क्या जज्बात हैं उनके…
जो दे रहे हैं ज्ञान, क्या हालात हैं उनके,
जो बड़ा रहे हैं मान,क्या जज्बात हैं उनके।
चुनौतीपूर्ण जीवन जो जी रहा है अब,
सफलताओं के किस्से करामात हैं उनके।
निडर बनाने वाला खुद डरा हुआ दिखता है,
सच समझाने से अब काले दिन-रात हैं उनके।
तानाशाही के हुक्म से दबे-कुचले से रहते हैं ,
चरित्र निर्माता के चरित्र अब सवालात हैं उनके।
नैतिकता दफ़न हो गई है दूर कहीं दिखावे में,
कहे मिलन चुप्पी में मुस्कान बस हात हैं उनके।