जी-20 शिखर सम्मेलन में नरेंद्र मोदी के सुझावों की रोशनी

जी-20 शिखर सम्मेलन का उद्घाटन सत्र इस बार जिस गंभीर मुद्दे पर केन्द्रित रहा, वह दुनिया के सामने उभरते खतरों की बदलती प्रकृति को स्पष्ट करता है। भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के साथ-साथ ड्रग तस्करी को भी वैश्विक शांति, सुरक्षा और मानव अस्तित्व के लिए उतना ही घातक बताया जितना किसी संगठित हिंसा को माना जाता है। उनकी यह चेतावनी केवल कूटनीतिक वक्तव्य नहीं बल्कि बढ़ती वैश्विक वास्तविकताओं का सटीक विश्लेषण है। यह तथ्य अब निर्विवाद है कि मादक पदार्थों की तस्करी आतंकवाद को ईंधन प्रदान करने वाला सबसे बड़ा स्त्रोत बन चुकी है। अरबों डॉलर का यह अवैध व्यापार केवल अपराध जगत को नहीं बल्कि राष्ट्रों की सुरक्षा, समाज की स्थिरता और युवाओं के भविष्य को भी चूर-चूर कर रहा है।

जी-20 शिखर सम्मेलन में नरेंद्र मोदी के सुझावों की रोशनी

मोदी ने अपने संबोधन में साफ कहा कि दुनिया के बड़े राष्ट्रों को ड्रग-माफिया और उसके आतंकवाद से जुड़े वित्तीय नेटवर्क के खिलाफ एकजुट होकर निर्णायक लड़ाई लड़नी होगी। दुनिया आज जिस गति से नए-नए मादक पदार्थों के जाल में फंसती जा रही है, वह वैश्विक चिंता और भी बढ़ाता है। फेंटानाइल जैसे अत्यंत खतरनाक सिंथेटिक ड्रग्स ने अमेरिका में स्वास्थ्य-संकट की भयावह स्थिति पैदा कर दी है, जहां प्रतिदिन अनेक लोग इसके कारण जान गंवा रहे हैं। यह संकट किसी एक देश की समस्या नहीं, बल्कि मानव जीवन पर मंडरा रहा एक वैश्विक खतरा है। यह मानना भूल होगी कि ऐसे ड्रग्स केवल एक महाद्वीप तक सीमित रह सकते हैं; संगठित तस्करी के नेटवर्क इसकी पहुंच दुनिया के किसी भी कोने तक ले जा सकते हैं। यही कारण है कि मोदी ने चेताया कि यदि अभी निर्णायक कार्रवाई नहीं हुई, तो यह त्रासदी अन्य देशों में भी फैल सकती है।

ड्रग्स माफिया केवल एक आपराधिक व्यापार नहीं, बल्कि मानव समाज की जड़ों को खोखला करने वाला वैश्विक संकट है। नशे का कारोबार सीमाओं, कानूनों और नैतिक मूल्यों-तीनों को धत्ता बताकर फैल रहा है। यह न केवल युवाओं के भविष्य को निगल रहा है, बल्कि देशों की आंतरिक सुरक्षा, सामाजिक स्थिरता और आर्थिक व्यवस्था को भी कमजोर कर रहा है। इसलिए ड्रग्स माफिया का खतरा अब केवल कानून-व्यवस्था का विषय नहीं, बल्कि मानव सभ्यता के अस्तित्व का प्रश्न बन गया है। दुनिया भर में नशे का अवैध व्यापार एक विशाल संगठित नेटवर्क के रूप में विकसित हो चुका है, जिसमें माफिया, कार्टेल, हथियार गिरोह, आतंकवादी संगठन और भ्रष्ट तंत्र की गहरी सांठगांठ शामिल है। यह नेटवर्क इतना शक्तिशाली है कि कई देशों में यह समानान्तर सत्ता जैसा व्यवहार करता है। अफगानिस्तान, मैक्सिको, कोलंबिया, म्यांमार, नाइजीरिया, रूस और यूरोप तथा एशिया के अनेक हिस्सों में ड्रग्स कार्टेलों ने शासन प्रणालियों को चुनौती दी है। अनेक जगह तो स्थितियां ऐसी बन जाती हैं कि सरकारें या तो इस लड़ाई में कमजोर पड़ जाती हैं या फिर समझौते करने को मजबूर हो जाती हैं। मोदी ने इस पर नियंत्रण के लिये दुनिया को एकजुट होने की आवश्यकता व्यक्त की।

