्भुत संयोजन पेश कर रहे हैं।”
ओडिशा की उपमुख्यमंत्री श्रीमती प्रवती परिदा ने ओडिशा के मजबूत बुनियादी ढांचे और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की चर्चा की। उन्होंने कहा कि पुरी की आध्यात्मिकता और कोणार्क की वास्तुकला ओडिशा को एक विशिष्ट गंतव्य बनाती है और राज्य हर प्रकार के सम्मेलन और प्रदर्शनी की मेजबानी के लिए तैयार है।

पर्यटन विभाग के अपर सचिव एवं महानिदेशक श्री सुमन बिल्ला ने भारत को वैश्विक एमआईसीई बाजार में शीर्ष पांच देशों में लाने की रणनीति साझा की। उन्होंने कहा कि भारत के पास मजबूत बुनियादी ढांचा और बाजार की मांग पहले से मौजूद है, लेकिन असली चुनौती बेहतर समन्वय में है। उन्होंने राष्ट्रीय एमआईसीई ब्रांड, कौशल विकास अकादमियों और एकीकृत डिजिटल पोर्टल की आवश्यकता पर जोर दिया।
फिक्की की पूर्व अध्यक्ष डॉ. ज्योत्सना सूरी ने कहा, “भारत अब केवल एक अवकाश स्थल नहीं है, बल्कि वैश्विक सम्मेलनों का अग्रणी गंतव्य बनने को तैयार है। ग्रेट इंडियन ट्रैवल बाजार और मीट इन इंडिया जैसे प्लेटफॉर्म से हम विश्व को आमंत्रित कर रहे हैं कि – आइए भारत में मिलें।”
कार्यक्रम के दौरान आईसीसीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. सेंथिल गोपीनाथ ने भी मुख्य संबोधन दिया। समापन सत्रों में भारत की एमआईसीई पर्यटन क्षमता, नीति निर्माण, कन्वेंशन सेंटरों का उन्नयन और वैश्विक एमआईसीई आयोजनों को आकर्षित करने की रणनीतियों पर गहन चर्चा हुई। खरीदारों और विक्रेताओं के लिए बी2बी सत्र भी आयोजित किए गए।
सम्मेलन के पश्चात जीआईटीबी के 14वें संस्करण का आयोजन 5-6 मई को जयपुर के प्रदर्शनी एवं सम्मेलन केंद्र (JECC) में किया जाएगा, जहां भारत के पर्यटन क्षेत्र की नई ऊंचाइयों को रेखांकित किया जाएगा।