कहावतों से कामयाबी की ओरआत्मवान अर्थात् खुद  पर भरोसा करने वाले व्यक्ति को सफल होने से कोई नहीं रोक सकता : अजय सिंघल 

-कहावतों से कामयाबी की ओर-

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वर्ष 2020 के लॉकडाउन ने हम सबकी तेज रफ्रतार से भागती हुई जिन्दगी पर ऐसा ब्रेक लगाया कि कई दिनों के लिए सब कुछ ठहर-सा ही गया। एक तरफ कोरोना का हाहाकार मचा हुआ था और दूसरी तरफ क्षणभंगुर जीवन को देखकर हम सबके विचार जीवन के प्रति और एक-दूसरे के प्रति बदलने लगे थे। वह एक ऐसा दौर था, जहा हम सबके पास वक्त था कि रोज भागती हुई जिन्दगी से अलग कुछ अपने बारे में और कुछ अपनों के बारे में सोचें। इसी लॉकडाउन ने मुझे मौका दिया अपने कुछ विचारों को, जो कई दिनों से मेरे भीतर उठ रहे थें, एक ठोस रूप देने का।

अपनी रोजमर्रा की जिन्दगी और व्यावसायिक दिनचर्या में इसके लिए समय निकाल नहीं पा रहा था। मन में एक सोच थी विचार था कि हमारी देसी पुरानी कहावतों में जीवन का पूरा ज्ञान और निचोड़ है। हमारा जीवन बड़े आराम से कामयाब हो सकता है, अगर हम इन कहावतों को अपनाए। और उन्हें अपने जीवन में उतारें। कामयाब होने के लिये ये जरूरी नहीं कि आपने उच्च शिक्षा प्राप्त की हो। विशेष रूप से, आज के युवाओं को यह कहावतें जानने की जरूरत है, ताकि वह जीवन को सरल तरीके से जी सकें।

किसी भी देश की सबसे बड़ी संपत्ती उसके युवा होते हैं। परंतु जब आज के युवा बहुत तेज गति से अपनी मंजिल को हासिल करने के चक्कर में अक्सर अपने लक्ष्य से ही भटक जाते हैं, और अपने सपनों को पूरा करने में सक्षम होते हुए भी असफल हो जाते हैं। ये मनोभाव न सिर्फ उन युवाओं के लिए हानिकारक है, अपितु उनके परिवार, समाज और यहा तक कि देश के लिए भी हानिकारक होता है। युवाओं को सफलता पाने के लिए ये दो गुण जरूर सीखने चाहिए- एक है धैर्य रखनाय् और दूसरा सबको साथ लेकर चलना। हम सब अकेले ही भाग रहे हैं, सब कुछ अकेले ही करना चाहते हैं। उसका नतीजा यह होता है कि हम थोड़ा दूर जाते ही थक जाते हैं। यह थकावट और निराशा हमें असफलता की ओर धकेल देती है।

तेज चलना कोई गलत बात नहीं है, पर सवाल यह उठता है कि क्या तेज चलने वाला सही दिशा में जा भी रहा है? क्या उसने आने वाली निराशा से बचने का उपाय खोज लिया है, क्योंकि निराशाए और असफलताए तो जीवन का अभिन्न अंग हैं। वे तो आएंगी ही आएंगी। यह बात इसलिए भी अहम है क्योंकि यदि इन सबसे हमारा युवा नहीं लड़ पाएगा तो वह निश्चित रूप से हार जाएगा और उसकी हार कहीं-न-कहीं पूरे समाज की हार होगी।

डायमण्ड बुक्स द्वारा प्रकाशित बुक कहावतों से कामयाबी (लेखक अजय सिंघल ) किताब बेहद सरल और आधुनिक भाषा में लिखी गई है ताकि हर वर्ग का युवा इस पुस्तक में लिखे सभी सूत्र को अपने जीवन में आसानी से उतार सके और जीवन में भरपूर सफलता पा सके। मेरा यह मानना है कि हमारी पुरानी कहावतें, मुहावरे, हमारा इतिहास और हमारे शास्त्र हमारी वह अनमोल धरोहर है, जिनको यदि नजदीक से समझा जाए तो हमारा जीवन पूरी तरह से बदल सकता है।

प्रस्तुत पुस्तक फ्कहावतों से कामयाबी की ओरय् में मैंने अपने जीवन के सभी अनुभवों के निचोड़ को इस पुस्तक के माध्यम से आज के युवाओं के समक्ष रऽने का प्रयास किया है। इस पुस्तक में 20 चौप्टर्स के द्वारा कामयाबी के ऐसे कई नायाब देसी नुस्ऽे यानि के आइडियाज आपको मिलेंगे जिनको अपनाकर न सिर्फ आप ऽुद का बल्कि अपने आस-पास, अपने करीबी मित्रें, सम्बनधियों का भी भला कर पाएंगे। इस पुस्तक की शुरुआत फ्आत्मवान बने, आनंदित रहेंय् से की गयी है क्योंकि आत्मवान अर्थात् ऽुद पर भरोसा करने वाले व्यक्ति को सफल होने से कोई नहीं रोक सकता, इस भाग में मैंने ये बताने की कोशिश की है कि वह क्या मूलभूत समस्याएँ हैं, जो आज के युवाओं को जकड़े हुए है, न सिर्फ उन समस्या ओं को हाईलाइट किया गया है बल्कि उनके पूर्णत: कारगार उपाय भी बताये गए हैं।

मेरा यह मानना है कि हमारी पुरानी कहावतें, मुहावरे, हमारा इतिहास और हमारे शास्त्र हमारी वह अनमोल धरोहर है, जिनको यदि नजदीक से समझा जाए तो हमारा जीवन पूरी तरह से बदल सकता है। एक ही पल में हम सफलता के डगर पर अपने कदम बढ़ा सकते हैं। इस पुस्तक फ्कहावतों से कामयाबी की ओरय् में मैंने इन सबका भरपूर वर्णन किया है ताकि हमारा युवा भी हमारी अनमोल धरोहर से परिचित हो सके और अपने जीवन में मनचाही तरक्की पा सके।

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