जी-20 देशों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे ड्रग्स के अवैध उत्पादन, वितरण, ऑनलाइन डार्क-नेट व्यापार, क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से होने वाले भुगतान और सीमा-पार तस्करी पर न केवल नियंत्रण करें बल्कि इसके खिलाफ साझा रणनीति भी अपनाएं। मोदी ने इस दिशा में कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए-प्रत्येक देश में अवैध वित्तीय गतिविधियों पर कड़ा नियंत्रण, एआई के दुरुपयोग को रोकने के लिए सामूहिक प्रयास, डेटा साझाकरण को बढ़ावा, तकनीकी सहयोग को सुदृढ़ करना तथा डिजिटल और साइबर अपराधों के विरुद्ध नई वैश्विक नीति बनाना। एआई का दुरुपयोग आज केवल गलत सूचना फैलाने या साइबर अपराध तक सीमित नहीं रहा; उसके माध्यम से ड्रग्स की ऑनलाइन बिक्री, नकली पहचान, एन्क्रिप्टेड चैनल और तस्करों के गुप्त नेटवर्क को चलाने में भी व्यापक उपयोग होने लगा है। इस पर रोक अब सामूहिक प्रयासों के बिना संभव नहीं।

इस वर्ष का जी-20 शिखर सम्मेलन अमेरिका की अनुपस्थिति के बावजूद काफी सफल माना गया। यह सफलता केवल उपस्थिति की संख्या में नहीं बल्कि चर्चाओं की गुणवत्ता, मुद्दों की गंभीरता और लिए गए निर्णयों के ठोस स्वरूप में दिखाई दी। बड़े देशों का एक-दूसरे से समन्वय और वैश्विक चुनौतियों को लेकर स्पष्टता इस सम्मेलन की बड़ी उपलब्धि रही। दुनिया का बदलता भू-राजनीतिक वातावरण, यूक्रेन और मध्य-पूर्व जैसे संघर्ष, आर्थिक अनिश्चितताएं और ग्लोबल साउथ की महत्वाकांक्षाएं-इन सबके बीच भी यह सम्मेलन शांत, रचनात्मक और समाधान-उन्मुख रहा। यह संकेत है कि दुनिया के राष्ट्र अब प्रतिस्पर्धा से ज्यादा सहयोग को प्राथमिकता देने लगे हैं। ड्रग-तस्करी और आतंकवाद जैसे मुद्दे किसी भी देश की सीमाओं में बंधे नहीं रह सकते; इसलिए उनका समाधान भी सीमाओं के पार सहयोग से ही संभव है।

मोदी के सुझावों का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि भारत लंबे समय से सीमा-पार आतंकवाद का शिकार रहा है और दक्षिण एशिया में ड्रग-तस्करी का एक बड़ा ट्रांज़िट-पॉइंट भी बनता रहा है। भारत ने तकनीक, कानून और कूटनीति-तीनों स्तरों पर इस खतरे से मुकाबला करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनसे दुनिया सीख सकती है। भारत का अनुभव बताता है कि ड्रग-नेटवर्क को समाप्त करने के लिए तीन मोर्चों पर काम करना अत्यंत आवश्यक है-कड़ी सीमा निगरानी, सोशल-मीडिया एवं एआई आधारित निगरानी तंत्र को मजबूत करना, और युवाओं में नशामुक्ति एवं जागरूकता को बढ़ाना। केवल कानून पर्याप्त नहीं; सामाजिक-मानसिक जागरूकता भी उतनी ही जरूरी है।

जी-20 सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सक्रिय, प्रभावशाली और केंद्रीय उपस्थिति ने एक बार फिर सिद्ध किया कि वे आज वैश्विक परिदृश्य के सबसे सशक्त, निर्णायक और भरोसेमंद नेताओं में अग्रणी हैं। अमेरिका की अनुपस्थिति के बावजूद विश्व मंच पर नेतृत्व का जो शून्य बन सकता था, उसे मोदी ने अपने संयमित, दूरदर्शी और कूटनीतिक करिश्मे से भर दिया। ड्रग-तस्करी, आतंकवाद, एआई के दुरुपयोग, वैश्विक अर्थव्यवस्था, ग्लोबल साउथ और मानव-कल्याण जैसे विविध मुद्दों पर उनकी स्पष्ट दृष्टि और व्यावहारिक समाधान ने दुनिया को यह विश्वास दिलाया कि भारत न केवल उभरती शक्ति है बल्कि स्थिर और सकारात्मक दिशा दिखाने वाला पथ-प्रदर्शक भी है। उनकी उपस्थिति ने यह भी रेखांकित किया कि बदलती वैश्विक राजनीति में जहां कई राष्ट्र आंतरिक संघर्षों और नीतिगत अनिश्चितताओं से जूझ रहे हैं, वहीं भारत एक विश्वसनीय, स्थिर और दूरदर्शी नेतृत्व प्रस्तुत कर रहा है। मोदी का यह उभार केवल भारत की प्रतिष्ठा को ऊंचा नहीं उठाता बल्कि दुनिया को एक ऐसे नेतृत्व का विकल्प देता है जो विकास, शांति, सुरक्षा और वैश्विक सहयोग के नए मॉडल को आगे बढ़ा सकता है और यही आज की दुनिया के लिए सबसे बड़ी आवश्यकता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की “एकात्म मानववाद” के दर्शनशास्त्र को वैश्विक विकास के भविष्य में महत्वपूर्ण बताते हुए दुनिया से इसे अपनाने की अपील की। मोदी ने पारंपरिक ज्ञान, स्वास्थ्य क्षेत्र, क्रिटिकल मिनरल्स, सैटेलाइट डेटा एक्सेस, अफ्रीका में क्षमता निर्माण और ड्रग-टेरर नेटवर्क के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का प्रस्ताव रखा। उनका कहना था कि इससे दीर्घकालिक शांति, मज़बूती और सतत विकास सुनिश्चित होगा। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के अध्यक्षता की प्रशंसा की, जिसने कौशल आधारित प्रवासन, पर्यटन, खाद्य सुरक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटल अर्थव्यवस्था, नवाचार और महिलाओं के सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है।

उन्होंने यह भी बताया कि नई दिल्ली जी-20 शिखर सम्मेलन में लिए गए कई ऐतिहासिक निर्णयों पर आगे कार्य हो रहा है। जी-20 शिखर सम्मेलन का संकेत स्पष्ट हैः दुनिया अब नए खतरे पहचान रही है और उन पर सामूहिक कार्रवाई के लिए तैयार भी हो रही है। आतंकवाद और ड्रग-तस्करी के गहरे रिश्ते को तोड़ना वैश्विक शांति के लिए अनिवार्य है। यदि आर्थिक, स्वास्थ्य और सुरक्षा की दृष्टि से सुरक्षित समाज बनाना है, तो ड्रग-पर नियंत्रण करना ही होगा। दुनिया की बढ़ती असुरक्षा का मुकाबला केवल हथियारों से नहीं, बल्कि जागरूकता, संयम, शिक्षा और संवेदनशीलता से होगा। जब तक हम नशे के इस वैश्विक खतरे को एक सामूहिक लड़ाई न मानें, तब तक सुरक्षा केवल एक भ्रम बनी रहेगी। समाज को नशे के खिलाफ खड़ा करना आज समय की बड़ी मांग है-क्योंकि यह केवल एक अपराध के खिलाफ संघर्ष नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य देने का संकल्प है।

आपका सहयोग ही हमारी शक्ति है! AVK News Services, एक स्वतंत्र और निष्पक्ष समाचार प्लेटफॉर्म है, जो आपको सरकार, समाज, स्वास्थ्य, तकनीक और जनहित से जुड़ी अहम खबरें सही समय पर, सटीक और भरोसेमंद रूप में पहुँचाता है। हमारा लक्ष्य है – जनता तक सच्ची जानकारी पहुँचाना, बिना किसी दबाव या प्रभाव के। लेकिन इस मिशन को जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की आवश्यकता है। यदि आपको हमारे द्वारा दी जाने वाली खबरें उपयोगी और जनहितकारी लगती हैं, तो कृपया हमें आर्थिक सहयोग देकर हमारे कार्य को मजबूती दें। आपका छोटा सा योगदान भी बड़ी बदलाव की नींव बन सकता है।
Book Showcase

Best Selling Books

The Psychology of Money

By Morgan Housel

₹262

Book 2 Cover

Operation SINDOOR: The Untold Story of India's Deep Strikes Inside Pakistan

By Lt Gen KJS 'Tiny' Dhillon

₹389

Atomic Habits: The life-changing million copy bestseller

By James Clear

₹497

Never Logged Out: How the Internet Created India’s Gen Z

By Ria Chopra

₹418

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »